Reported By: Vijendra Pandey
,MP में शासकीय शिक्षकों की ई-अटैंडेंस, image source: ibc24
जबलपुर: E-attendance in schools , मध्यप्रदेश में शासकीय शिक्षकों की ई-अटैंडेंस के मामले पर राज्य सरकार ने जबलपुर हाईकोर्ट में जवाब पेश कर दिया है। मामले पर आज हुई सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने अपना विस्तृत जवाब हाईकोर्ट में पेश किया है। सरकार की ओर से मुख्यत: याचिकाकर्ता शिक्षकों के आरोपों को नकार दिया गया है और कोर्ट से शिक्षकों की याचिका ख़ारिज करने की मांग की गई है।
राज्य सरकार ने दावा किया है कि प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में भी मोबाईल नेटवर्क की ऐसी दिक्कत नहीं है कि टीचर्स ई-अटैंडेंस ना लगा सकें। राज्य सरकार ने अपने जवाब में, हमारे शिक्षक ई-अटैंडेंस एप से डेटा लीक होने की आशंकाओं को भी नकार दिया है। जवाब में कहा गया है कि सरकार ने हमारे शिक्षक ई अटैंडेंस मोबाईल एप के लिए डेटा सिक्योरिटी का सर्टिफिकेट ले लिया है और एप से शिक्षकों का प्राईवेट डेटा चोरी होने जैसा कोई जोखिम नहीं है।
E-Attendance in Schools, मध्यप्रदेश सरकार ने अपने जवाब में कहा कि ई अटैंडेंस के मामले में कोर्ट को सुनवाई करने की ज़रुरत नहीं है क्योंकि हाईकोर्ट पहले ही, शासकीय कर्मचारियों की ई-अटैंडेंस पर अपना फैसला सुना चुका है। राज्य सरकार ने अपने जवाब में साल 2014 के राजेंद्र कुमार शिवहरे वर्सेज़ स्टेट ऑफ मध्यप्रदेश और साल 2017 के राज्य अध्यापक संघ वर्सेज़ स्टेट ऑफ मध्यप्रदेश मामले पर आए फैसलों का हवाला दिया है।
राज्य सरकार ने अपने जवाब में इन मामलों में आए हाईकोर्ट के डिसीज़न की कॉपी भी पेश की है जिसमें कोर्ट ने ई-अटैंडेंस को जायज़ ठहराकर इसे चुनौती देने वाले शासकीय कर्मचारियों की याचिकाएं ख़ारिज कर दीं थी। पुराने फैसलों के आधार पर राज्य सरकार ने हाईकोर्ट से शिक्षकों की ताज़ा याचिका भी ख़ारिज करने की मांग की है।
हालाकि हाईकोर्ट में पेश राज्य सरकार के इस जवाब के विरोध में याचिकाकर्ता शिक्षकों की ओर से कोर्ट में एक रीज्वाईंडर पेश कर जवाब दिया जाएगा, क्योंकि शिक्षक सरकार की इस दलील से सहमत नहीं हैं कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी मोबाईल नेटवर्क कनेक्टिविटी की ख़ास दिक्कत नहीं है। फिलहाल जबलपुर हाईकोर्ट ने राज्य सरकार के जवाब को रिकॉर्ड पर ले लिया है और मामले पर अगली सुनवाई 1 हफ्ते बाद तय कर दी है।