भोपाल: Samvida Employee लोकसभा चुनाव नजदीक है और चुनाव से ठीक पहले एमपी में संविदा कर्मचारी अपनी मांगों को मनवाने के लिए धरना प्रदर्शन का रास्ता अख्तियार कर सकते हैं। विधानसभा चुनाव से पहले नियमितीकरण के लिए जो नीति बनाई गई थी। उस नियम में कई बदलाव की मांग उठ रही है। जिस पर अब राजनीतिक प्रतिक्रियाएं भी सामने आ रही हैं। पहले दर्शकों को ये बताते हैं कि आखिर नियमितीकरण के मौजूदा नियमों में संविदा कर्मचारी क्या बदलाव चाहते हैं।
Samvida Employee एमपी में लोकसभा चुनाव से पहले संविदा कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर एक बार फिर से धरना प्रदर्शन की राह पर जा सकते हैं। विधानसभा चुनाव से ठीक पहले तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण के नीति तैयार की थी। जिसे लागू भी किया गया लेकिन अब संविदा कर्मचारी अब संविदा कर्मचारी इन नियमों का भी विरोध कर रहे हैं। नियमितीकरण, ग्रेड पे, वरीयता सहित 10 सूत्रीय मांगों को लेकर संविदा कर्मी नाराज हैं और नए नियमों में संशोधन की मांग भी कर्मचारी कर रहे हैं।
दरअसल नियमितीकरण की नई नीति के तहत संविदा कर्मी को देनी परीक्षा होगी। इसके अलावा परीक्षा में 50 प्रतिशत अंक लाना अनिवार्य होगा। साथ ही सीधी भर्ती में संविदा के लिए 20 प्रतिशत पद आरक्षित हैं और एससी-एसटी उम्मीदवारों को 10 प्रतिशत अंकों की छूट भी दी गई है।
एक तरफ बीजेपी लोकसभा चुनाव के पहले कर्मचारियों की नाराजगी मोल नहीं लेना चाहती, तो, विपक्ष कर्मचारियों के साथ कदमताल कर सरकार को घेरने की रणनीति तैयार कर रहा है। ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि लोकसभा चुनाव में संविदा कर्मचारियों की नाराजगी क्या गुल खिलाती है।