#SarkarOnIBC24: ईको फ्रेंडली ‘कुर्बानी’.. बकरीद पर ‘तनातनी’! तैयार किए गए मिट्टी से बने बकरे, जानिए इस पर आखिर क्यों छिड़ा है सियासी घमासान?
ईको फ्रेंडली 'कुर्बानी'.. बकरीद पर 'तनातनी'! तैयार किए गए मिट्टी से बने बकरे, Goats made of clay have been prepared, why has a political uproar erupted
भोपालः SarkarOnIBC24: बांग्लादेशी घुसपैठियों के बाद अब बात मुस्लिम समाज के सबसे बड़े त्योहार ”ईद-उल-अजहा” की, जिसे बकरीद के नाम से भी जाना जाता है, जो ज्यादा दूर नहीं है। मुस्लिम भाई इसकी जोर-शोर से तैयारी में जुटे हैं, लेकिन दूसरी तरफ इसमें होने वाली कुर्बानी पर सवाल भी खड़े किए जा रहे हैं। हिदूवादी संगठन मुसलमानों को कुर्बानी के विकल्प सुझा रहे हैं। कोई ”वर्चुअल कुर्बानी” की सलाह दे रहा है तो कई ”इको फ्रेंडली कुर्बानी” आखिर क्या हैं ”कुर्बानी” के ये नए तरीके और क्यों इस पर छिड़ा है सियासी घमासान जानते हैं इस खबर में?
SarkarOnIBC24: बकरीद करीब है और मार्केट में बकरों की पूछ-परख भी बढ़ गई है। कुर्बानी के लिए खरीदे जा रहे इन बकरों पर मध्यप्रदेश में विवाद भी शुरू हो गया है। हिंदू संगठनों ने ना केवल सरकार से कुर्बानी पर रोक लगाने की मांग की है बल्कि मुसलमानों के लिए मिट्टी से ईको फ्रेंडली बकरे तैयार कर फ्री ले जाने की पेशकश कर दी। कुर्बानी को पशुओं के प्रति क्रूरता बताया है.. जिस पर बवाल मच गया है। हिंदू संगठनों की अपील पर अब मुस्लिम समुदाय की प्रतिक्रिया भी सामने आई है.. मुस्लिम विद्नानों ने इसे इस्लाम धर्म में बेवजह दखलंदाजी करार दिया।
बकरीद पर कुर्बानी के सवाल पर शुरू हुए विवाद ने सियासी रंग भी ले लिया है। बीजेपी हिंदू संगठनों की मांग को जहां जायज ठहरा रही हैं। वहीं कांग्रेस इसे लोगों का ध्यान मूल मुद्दों से भटकाने की बीजेपी की साजिश बता रही है। दिलचस्प बात ये है कि बकरीद पर कुर्बानी को लेकर सियासी बवाल सिर्फ मध्यप्रदेश में ही नहीं मचा है बल्कि महाराष्ट्र में भी ये मुद्दा खासा तूल पकड़ चुका है। महाराष्ट्र सरकार में मंत्री नितेश राणे इसे लेकर मुखर हैं… होली-दीवाली इको फ्रेंडली तरीके से मनाने की बात करने वालों को आड़े हाथ ले रहे हैं, हालांकि इस पर शरद पवार की NCP का पलटवार भी आया है।
बागेश्वर धाम के प्रमुख धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने भी पिछले दिनों कुर्बानी पर सवाल उठाए थे। आज के सभ्य और सुशिक्षित समाज में जीव हिंसा को रोकने की बात कही थी। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ में भी इस मामले की सुनवाई हो चुकी है। दरअसल विदिशा की हैदरगढ़ ग्राम पंचायत ने स्थान विशेष पर कुर्बानी पर रोक लगा दी थी जिसके खिलाफ याचिकाकर्ताओं ने हाईकोर्ट का रुख किया था, लेकिन कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी थी और याचिकाकर्ता को पहले ग्राम पंचायत में अपील करने को कहा था.. बकरीद पर अब ज्यादा दूर नहीं है। इसे वर्चुअल और इको-फ्रेंडली तरीके से मनाया जा सकता है या नहीं ये बहस का मुद्दा है.. लेकिन तब तक इस पर सियासी घमासान बढ़ता ही जा रहा है।

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