Vande Bharat Train: वंदे भारत स्लीपर ट्रेन ने दिखाया दम, 180 की स्पीड पर भी नहीं छलका गिलास का पानी, वीडियो देखकर आप भी रह जाएंगे हैरान

Vande Bharat Train: वंदे भारत स्लीपर ट्रेन ने दिखाया दम, 180 की स्पीड पर भी नहीं छलका गिलास का पानी, वीडियो देखकर आप भी रह जाएंगे हैरान

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  • Publish Date - December 30, 2025 / 10:31 PM IST,
    Updated On - December 30, 2025 / 11:05 PM IST

Vande Bharat Train | Photo Credit: IBC24

HIGHLIGHTS
  • वंदे भारत स्लीपर ट्रेन ने ट्रायल में 180 किमी/घंटा की रफ्तार हासिल की
  • रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने वीडियो साझा कर तकनीकी स्थिरता दिखाई
  • पानी के गिलास टेस्ट ने ट्रेन की स्मूदनेस और आधुनिक तकनीक को साबित किया

नई दिल्ली: Vande Bharat Train ट्रेन में सफर करने वाले यात्रियों के लिए बड़ी खुशखबरी है। भारतीय रेलवे की नई वंदे भारत स्लीपर ट्रेन का ट्रायन मंगलवार को हो गया। ट्रायल रन के ट्रेन दौरान 180 किमी प्रति घंटे की टॉप स्पीड हासिल कर इतिहास रच दिया। जिसका वीडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। यह ट्रायल सवाई कोटा-नागदा सेक्शन पर किया गया

Vande Bharat Train रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव एक्स पर ट्रेन की स्पीड ट्रायल का एक वीडियो भी पोस्ट किया है। जिसमें आप देख सकते हैं कि ट्रेन 180 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ती हुई दिखाई दे रही है। उन्होंने एक्स पोस्ट में लिखा, ‘आज रेल सुरक्षा आयुक्त द्वारा वंदे भारत स्लीपर का परीक्षण किया गया। यह कोटा-नागदा खंड पर 180 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चली. हमारे स्वयं के जल परीक्षण ने इस नई पीढ़ी की ट्रेन की तकनीकी विशेषताओं को प्रदर्शित किया।’

वीडियो में दिखाया गया है कि जब वंदे भारत स्लीपर ट्रेन ट्रायल के दौरान 180 की स्पीड से पटरियों पर दौड़ रही थी, तब केबिन में मौजूद कर्मचारी इसका वीडियो बना रहा होता है। ट्रेन के केबिन में स्पीडोमीटर के ठीक सामने पानी की 4 गिलास रखी होती है। जिसमें पानी भरा होता है। लेकिन 180 की रफ्तार में ट्रेन के दौड़ने के बावजूद भी एक बूंद भी पानी का छलकता नहीं है। वीडियो में आप देखेंगे कि ट्रेन की स्पीड स्पीडोमीटर में दिखाता है।

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वंदे भारत स्लीपर ट्रेन का ट्रायल कहां हुआ?

सवाई कोटा–नागदा सेक्शन पर।

ट्रेन ने ट्रायल में कितनी स्पीड हासिल की?

180 किमी प्रति घंटे की टॉप स्पीड।

पानी के गिलास टेस्ट क्या था?

ट्रेन के केबिन में रखे गिलासों में पानी 180 की स्पीड पर भी नहीं छलका, जिससे ट्रेन की स्थिरता साबित हुई।