मध्य प्रदेश में स्वास्थ्य विभाग ने की बड़ी कार्रवाई,
60 नर्सिंग होम और अस्पतालों के लाइसेंस रद्द
स्वास्थ्य विभाग द्वारा तय मानकों और नियमों के उल्लंघन,
ग्वालियर: Private Hospital License Cancelled: प्रदेशभर में निजी अस्पतालों और नर्सिंग होम्स की निगरानी और सख़्ती के बीच ग्वालियर में अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई सामने आई है। जिले में एक ही दिन में 60 निजी अस्पतालों और नर्सिंग होम्स के पंजीयन (लाइसेंस) निरस्त कर दिए गए हैं। यह कार्यवाही स्वास्थ्य विभाग द्वारा तय मानकों और नियमों के उल्लंघन पर की गई है।
Private Hospital License Cancelled: स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, जिन अस्पतालों और नर्सिंग होम्स को तीन वर्ष पूरे हो चुके थे, उन्हें 31 मार्च तक ऑनलाइन माध्यम से पंजीयन का नवीनीकरण कराना अनिवार्य था। लेकिन इनमें से कई संस्थानों ने तय समयसीमा तक आवेदन नहीं किया। इसके चलते मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (CMHO) ने उनके पंजीयन रद्द कर दिए।
Private Hospital License Cancelled: सिर्फ इतना ही नहीं, विभाग की जांच में सामने आया कि कुछ अस्पताल स्वास्थ्य विभाग के निर्धारित मानकों पर खरे नहीं उतर रहे थे। उन्हें पहले नोटिस भी जारी किया गया था, लेकिन उसके बाद भी वे आवश्यक सुधार नहीं कर पाए। परिणामस्वरूप, उन पर भी कार्रवाई करते हुए लाइसेंस रद्द कर दिए गए।
Private Hospital License Cancelled: CMHO ने स्पष्ट निर्देश जारी करते हुए कहा है कि जिन अस्पतालों और नर्सिंग होम्स के पंजीयन निरस्त किए गए हैं, उन्हें तत्काल प्रभाव से बंद किया जाए। यदि इसके बावजूद वे संचालित पाए जाते हैं, तो उनके खिलाफ पुलिस कार्रवाई की जाएगी।
किन कारणों से "अस्पतालों के पंजीयन निरस्त" किए गए हैं?
अस्पतालों के पंजीयन निरस्त करने का मुख्य कारण यह है कि कई निजी अस्पतालों और नर्सिंग होम्स ने तय समयसीमा (31 मार्च) तक पंजीयन नवीनीकरण नहीं कराया और कुछ अस्पताल स्वास्थ्य विभाग के मानकों पर खरे नहीं उतरे।
ग्वालियर में कितने "अस्पतालों के पंजीयन निरस्त" किए गए हैं?
ग्वालियर जिले में 60 निजी अस्पतालों और नर्सिंग होम्स के पंजीयन एक ही दिन में निरस्त किए गए हैं, जो अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई मानी जा रही है।
क्या "अस्पतालों के पंजीयन निरस्त" होने के बाद भी उन्हें चलाया जा सकता है?
नहीं, अस्पतालों के पंजीयन निरस्त होने के बाद उनका संचालन गैरकानूनी है। यदि कोई अस्पताल इसके बावजूद चलता पाया गया, तो उसके खिलाफ पुलिस कार्रवाई की जाएगी।
क्या पहले से इन अस्पतालों को नोटिस दिया गया था?
हाँ, कई अस्पतालों को पहले स्वास्थ्य विभाग द्वारा नोटिस जारी किया गया था, लेकिन आवश्यक सुधार न करने के कारण उनके लाइसेंस निरस्त कर दिए गए।
"अस्पतालों के पंजीयन निरस्त" होने से मरीजों पर क्या असर पड़ेगा?
स्वास्थ्य विभाग वैकल्पिक व्यवस्था सुनिश्चित करने का प्रयास कर रहा है, ताकि पंजीयन निरस्त अस्पतालों के मरीजों को इलाज में कोई कठिनाई न हो। मरीजों को सलाह दी जाती है कि वे केवल अधिकृत अस्पतालों में ही इलाज कराएं।