शह मात The Big Debate: FIR पर सियासी शोर..बिगड़े बोल पर रण घनघोर, अशोकनगर का प्रदर्शन आखिर कितना असरदार? देखिए पूरी रिपोर्ट

MP Politics: FIR पर सियासी शोर..बिगड़े बोल पर रण घनघोर, अशोकनगर का प्रदर्शन आखिर कितना असरदार? देखिए पूरी रिपोर्ट

  •  
  • Publish Date - July 8, 2025 / 11:39 PM IST,
    Updated On - July 8, 2025 / 11:39 PM IST

MP Politics | Photo Credit: IBC24

HIGHLIGHTS
  • अशोकनगर में कांग्रेस की "न्याय रैली"
  • मध्य प्रदेश की राजनीति में हलचल
  • कमलनाथ जैसे बड़े चेहरों की अनुपस्थिति

भोपाल: MP Politics जीतू पटवारी पर FIR पर सियासी बखेड़ा केंद्र बना अशोकनगर, कई सवाल उठ खड़े हुए। जीतू पटवारी की कोशिशें रंग लाई क्या? इस जंग के साथ वर्चस्व की एक और पैरलल जंग भी जारी है क्या? इन सवालों के साये में आज मप्र की सियासत दांव-पेंचों के नए मंसूबे बुनती दिखी। इस मंसूबे के मुस्तबिल में कुछ और लिखा जाता। इससे पहले क्या बिगड़े बोल के बम ने पूरे खेल को डिरेल कर दिया या ये पासे किसी और के थे। पर चाल कोई और चल गया।

Read More: Vande Bharat: बिहार में आएगी ‘बाहर’..आरक्षण पर आर-पार, क्या अब बिहार के बाहर की महिलाओं को सरकारी नौकरी में 35% आरक्षण नहीं मिलेगा? देखिए पूरी रिपोर्ट 

MP Politics दिग्विजय सिंह, जीतू पटवारी, उमंग सिंघार, हरीश चौधरी, कांतिलाल भूरिया, अरुण यादव पीसी शर्मा फूल सिंह बरैया बाला बच्चन सचिन यादव कमलेश्वर पटेल और कांग्रेसियों का हुजूम अशोकनगर में आज सरकार के ख़िलाफ़ हल्ला बोल करते, हुंकार भरते विपक्ष के बड़े नेता एकजुट नजर आए। अशोकनगर में ही पीसीसी चीफ जीतू पटवारी के ख़िलाफ़ एक FIR यहीं हुई है। इसमें उन्होंने जिस व्यक्ति को कथित तौर पर प्रताड़ित बताया था उसी ने बाद में इनके आरोपों का खंडन कर दिया था..बहरहाल..आज के आयोजन को लेकर जैसे कि रस्म होती ही है विपक्ष की। कांग्रेस ने बहुतेरे आरोप भी लोकल प्रशासन और सरकार पर लगाए कि सरकार उनकी आवाज को दबाना चाहती है।

Read More: Dever ne kiya bhabhi ka rape: देवर ने किया विधवा भाभी का रेप! ​प्रेग्नेट होने पर ससुराल वालों ने कराया गर्भपात 

अशोकनगर के मामले में पहले से की कांग्रेस कठघरे में है। क्योंकि जीतू पटवारी पर पीड़ित ने ही आरोप लगा दिए कि उनको गंदगी खिलाने वाले बयान के लिए लालच दिया गया था, तो वहीं आज की इस रैली के दौरान कांग्रेस फिर घिर गई जब विधायक साहब सिंह गुर्जर विवादित बयान देते हुए ये कह गए कि जो मर्द थे वो जंग में आए और जो हिजड़े थे वो संघ में आए।

Read More: Vande Bharat: मराठी की लड़ाई..’गंदी भाषा’ पर आई, क्या महाराष्ट्र अब हिंदी विरोध का नया केंद्र बन रहा है? देखिए पूरी रिपोर्ट 

अब भाजपा को बैठे बिठाए एक और मुद्दा मिल गया है कांग्रेस को घेरने का वैसे विपक्ष हमेशा प्रयास करता है कि जो भी बड़ा हमला सत्ता पक्ष पर बोला जाए, वो राजधानी में ही बोला जाए क्योंकि उसकी धमक ज्यादा होती है। कई दिनों तक सुनी जाती है। मगर कांग्रेस ने अशोकनगर को चुना, तो तय है कि कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह का परामर्श इसमें गुंथा हुआ होगा। वजह भी है, दिग्विजय सिंह अपने बेटे जयवर्धन को इस इलाके की कमान सौंपना चाहते हैं और ये पिछले चुनाव में जयवर्धन की यहाँ सक्रियता देखकर भी लगता है। वैसे भी ज्योतिरादित्य सिंधिया के भाजपा में जाने के बाद से इस इलाके में कांग्रेस के पास नेतृत्त्व का संकट तो है। भाजपा ने तो सीधे ही कह दिया कि दिग्विजय सिंह जीतू पटवारी का उपयोग करके अपने बेटे को स्टैबलिश करना चाहते है।

Read More: Vande Bharat: धर्मांतरण का किला जमींदोज..’बाबा’ पर नए खुलासे रोज, जमालुद्दीन की कोठी पर चला योगी का बुलडोजर, देखें वीडियो 

भाजपा के आरोपों से इतर देखें भी तो आज के इस न्याय रैली में कांग्रेस के बड़े आदिवासी चेहरे, बड़े नेता कमलनाथ सहित कई बड़े नाम इस आन्दोलन में शामिल नहीं हुए। यानी उन्होंने संभवतः ये मान लिया कि ये पार्टी की अस्मिता को लेकर किया जाने वाला प्रदर्शन तो कतई नहीं है। हालांकि कांग्रेस के प्रदर्शन पर अशोकनगर से लेकर भोपाल तक सियासत बेहद गर्म है। इसकी तपिश विधायक साहब सिंह गुर्जर के बिगड़े बोल ने और बढ़ा दी है। ऐसे में कई बड़े सवाल है कि जीतू का मिशन अशोकनगर पूरा हुआ या अधूरा ही रह गया। सवाल ये भी कि अशोकनगर में सजे इस सियासी अखाड़े से किसने क्या उखाड़ा और किसने किसको पछाड़ा?

जीतू पटवारी पर FIR क्यों दर्ज की गई?

FIR उस मामले में दर्ज हुई जिसमें जीतू पटवारी ने एक व्यक्ति के साथ अत्याचार का आरोप लगाया था, लेकिन बाद में उसी व्यक्ति ने इन आरोपों से इनकार कर दिया।

क्या अशोकनगर की रैली कांग्रेस की एकजुटता दिखाने का प्रयास थी?

लेकिन कमलनाथ और अन्य वरिष्ठ नेताओं की अनुपस्थिति से यह सवाल भी उठे कि यह आयोजन पूरी पार्टी की ओर से था या केवल कुछ नेताओं की रणनीति।

विधायक साहब सिंह गुर्जर के "हिजड़े-संघ" वाले बयान पर क्या विवाद हुआ?

यह बयान बीजेपी के लिए कांग्रेस को घेरने का हथियार बन गया है और इससे कांग्रेस को फजीहत का सामना करना पड़ा है।