Gwalior News: ग्वालियर जिला अस्पताल में बड़ा फर्जीवाड़ा! 10 साल तक फर्जी ड्रेसर बनकर करता रहा नौकरी, भाई की शिकायत पर हुआ खुलासा

ग्वालियर जिला अस्पताल में बड़ा फर्जीवाड़ा...Gwalior News: Big fraud in Gwalior District Hospital! Worked as a fake dresser for 10 years

  • Reported By: Nasir Gouri

    ,
  •  
  • Publish Date - April 15, 2025 / 02:30 PM IST,
    Updated On - April 15, 2025 / 02:30 PM IST

Gwalior News | Image Source | IBC24

HIGHLIGHTS
  • ग्वालियर जिला अस्पताल में बड़ा फर्जीवाड़ा,
  • 10 साल तक फर्जी ड्रेसर बनकर करता रहा नौकरी,
  • भाई की शिकायत पर हुआ खुलासा

ग्वालियर: Gwalior News: श्रीमंत माधवराव सिंधिया जिला अस्पताल मुरार में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर एक युवक के 10 साल तक ड्रेसर पद पर नौकरी करने का चौंकाने वाला मामला सामने आया है। आरोपी युवक का असली नाम अरविंद कुमार गुप्ता उर्फ नीरज गुप्ता है जो अस्पताल में मनोज कुमार नाम से पदस्थ था।

Read More :  Raipur Child Rape Case Update: दुर्ग के बाद रायपुर में भी हैवानियत! 13 साल के नाबालिग ने खेलने के बहाने सुनसान जगह पर मासूम बच्ची से की दरिंदगी, FIR के बाद आरोपी गिरफ्तार

कैसे हुआ खुलासा?

Gwalior News: इस पूरे फर्जीवाड़े का पर्दाफाश तब हुआ जब खुद आरोपी के भाई ने स्वास्थ्य विभाग में लिखित शिकायत दर्ज कराई। इसके बाद विभाग ने तत्काल एक तीन सदस्यीय जांच समिति गठित की। जांच में यह साफ हुआ कि आरोपी ने वर्ष 2015-16 में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर टीकमगढ़ जिले में ड्रेसर के पद पर नियुक्ति प्राप्त की, और बाद में ट्रांसफर होकर ग्वालियर आ गया।

Read More :  Ladli Behna Yojana Update: एमपी में लाड़ली बहनों के लिए खुशखबरी, CM मोहन यादव कल ट्रांसफर करेंगे 23वीं किस्त, यहां चेक करें अपडेट

कैसे चला फर्जीवाड़ा 10 साल तक?

Gwalior News: आरोपी ने भिंड जिले के कोषालय और सीएमएचओ कार्यालय से फर्जी यूनिक कोड जारी करवा कर खुद को स्वास्थ्य विभाग में नियुक्त करवाया। उसने नारायण विहार कॉलोनी ग्वालियर का पता देकर खुद को ‘मनोज कुमार’ बताया और नियमित वेतन भी प्राप्त करता रहा। न दस्तावेजों की उचित जांच हुई न ट्रांसफर और वेतन प्रक्रिया पर कोई सवाल उठा।

Read More :  Durg child murder case Update: दुर्ग में महापाप पर बड़ा खुलासा! आरोपी चाचा का DNA बच्ची के सैंपल से मैच, अब परिजनों ने कर दी ये बड़ी मांग

जांच समिति की रिपोर्ट में क्या निकला?

Gwalior News: जांच समिति ने अपनी रिपोर्ट में पाया की आरोपी की नियुक्ति पूरी तरह फर्जी दस्तावेजों के आधार पर हुई थी। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों की मिलीभगत के बिना यह फर्जीवाड़ा संभव नहीं था। नियुक्ति प्रक्रिया में भारी गड़बड़ियां और लापरवाही सामने आई हैं।

Read More :  Girl child kidnapped Video: पीथमपुर में 7 वर्षीय बच्ची का अपहरण! सीसीटीवी फुटेज से नया मोड़, संदिग्ध व्यक्ति के साथ बच्ची की तस्वीर वायरल

मंत्री ने दिए सख्त निर्देश

Gwalior News: जैसे ही यह मामला प्रभारी मंत्री तुलसीराम सिलावट के संज्ञान में आया, उन्होंने तुरंत गंभीरता से जांच के निर्देश दिए। जांच रिपोर्ट आने के बाद मंत्री ने सीएमएचओ को आरोपी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश दिए हैं।

"फर्जी दस्तावेजों से नौकरी" करने वाला आरोपी कौन है?

आरोपी का असली नाम अरविंद कुमार गुप्ता उर्फ नीरज गुप्ता है, जो खुद को 'मनोज कुमार' बताकर ड्रेसर पद पर नियुक्त था।

"फर्जी दस्तावेजों से नौकरी" का खुलासा कैसे हुआ?

यह खुलासा तब हुआ जब आरोपी के भाई ने ही शिकायत दर्ज कराई, जिससे जांच शुरू हुई।

क्या "फर्जी दस्तावेजों से नौकरी" के लिए विभाग के कर्मचारी भी दोषी हैं?

हाँ, जांच में स्वास्थ्य विभाग के कुछ कर्मचारियों की मिलीभगत की बात सामने आई है।

"फर्जी दस्तावेजों से नौकरी" में आरोपी को क्या सजा मिलेगी?

प्रभारी मंत्री ने एफआईआर दर्ज करने और कानूनी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। दोषी पाए जाने पर जेल की सजा हो सकती है।

"फर्जी दस्तावेजों से नौकरी" जैसी घटनाओं को कैसे रोका जा सकता है?

सरकारी भर्ती प्रक्रिया में सख्त दस्तावेज़ सत्यापन, डिजिटल रिकॉर्ड्स और नियमित ऑडिट जैसी व्यवस्थाएं अपनाकर इस तरह के मामलों को रोका जा सकता है।