ग्वालियर: Neemuch Fake Encounter Case: मध्यप्रदेश के नीमच जिले में 16 साल पुरानी एक फर्जी एनकाउंटर मामले में सीबीआई ने जांच शुरू कर दी है। मामला साल 2009 का है जब नीमच पुलिस ने नशे के तस्कर बंशी गुर्जर को एनकाउंटर में मारने का दावा किया था। हालांकि साल 2012 में यह खुलासा हुआ कि बंशी गुर्जर जिंदा पकड़ा गया था जिससे एनकाउंटर की सच्चाई पर सवाल उठने लगे।
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Neemuch Fake Encounter Case: फर्जी एनकाउंटर मामले में झांसी रोड थाना पुलिस के टीआई मंगल सिंह पपोला को अब सीबीआई की जांच के तहत तलाशा जा रहा है क्योंकि वे छुट्टी लेकर गायब हैं। गौरतलब है कि बंशी गुर्जर के कथित एनकाउंटर के बाद पपोला को प्रमोशन भी दिया गया था जो अब जांच के दायरे में है।
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Neemuch Fake Encounter Case: साल 2014 में इस मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच सीबीआई को सौंप दी गई थी, लेकिन अब तक मामले में कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई थी। सीबीआई की ओर से मामले की फिर से जांच शुरू की गई है और अब पुलिस अधिकारी की भूमिका को लेकर नए सवाल उठ रहे हैं।
"सीबीआई फर्जी एनकाउंटर मामले की जांच" क्यों शुरू कर रही है?
सीबीआई ने फर्जी एनकाउंटर मामले की जांच फिर से शुरू की है क्योंकि 2009 में दावा किया गया कि बंशी गुर्जर को मार दिया गया था, लेकिन 2012 में यह खुलासा हुआ कि वह जिंदा था, जिससे मामले पर सवाल उठे।
"फर्जी एनकाउंटर मामले में मंगल सिंह पपोला" की भूमिका क्या है?
फर्जी एनकाउंटर मामले में मंगल सिंह पपोला, जो झांसी रोड थाना के टीआई थे, की भूमिका संदिग्ध है। उन्हें अब सीबीआई द्वारा जांच के दायरे में लाया गया है, और वह छुट्टी लेकर गायब हैं।
"सीबीआई ने 2014 में मामले की जांच" क्यों शुरू की थी?
2014 में मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच सीबीआई को सौंप दी गई थी, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई थी, जिसे फिर से शुरू किया गया है।
"फर्जी एनकाउंटर मामले में प्रमोशन" का क्या संबंध है?
फर्जी एनकाउंटर के बाद मंगल सिंह पपोला को प्रमोशन दिया गया था, जो अब जांच के दायरे में है, क्योंकि उनकी भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं।
"फर्जी एनकाउंटर के बाद क्या हुआ?"
फर्जी एनकाउंटर के बाद यह मामला पुलिस की कार्यप्रणाली और आंतरिक जांच तंत्र पर सवाल उठाने का कारण बना है, और न्याय के मार्ग में आने वाली समस्याओं को उजागर किया है।