Publish Date - March 2, 2025 / 03:10 PM IST,
Updated On - March 2, 2025 / 03:19 PM IST
Guna News | Source : IBC24
HIGHLIGHTS
आदिवासी समाज के वीर योद्धा टंट्या मामा की प्रतिमा स्थापना और अनावरण को लेकर विवाद खड़ा हो गया है।
प्रशासन ने प्रतिमा स्थापना पर आपत्ति जताते हुए कहा है कि इस प्रक्रिया के लिए जरूरी अनुमति नहीं ली गई।
प्रशासन की तरफ से सभा करने के लिए परमिशन दी गई है।
गुना। एमपी के गुना जिले में आदिवासी समाज के वीर योद्धा टंट्या मामा की प्रतिमा स्थापना और अनावरण को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। प्रशासन ने प्रतिमा स्थापना पर आपत्ति जताते हुए कहा है कि इस प्रक्रिया के लिए जरूरी अनुमति नहीं ली गई और निर्धारित नियमों का पालन नहीं किया गया। प्रशासन की तरफ से सभा करने के लिए परमिशन दी गई है। लेकिन बावजूद इसके स्थानीय समाज के प्रतिनिधियों का आरोप है कि सत्ता पक्ष के लोग भेदभावपूर्ण रवैया अपना रहे हैं और उनकी भावनाओं की अनदेखी की जा रही है। इस विवाद के चलते आदिवासी समाज ने कल एक महापंचायत आयोजित करने का ऐलान किया है। इस महापंचायत में समाज के प्रमुख नेता और बड़ी संख्या में स्थानीय लोग शामिल होंगे। महापंचायत के दौरान आगे की रणनीति तय की जाएगी।
1. गुना में टंट्या मामा की प्रतिमा स्थापना को लेकर क्या विवाद हुआ है?
गुना जिले में आदिवासी समाज के वीर योद्धा टंट्या मामा की प्रतिमा स्थापना को लेकर विवाद हुआ है। प्रशासन ने इसे अनुमति के बिना स्थापित करने का आरोप लगाया है, जबकि स्थानीय समाज के प्रतिनिधियों का कहना है कि सत्ता पक्ष भेदभावपूर्ण रवैया अपना रहा है।
2. प्रशासन ने टंट्या मामा की प्रतिमा स्थापना पर क्यों आपत्ति जताई?
प्रशासन का कहना है कि टंट्या मामा की प्रतिमा स्थापना के लिए आवश्यक अनुमति नहीं ली गई और निर्धारित नियमों का पालन नहीं किया गया।
3. महापंचायत का आयोजन कब और क्यों किया गया है?
गुना में आदिवासी समाज ने इस विवाद के चलते एक महापंचायत आयोजित करने का ऐलान किया है। इस महापंचायत में समाज के प्रमुख नेता और बड़ी संख्या में स्थानीय लोग शामिल होंगे, और यहां आगे की रणनीति पर चर्चा की जाएगी।
4. आदिवासी समाज के आरोप क्या हैं?
आदिवासी समाज के प्रतिनिधियों का आरोप है कि सत्ता पक्ष उनकी भावनाओं की अनदेखी कर रहा है और भेदभावपूर्ण रवैया अपना रहा है।
5. गुना में टंट्या मामा की प्रतिमा स्थापना का महत्व क्या है?
टंट्या मामा आदिवासी समाज के एक वीर योद्धा थे और उनकी प्रतिमा की स्थापना से समाज की सम्मानजनक पहचान स्थापित होने की उम्मीद जताई जा रही थी, जो अब विवाद का कारण बन गई है।