भोपाल, 30 दिसंबर (भाषा) मध्यप्रदेश के जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट ने मंगलवार को कहा कि राज्य में सिंचाई के रकबे में निरंतर वृद्धि हो रही है और माइक्रो सिंचाई पद्धति में यह प्रदेश देश में अग्रणी बन गया है।
सिलावट ने एक संवाददाता सम्मेलन में अपने विभाग की दो वर्ष की उपलब्धियों का लेखा-जोखा प्रस्तुत करते हुए यह बात कही।
उन्होंने कहा, ‘मुख्यमंत्री मोहन यादव के कुशल नेतृत्व में मध्यप्रदेश में गत दो वर्षों में सिंचाई क्षमता में अभूतपूर्व बढ़ोतरी हुई है और प्रदेश में सिंचाई के रकबे में भी निरंतर वृद्धि हो रही है। माइक्रो सिंचाई पद्धति में मध्यप्रदेश देश में अग्रणी राज्य है।’
मंत्री ने कहा कि किसानों की तरक्की और खुशहाली सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है और पेयजल, उद्योगों, विद्युत उत्पादन आदि के लिए जल की उपलब्धता सुनिश्चित कराना सरकार की जिम्मेदारी है।
उन्होंने कहा कि जल संरक्षण एवं संवर्धन क्षेत्र में भी राज्य ने उत्कृष्ट कार्य किया है और इसके लिए उसे राष्ट्रीय जल अवार्ड मिला है।
सिलावट ने कहा कि केन-बेतवा बहुउद्देशीय नदी जोड़ो राष्ट्रीय परियोजना से जहां बुंदेलखंड क्षेत्र की तस्वीर एवं तकदीर बदल जाएगी, वहीं पार्वती- कालीसिंध-चंबल लिंक राष्ट्रीय परियोजना से प्रदेश के बड़े हिस्से में सिंचाई, पेयजल, उद्योगों आदि के लिए पर्याप्त मात्रा में जल उपलब्ध हो सकेगा।
उन्होंने कहा कि तापी बेसिन मेगा रिचार्ज परियोजना के अंतर्गत वर्षा के दौरान तापी नदी के अतिरिक्त जल को नियंत्रित तरीके से भू-जल भरण के लिए उपयोग किया जाएगा, जिससे भू-जल स्तर में वृद्धि की जाएगी।
जल संसाधन मंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ‘पर ड्रॉप मोर क्रॉप’ की अवधारणा को मूर्त रूप देने के लिए निरंतर प्रयास किये जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि सिंहस्थ 2028 के आयोजन के मद्देनजर क्षिप्रा नदी को निर्मल-अविरल एवं निरंतर प्रवहमान बनाकर श्रद्धालुओं की भावनाओं के अनुरूप विभिन्न कार्य कराये जा रहे हैं।
भाषा
ब्रजेन्द्र रवि कांत