Home » Madhya Pradesh » Damoh Fake Doctor Case Update: Big disclosure in fake doctor case in Mission Hospital
Damoh Fake Doctor Case Update: मिशन अस्पताल में फर्जी डॉक्टर मामले में बड़ा खुलासा, बिना रोल नंबर और एनरोलमेंट नंबर की डिग्री, पूर्व उपराष्ट्रपति के हस्ताक्षर भी जाली
मिशन अस्पताल में फर्जी डॉक्टर मामले में बड़ा खुलासा...Damoh Fake Doctor Case Update: Big disclosure in fake doctor case in Mission Hospital
Publish Date - April 9, 2025 / 02:56 PM IST,
Updated On - April 9, 2025 / 02:56 PM IST
Damoh Fake Doctor Case Update | Image Source | IBC24
HIGHLIGHTS
मिशन अस्पताल में फर्जी डॉक्टर मामले में बड़ा खुलासा,
बिना रोल नंबर और एनरोलमेंट नंबर की डिग्री,
डिग्री में पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी के फर्जी हस्ताक्षर,
दमोह: Damoh Fake Doctor Case Update: जिले के मिशनरी संचालित मिशन अस्पताल में फर्जी डॉक्टर के कार्यरत होने का चौंकाने वाला मामला सामने आया है। इस गंभीर लापरवाही का खुलासा स्वयं मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (CMHO) डॉ. मुकेश जैन ने IBC24 को दी गई एक्सक्लूसिव जानकारी में किया।
Damoh Fake Doctor Case Update: डॉ. जैन के अनुसार अस्पताल में डॉ. एनजॉन केम नाम से कार्यरत डॉक्टर की असली पहचान नरेंद्र विक्रमादित्य यादव के रूप में हुई है। आरोपी डॉक्टर ने अपने आप को कार्डियोलॉजिस्ट बताते हुए पांडिचेरी विश्वविद्यालय से डिग्री प्राप्त होना बताया था। लेकिन जब दस्तावेजों की बारीकी से जांच की गई तो उसमें न रोल नंबर था, न ही एनरोलमेंट नंबर।
Damoh Fake Doctor Case Update: सबसे चौंकाने वाली बात यह सामने आई कि डिग्री पर पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी के फर्जी हस्ताक्षर मौजूद थे। जब मामले की पुष्टि के लिए दस्तावेजों को जबलपुर मेडिकल कॉलेज भेजा गया, तो जांच में साफ हो गया कि ये सभी प्रमाणपत्र पूरी तरह से फर्जी हैं। इस खुलासे के बाद दमोह कोतवाली थाने में आरोपी डॉक्टर के खिलाफ FIR दर्ज कराई गई है। फिलहाल आरोपी डॉक्टर पर धोखाधड़ी, कूटरचना और अन्य संबंधित धाराओं में मामला दर्ज कर कानूनी कार्रवाई की जा रही है।
Damoh Fake Doctor Case Update: मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. मुकेश जैन ने यह भी संकेत दिए हैं कि इस मामले में अस्पताल प्रबंधन की संलिप्तता या लापरवाही की भी जांच की जा रही है। उन्होंने कहा कि यदि जांच में अस्पताल प्रबंधन की भूमिका संदिग्ध पाई जाती है, तो उनके खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
दमोह फर्जी डॉक्टर की असली पहचान नरेंद्र विक्रमादित्य यादव के रूप में हुई है, जो अस्पताल में डॉ. एनजॉन केम के नाम से कार्यरत था।
दमोह फर्जी डॉक्टर ने कौन सी डिग्री दिखाई थी?
आरोपी ने पांडिचेरी विश्वविद्यालय से कार्डियोलॉजी में डिग्री का दावा किया था, लेकिन उसकी डिग्री और दस्तावेज पूरी तरह फर्जी पाए गए हैं।
दमोह फर्जी डॉक्टर के खिलाफ क्या कार्रवाई हुई है?
दमोह फर्जी डॉक्टर के खिलाफ धोखाधड़ी, कूटरचना और संबंधित धाराओं में FIR दर्ज की गई है। पुलिस द्वारा कानूनी कार्रवाई जारी है।
क्या दमोह मिशन अस्पताल का प्रबंधन भी जांच के दायरे में है?
हां, दमोह फर्जी डॉक्टर के मामले में अस्पताल प्रबंधन की भूमिका की भी जांच हो रही है। यदि लापरवाही या संलिप्तता पाई गई तो उनके खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जाएगी।
दमोह फर्जी डॉक्टर का खुलासा कैसे हुआ?
CMHO डॉ. मुकेश जैन ने दस्तावेजों की जांच कराई, जिसमें फर्जी हस्ताक्षर, बिना रोल नंबर वाले प्रमाणपत्र और फर्जी विश्वविद्यालय दावे का भंडाफोड़ हुआ।