Reported By: Mridul Pandey
,School Holiday News Today: 31 अगस्त तक बंद रहेंगे सभी स्कूल, स्वतंत्रता दिवस पर रहेंगे बंद / Image Source: File
सतना। School Closed Latest News : शिक्षा पर सरकार हर साल करोड़ों रुपये खर्च कर रही है, लेकिन क्या इसका लाभ जमीनी स्तर पर बच्चों को मिल रहा है? सतना जिले से एक ऐसी तस्वीर सामने आई है, जो सरकारी स्कूलों की बदहाली और शिक्षा व्यवस्था पर बड़े सवाल खड़े कर रही है। अकेले सतना जिले में 60 सरकारी स्कूलों पर ताला लगा दिए गए हैं यानी कि बंद कर दी गई हैं, क्योंकि इन स्कूलों में नामांकन शून्य हो चुका है। यानी अब यहाँ कोई छात्र नहीं पढ़ता। सवाल उठता है कि आखिर ऐसा क्यों हो रहा है? हमारी टीम जब ग्राउंड पर पहुंची, तो हालात बेहद चौंकाने वाले थे।
सतना मुख्यालय से 20 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है यह नकटी गांव जहां पर प्राथमिक शाला एक नीम के पेड़ के नीचे लगाया जाता था। यह वही नीम का पेड़ है जहां बीते वर्ष तक स्कूल खुले आसमान के नीचे लगता था ग्रामीणों ने शासन से भवन की मांग की लेकिन मांग पूरी न होने के कारण अभिभावकों ने बच्चो का नाम सरकारी स्कूल से कटवा कर प्राइवेट में करवा लिया तो कुछ अभिभावकों ने दूर के सरकारी स्कूल में दाखिला करवाया लेकिन स्कूल दूर होने के कारण उन्हें रोज स्कूल जाने में दिक्कत हो रही। ऐसा ही एक और तस्वीर ग्राम पंचायत मदनी की है,, जहां भवन बेहद जर्जर था बच्चों की सुरक्षा को लेकर चिंताजनक स्थिति हो गई अभिभावकों ने विद्यालय से बच्चों का नाम कटवा लिया अब विद्यालय पर ताला लग गया है और भवन खंडहर में तब्दील हो गया। स्थानीय सरपंच पति शिक्षा का गिरा हुआ तारा भी विद्यालयों के बंद होने का एक कारण बता रहे है।
सतना जिले में 60 स्कूल ऐसे ही बंद हो चुके हैं और दर्जनों बंद होने की कगार पर है। कारण यही की कहीं भवन नही तो कहीं स्कूलों के जर्जर भवन से हादसों का डर। कहीं शिक्षकों नही तो कहीं शिक्षा का गिरा हुआ स्टार,, सरकारी स्कूलों की इस बदहाली के चलते अभिभावकों ने अपने बच्चों को प्राइवेट स्कूलों में भेजना शुरू कर दिया, लेकिन वहाँ की महंगी फीस अब उनकी जेब पर भारी पड़ रही है। अब सवाल उठता है कि गरीब का बच्चा कहां पढ़ेगा? क्योंकि सरकारी स्कूल बंद हो रहे हैं और प्राइवेट स्कूलों की फीस हर किसी के बस की बात नहीं।
जिले के अधिकारी कहते हैं कि ग्रामीण अंचल पर जिन स्कूलों में छात्रों की संख्या कम है उन्हें बड़ी सरकारी स्कूलों में शिफ्ट किया जा रहा है। बड़ा सवाल यह है कि इन बड़े स्कूलों की दूरी इतनी ज्यादा है कि वहाँ बच्चों को भेजना अभिभावकों के लिए आसान नहीं है। सरकार शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के लिए करोड़ों रुपये खर्च कर रही है, लेकिन जब स्कूल ही बंद हो रहे हैं तो सवाल उठता है कि ये पैसा आखिर जा कहाँ रहा है? हालांकि जिले के अधिकारी भी इस बात से इत्तेफाक रखते हैं कि कहीं ना कहीं सुविधाओं का अभाव और शिक्षा का स्टार सही न होने के कारण सरकारी स्कूलों से अभिभावक मुंह मोड़ रहे।
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