भोपाल। यदि एक आदमी शिक्षित होता है तो केवल एक व्यक्ति शिक्षित होता है, लेकिन जब एक बेटी शिक्षित होती है तो पूरी पीढ़ी शिक्षित होती है। कुछ इन्हीं भावों और विचारों के साथ मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ का नंबर वन न्यूज चैनल IBC24 हर वर्ष बोर्ड परीक्षा में उत्कृष्ठ अंक अर्जित करने वाली बेटियों को स्वर्ण शारदा स्कॉलरशिप प्रदान करता है। स्वर्ण शारदा स्कॉलरशिप केवल एक स्कॉलरशिप ही नहीं हैं, बल्कि यह उन बेटियों के भविष्य के लिए अंशदान है, जो समाज और अन्य छात्रों के लिए प्रेरणा बने हैं। इस बार भी मध्यप्रदेश की जिले में प्रथम आने वाली बेटियों को 50-50 हजार रुपए प्रदान किया गया। सम्मान पाने वालों में ग्वालियर जिले की बेटी रिमझिम करोठिया भी शामिल है।
ग्वालियर जिले की बेटी रिमझिम करोठिया ने कॉमर्स में 12th में प्रदेश में पहला स्थान प्राप्त किया है। साथ ही ग्वालियर जिले की टॉपर बिटियां भी बन गई है। रिमझिम कटोरिया ग्वालियर के आनंद नगर में समर्थ उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में पढ़ती है। रिमझिम ने 500 में से 491 नंबर प्राप्त की है। ग्वालियर की रिमझिम करोठिया ने 12वीं कक्षा में 98.2 प्रतिशत अंक हासिल किए है। गरीबी और आर्थिक तंगी के संघर्ष में बड़ी हुई रिमिझिम के पिता रवि शंकर करोठिया पेशे से ड्राइवर हैं। एक लोडिंग वाहन चलाकर परिवार की गुजर बसर करते हैं, लेकिन बेटी की पढ़ाई में लगाव के आगे कभी कोई चीज़ आड़े नहीं आने दी। रिमझिम को उम्मीद थी कि वह मेरिट लिस्ट में जगह बना सकती है, लेकिन प्रदेश में अव्वल आएगी। इस बात का अंदाजा नहीं था। जब रिजल्ट आया तो खुद चार से पांच बार उसने रीचेक किया कि कहीं कोई गलती तो नहीं, लेकिन ये उसकी मेहनत का नतीजा था जो अब मध्य प्रदेश में गूंज रही थी। रिमझिम ने पढ़ाई के लिए काफी मेहनत की है। उसने बताया की वह हर रोज चार से पांच घंटे पूरे फोकस के साथ पढ़ा करती थी। उसने पूरे साल रेगुलर पढ़ाई की ऐसे में उसके लिए परीक्षा की तैयारी काफी आसान रही और सब आराम से हो गया। रिमझिम के टीचर्स को इस बात का भरोसा था की वह परीक्षा में बेहतर परिणाम ला सकती है। इसलिए वे हमेशा मोटिवेट करते थे। रिमझिम करोठिया बारवीं पास करने के बाद अब आगे सीए बनना चाहती है। इसलिए कॉमर्स स्ट्रीम में ही आगे बढ़ेगी। अगले 5 साल का गोल उन्होंने सीए बनने के लिए तय कर लिया है। सबसे खास बात ये है। रिमझिम ने बिना कोचिंग सेल्फ स्टडी के बलबूते इस बार ज्यादा मेहनत की थी, क्योंकि उसे मेरिट में आना था। उन्होंने बताया कि, रिमझिम ने 10वीं कक्षा में भी 96 प्रतिशत अंक हासिल किए थे। लेकिन वह मेरिट में नहीं आ सकी थी, इसलिए उसके मन में था कि इस बार अपनी जगह जरूर बनानी है और उसे सफलता मिल गई।
बता दें कि मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ का नंबर वन न्यूज चैनल 2015 से ही यह स्कॉलरशिप प्रदान कर रहा है। IBC24 अपने स्थापना के समय से ही बेटियों की शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए प्रयासरत रहा है। स्वर्ण शारदा स्कॉलरशिप हमारे इस मुहिम की एक बानगी है। इसके जरिए हम बेटियों को उड़ान भरने के लिए आसमान देते हैं, जिससे वह समाज बीच बेटियों के लिए पनपी गलत धारणाओं को दूर कर सकें।