मप्र में गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा तक समान पहुंच सुनिश्चित की जाएगी : मंत्री कुंवर विजय शाह

मप्र में गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा तक समान पहुंच सुनिश्चित की जाएगी : मंत्री कुंवर विजय शाह

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  • Publish Date - December 30, 2025 / 08:59 PM IST,
    Updated On - December 30, 2025 / 08:59 PM IST

भोपाल, 30 दिसंबर (भाषा) मध्यप्रदेश में गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा तक समान पहुंच सुनिश्चित करने हेतु आगामी

तीन वर्षों में जनजातीय वर्ग के विद्यार्थियों के लिए शिक्षा सुविधाओं में विस्तार किया जाएगा तथा प्रत्येक जनजातीय विकासखण्ड में सांदीपनि विद्यालय की स्थापना की जायेगी।

मध्यप्रदेश के जनजातीय कार्य मंत्री डॉ कुंवर विजय शाह ने मंगलवार को दो साल की विभागीय उपलब्धियों पर आयोजित पत्रकार वार्ता में यह जानकारी दी।

उन्होंने कहा, ‘‘आगामी तीन वर्षों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तक समान पहुंच सुनिश्चित की जाएगी। अधोसंरचना, स्मार्ट क्लास, लैब एवं लाइब्रेरी सुविधाओं का उन्नयन किया जायेगा। प्रत्येक जनजातीय विकासखण्ड में संदीपनि विद्यालय, एकलव्य विद्यालय, माता शबरी कन्या शिक्षा परिसर और बालक आदर्श आवासीय विद्यालय की स्थापना की जायेगी।’’

उन्होंने बताया कि जनजातीय श्रद्धा एवं पूजा स्थलों का उन्नयन किया जायेगा। जनजातीय समाज की सामाजिक एवं सांस्कृतिक गतिविधियों के आयोजन के लिए 86 जनजातीय विकास खण्डों में कला भवन की स्थापना की जायेगी।

डॉ. शाह ने कहा कि डिंडोरी जिले की गोंड पेंटिंग को जी.आई. टैग प्राप्त हुआ है। सात उत्पादों की जी.आई. टैग की प्रक्रिया प्रचलित है, जिसमें भील जनजाति के गलशन माला, बोलनी, पिथौरा चित्रशैली, झाबुआ आदिवासी गुड़िया एवं गोंड जनजाति समूह के वाद्य यंत्र बाना चिकारा तथा मुखौटा काष्ठ शिल्प शामिल हैं।

उन्होंने बताया कि गुजरात के केवड़िया में संचालित जनजातीय महिला कैफेटेरिया की तर्ज पर पचमढ़ी, मांडू, कान्हा-किसली, पेंच एवं बांधवगढ़ में कैफेटेरिया का निर्माण किया जा रहा है। जनजातीय स्व-सहायता समूह की महिलाओं द्वारा कैफेटेरिया का संचालन किया जायेगा। इससे जनजातीय महिलाओं को आजीविका का साधन मिलेगा तथा जनजातीय संस्कृति का भी संरक्षण होगा।

प्रधानमंत्री जनजातीय आदिवासी न्याय महा अभियान की चर्चा करते हुए डॉ. शाह ने बताया कि 13 लाख 43 हजार से अधिक जनजातीय जनसंख्या लाभान्वित हो रही है। यह अभियान में नौ मंत्रालयों की 11 अधोसंरचनात्मक एवं सात हितग्राही मूलक योजनाओं के माध्यम से अत्यंत पिछड़ी जनजातियों को लाभान्वित किया जा रहा है। इसमें मध्यप्रदेश की तीन जनजाति बैगा, भारिया एवं सहरिया शामिल हैं।

उन्होंने बताया कि हितग्राही मूलक योजनाओं में पिछले दो वर्षों में 10,99,125 आधार कार्ड, 5,96,931 जनधन बैंक खाता, 7,23,236 आयुष्मान भारत, 10,01,220 जाति प्रमाण पत्र, 59,455 किसान क्रेडिट कार्ड, 88,899 पीएम किसान सम्मान निधि और 3,01,964 राशन कार्ड बनाए गए।

मध्यप्रदेश में ‘सांदीपनि विद्यालय’ राज्य सरकार की एक महत्वाकांक्षी पहल है, जो पहले से चल रहे ‘सीमा राइस स्कूल’ का नाम बदलकर शुरू की गई है। इसका उद्देश्य गरीब और जनजातीय वर्ग के बच्चों को विश्वस्तरीय गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, कौशल विकास और संस्कार देना है। इनमें आधुनिक सुविधाएं, एआई शिक्षा और करियर मार्गदर्शन शामिल हैं तथा इनका विस्तार हर जनजातीय विकासखंड में किया जाएगा।

भाषा

दिमो रवि कांत