अपनी बेबाकी और साफगोई के लिए जाने जाने वाले मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ibc24.in के सह-कार्यकारी संपादक बरुण सखाजी से खास बातचीत में कहा, वे आगामी वर्षों में एक लाख से ज्यादा सरकारी नौकरियां युवाओं को देने जा रहे हैं। इतना ही नहीं उन्होंने नए आइडिया और युवा उद्यमियों को प्रोत्साहित करने के लिए साढ़े 7 हजार करोड़ कर्ज देने के लिए भी रखे हैं। चौहान ने कहा वे बुल्डोजर वाली अपनी छवि से बाहर नहीं आना चाहते, क्योंकि प्रदेश की शांति को भंग करने वाले चाहे वे कोई भी हों, बुल्डोजर रुकेगा नहीं। IBC24.IN के साथ इस खास बातचीत में चौहान ने जोर देकर कहा कि मुझे बेटियां और बेटे मामा कहते हैं तो मन से खुशी मिलती है। क्योंकि यह मेरा राजनीतिक नाम या प्रोपेगेंडा नहीं बल्कि हृदय के करीब है। प्रदेश कांग्रेस पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा परिवारवाद वाली पार्टी कांग्रेस पार्टी है, जहां प्रदेश अध्यक्ष, मुख्यमंत्री, युवा नेता सब कमलनाथ और उनके बेटे नकुल नाथ हैं, बाकी कांग्रेसी अनाथ हैं, क्योंकि यह अजूबी पार्टी है, जिसमें अब तक कोई पूर्णकालिक अध्यक्ष तक नहीं है। पढ़िये पूरा इंटरव्यू….
बरुण सखाजीः एमपी सरकार अपनी फ्लैगशिप स्कीम किन्हें मानती है और इनके अनुपालन को लेकर क्या तैयारी है और इनकी समीक्षा का सिस्टम क्या है?
शिवराज सिंह चौहानः हमारी सरकार द्वारा हर वर्ग के लिए योजनाएं संचालित हो रही हैं। कन्या विवाह योजना, लाड़ली लक्ष्मी योजना-2.0। तीर्थ दर्शन योजना। सीएम राइज स्कूल। राशन वितरण योजना। जल जीवन मिशन। मुख्यमंत्री भू अधिकार। उद्यम क्रांति जैसी अनेक योजनाएं सरकार चला रही है और इन योजनाओं का लाभ निचले स्तर तक नागरिकों को मिले, इसके लिए समीक्षा होती है। हर गरीब को लाभ पहुंचाना ही हमारा लक्ष्य है। हमारे लिये प्रदेश के नागरिकों एवं गरीबों का कल्याण करने वाली हर योजना महत्वपूर्ण है। हम सभी योजनाओं का लाभ जन-जन तक पहुंचाना सुनिश्चित करते हैं। गरीबों की जिंदगी बदल जाये यही मेरे जीवन की सार्थकता है।
बरुण सखाजीः बेटियों में मामा के रूप में स्थापित हैं, बल्कि आपका राजनीतिक नाम ही मामा पड़ गया, इसका आइडिया कहां से आया?
शिवराज सिंह चौहानः देखिए, यह कोई प्रोपागेंडा नहीं है, यह अपनेपन का भावनात्मक संबंध है, शुरू से ही बेटियों के प्रति मेरा लगाव रहा है। मैं प्रदेश के बेटा-बेटियों से अंतरात्मा से जुड़ा हूं। मैं अपने जीवन को धन्य मानता हूं। आज प्रदेश में 42 लाख से अधिक लाड़लिया हैं, पहले बेटियों को बोझ समझा जाता था। मेरे हृदय में तकलीफ होती थी कि आखिर बेटा-बेटी में भेदभाव क्यों हो? लाड़ली लक्ष्मी योजना को पढ़ाई से भी हमने इसीलिए जोड़ा कि सब बेटियां ढंग से पढ़ें। ये लाड़ली लक्ष्मी बेटी योजना का चमत्कार है कि आज से पहले जब मध्यप्रदेश में 2006-2007 में केवल 911 बेटी 1000 बेटों पर पैदा होती थीं। आज 1000 बेटों पर 956 बेटियां जन्म लें रहीं हैं और 1000 बेटों पर 1000 बेटी जन्म लें, ये हमारा संकल्प है। अब कई मां-बाप ऐसे हैं, जो बेटे की चाह नहीं करते। वो कहते हैं बेटियां हैं, तो बेटियां ही हमारे कुल को तार देंगी। क्योंकि बेटी बेटे से कम नहीं है। मेरी लाड़ली लक्ष्मी बेटियों के चेहरे पर मुस्कुराहट आती है तो मेरी जिंदगी सफल हो जाती है।
बरुण सखाजीः नई सदी अधोसंरचना के नए आयाम की सदी है, ऐसे में इन वर्षों में राज्य में क्या अधोसंरचनाएं विकसित हुईं, जिन्हें साधारण सड़क, बिजली, पानी, उद्योग से ऊपर आंका जा सके? कोई माइलस्टोन जैसा इफ्रा।
शिवराज सिंह चौहानः देखिये, आज मध्यप्रदेश में हर क्षेत्र में विकास हो रहा है, आप किसी भी क्षेत्र को उठाकर देख लीजिए ऐतिहासिक प्रगति हुई है। हम जनता की खुशहाली और प्रदेश की जरूरतों के आधार पर आगे बढ़ रहे हैं। देश के अग्रणी राज्यों में मध्यप्रदेश गिना जाता है। अधोसंरचना विकास में भी प्रदेश अग्रणी है। 2003 तक के वो जमाने याद करो जब सड़कों पर चलने पर क्या हालत हो जाती थी। आदमी के अस्थि पंजर हिल जाते थे और गाड़ियों का कबाड़ा हो जाता था। 2002 की स्थिति में फोरलेन सड़कों की लंबाई मात्र 32 किलोमीटर थी, जो अब बढ़कर 3 हजार किलोमीटर से भी अधिक हो गई है। पिछले 17 वर्षों में हमारी सरकार ने लाखों किलोमीटर से अधिक की लंबाई की सड़कों का निर्माण एवं सुधार कार्य किया है। अभी वर्तमान में हजारों करोड़ रुपए की लागत से केन्द्र व राज्य मिलकर सड़कों का निर्माण करा रहे हैं।
आज मध्यप्रदेश में बिजली की उपलब्धता बढ़कर 24 हजार मेगावाट से भी अधिक हो गई है। बिजली के मामले में हम आत्म-निर्भर हो गए हैं। किसानों को 10 घंटे और घरेलू उपभोक्ताओं को 24 घंटे बिजली की सुविधा प्रदान की गई है। सस्ती बिजली देने के लिए 2100 करोड़ से अधिक की सब्सिडी हम दे रहे हैं। हर घर में नल से जल पहुंचाने में जल जीवन मिशन के तहत देश में सबसे बेहतर कार्य हो रहा है।
जल जीवन मिशन के प्रारंभ में प्रदेश में 13 लाख 53 हजार यानी केवल 11% ग्रामीण परिवारों को नल से जल उपलब्ध था, लेकिन आज की स्थिति में 50 लाख 66 हजार से अधिक (41.44%) ग्रामीण परिवारों को नल का शुद्ध जल उपलब्ध होने लगा है। अब तक 4,600 से अधिक गांव में शत-प्रतिशत घरों में नल का जल पहुंच चुका है।
बरुण सखाजीः दिग्विजय सिंह सरकार ने हर डेढ़ किलोमीटर पर मिडिल स्कूल खोले थे, आपकी सरकार युक्तियुक्तकरण के नाम पर बंद कर रही है, ऐसे कैसे शिक्षा का प्रसार होगा?
शिवराज सिंह चौहानः सिर्फ स्कूल की बिल्डिगों से शिक्षा का पैमाना नहीं मापा जा सकता, दिग्विजय सिंह जी ने शिक्षा को गड्ढे में डाल रखा था, हमारे प्रदेश के बच्चों को भी अच्छी शिक्षा मिले, इसलिए हम आज प्रदेश में सर्वसुविधायुक्त एवं सर्वसाधन संपन्न स्कूलों का निर्माण सीएम राइज स्कूल योजना के अंतर्गत कर रहे हैं। प्रथम चरण में 370 विद्यालयों को सीएम राइज स्कूल में उन्नयन की स्वीकृति दी गयी है। प्रथम चरण में इन स्टेट ऑफ़ द आर्ट स्कूलों के निर्माण के लिए 7572 करोड़ रु बजट प्रावधान किया गया है। ऐसे कुल 9 हजार से अधिक स्कूल खोले जाएंगे। एक भवन के निर्माण में 28 करोड़ रुपये की लागत आएगी। इन स्कूलों की सुविधाएं प्राइवेट स्कूलों से बेहतर होंगी। हम चाहते हैं कि प्रदेश के गरीब बच्चे भी आईएएस, आईपीएस, डॉक्टर और इंजीनियर बनें। मेधावी विद्यार्थी योजना के तहत अगर गरीब बच्चों का एडमिशन बड़े-बड़े संस्थानों में होता है, तो उनकी लाखों रुपये की फीस हमारी सरकार भरती है। युवाओं का कौशल निखर रहा है, हमने बीते सालों में शिक्षा में जो काम किया है उसे पूरा देश जानता है।
बरुण सखाजीः आपका पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़ राजीव गांधी किसान न्याय योजना के जरिए किसानों को बोनस देता है, मध्यप्रदेश क्यों नहीं करता?
शिवराज सिंह चौहानः मध्यप्रदेश की सरकार किसानों की सरकार है, मध्यप्रदेश में समय पर खरीदी होती है, चना, गेहूं, मसूर की MSP पर खरीदी होती है। अभी मूंग भी एमएसपी पर खरीद रहे हैं| इतना अच्छा हम जो जीडीपी में कर पाये, उसका प्रमुख कारण हमारी खेती और किसान हैं। कोरोनाकाल में भी हमने किसानों को भरपूर राहत दी है। सिंचाई के लिए बिजली में सब्सिडी, शून्य प्रतिशत ब्याज पर ऋण, फसल बीमा योजना और कृषि क्षेत्र में अधोसंरचना के विकास के लिए हमने पर्याप्त धनराशि की व्यवस्था की है। किसानों को हम अब तक 1 लाख 72 हजार करोड़ रुपये से अधिक का लाभ अलग-अलग योजनाओं के तहत दे चुके हैं। किसानों को सबसे अधिक लाभ देने वाला राज्य मध्यप्रदेश है।
बरुण सखाजीः आपकी छवि बुलडोजर मामा की बनती जा रही है, क्या वाकई अवैध खनन और माफियाओं पर लगाम लगाने में आपकी सरकार सफल रही है?
शिवराज सिंह चौहानः अवैध खनन पर सरकार एक्शन में रहती है, जो लोग भी अवैध खनन में हैं उनके विरुद्ध सख्त कार्रवाई के निर्देश हैं। हम किसी के विरोधी नहीं हैं, लेकिन गुंडे, बदमाशों, माफियाओं के विरोधी हैं। अभी 21 हजार एकड़ जमीन हमने गुंडे, माफियाओं से मुक्त कराई है। इस जमीन पर गरीबों के मकान बनाये जायेंगे। सरकारी कार्यालयों के उपयोग में लेंगे। जो भी मध्यप्रदेश की धरती पर गड़बड़ करेगा, उस पर बुलडोजर चलेगा ही, मध्यप्रदेश में गुंडे, बदमाश, माफियाओं के लिए कोई स्थान नहीं है।
बरुण सखाजीः मप्र जैसे बड़े राज्य को आत्मनिर्भर बनाने के लिए किन औद्योगिक मॉडलों पर काम कर रहे हैं?
शिवराज सिंह चौहानः हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी अद्भुत नेता हैं। उन्होंने आपदा को भी अवसर में बदला। उन्होंने हम सभी को नए जोश और ऊर्जा के साथ जनता की सेवा करने की प्रेरणा दी। जब देश कोरोना महामारी को झेल रहा था, तो उन्होंने आत्मनिर्भर भारत के निर्माण का मंत्र दिया। एक ऐसा भारत जो सेल्फ सफ़िशिएन्ट हो, एक ऐसा भारत हो जो सेल्फ ससटेंड हो, एक ऐसा भारत जो अपनी हर जरूरत को पूरा कर सके। हमने आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में योगदान देने के लिए आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश का निर्माण करने का निर्णय लिया और तेजी से इस काम में जुट गए। इसका रोडमैप बनाने वाला पहला राज्य मध्यप्रदेश है। आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के चार प्रमुख आधार स्तम्भ हैं – भौतिक अधोसंरचना, शिक्षा एवं स्वास्थ्य, सुशासन और रोजगार एवं अर्थव्यवस्था। मध्यप्रदेश आज हर क्षेत्र में प्रगतिपथ पर अग्रसर है, आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश का जो रोडमैप हमने बनाया है, उसी के अनुसार कार्य कर रहे हैं।
बरुण सखाजीः स्थानीय लोगों को अधिकतम काम और नौकरियां मिलें इसके लिए क्या कदम उठा रहे हैं?
शिवराज सिंह चौहानः मध्यप्रदेश के मेरे युवा बेटा-बेटियों का भाग्य बदलने के लिए, उन्हें रोज़गार देने के लिए मैं परिश्रम की पराकाष्ठा करने में जुटा हूं, रोजगार सभी को मिले, यह सबसे बड़ी आवश्यकता है। इसलिए हमारी सरकार ने यह फैसला किया है कि हम लगभग एक लाख खाली पदों पर सरकारी भर्तियां प्रारंभ करेंगे। पुलिस की भर्तियां शुरू हो गई हैं, चाहे, भर्ती शिक्षा विभाग की हो, राजस्व विभाग की हो, चाहे और किसी विभाग की हो, हम ज्यादा से ज्यादा सरकारी नौकरियां सृजित कर रहे हैं।
सरकारी नौकरी के साथ-साथ हम दूसरे क्षेत्रों में भी युवाओं को नौकरी देने के लिए रोजगार मेलों का आयोजन कर रहे हैं, हर माह 2 लाख नए स्व-रोजगार अवसर सृजन का हमारा लक्ष्य है। मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना हमने शुरू की है, अभी तक 7856 करोड़ रु से अधिक की ऋण सहायता हम युवाओं को दे चुके हैं। अगर किसी युवा साथी के पास इनोवेटिव आइडिया है, तो उसे इम्प्लीमेंट करने में धन की कमी की बाधा नहीं आने दी जाती है। हम इसके लिए उनको आवश्यक सहयोग प्रदान कर रहे हैं और यह क्रम लगातार जारी रहेगा।
बरुण सखाजीः आपके इन वर्षों में कितना निवेश आया और कितना और आने की संभावना है और आप इसके लिए क्या नए प्रयास करने जा रहे हैं?
शिवराज सिंह चौहानः भारतीय जनता पार्टी की सरकार का लक्ष्य है, स्वर्णिम व आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश बनाना, इसमें ज्यादा से ज्यादा निवेश जरूरी है, आज मध्यप्रदेश में बुन्देलखण्ड, बघेलखंड, मालवा, निमाड़, महाकौशल, विंध्य, ग्वालियर-चंबल क्षेत्र, मध्य भारत– सभी क्षेत्रों और सभी अंचलों के संतुलित विकास के लिए उद्योगों का जाल बिछाया जा रहा है। साल 2019-20 की तुलना में वर्ष 2020-21 में भूमि आवंटन लगभग 33 प्रतिशत बढ़ा है और वास्तविक निवेश में 64 प्रतिशत तथा प्रस्तावित रोजगार में 39 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। प्रदेश में 650 से अधिक नई औद्योगिक ईकाइयां आई हैं। इससे 40 हजार करोड़ रूपए से अधिक का निवेश और लगभग 1 लाख नए रोज़गार के अवसर सृजित होंगे। प्रदेश में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों के 27 क्लस्टर विकसित किए जा रहे हैं, इससे 40 हजार से अधिक रोज़गार के अवसर पैदा होंगे।
बरुण सखाजीः आपने पौधरोपण का संकल्प लिया है, करीब डेढ़ साल हो गये हैं, आपको पौधरोपण करते हुए, क्या प्रेरणा है इसके पीछे?
शिवराज सिंह चौहानः यह धरती भगवान ने सभी जीवों के लिए बनाई है। इस धरती पर रहने वाले प्रत्येक जीव का इस पर समान अधिकार है। यह केवल मनुष्य की नहीं है। मनुष्य ने इस धरती के प्राकृतिक संसाधनों का पहले दोहन किया, लेकिन समय के साथ इसका शोषण भी करने लगा। हमें अपनी भावी पीढ़ी के लिए एक स्वच्छ और जीने लायक वातावरण छोड़ कर जाना है। इसके लिए धरती को पुनः हरा-भरा करना होगा। मैं प्रतिदिन एक पौधा रोपता हूं। ऐसा करते हुए मुझे करीब डेढ़ साल हो गया है, कोरोना की विषम परिस्थितियों में भी तमाम व्यस्तताओं के बावजूद मैंने पौधे लगाना बंद नहीं किया। मैं पौधा लगाता हूं, ताकि मुझसे प्रेरणा लेकर मेरे प्रदेशवासी भी पौधे लगाएं। मैं पौधा लगाता हूं, जिससे धरती फिर से हरी भरी हो। मैंने तो अपने प्रदेशवासियों से कह रखा है कि किसी भी शुभ अवसर पर एक पौधा लगाएं, जिससे वह अवसर हमेशा यादगार रहेगा। इस अभियान के सकारात्मक परिणाम भी मुझे देखने को मिले हैं। आज असंख्य बच्चे और युवा पौधरोपण कर रहे हैं और दूसरों को भी प्रेरित कर रहे हैं। मेरी सभी से विनती है कि आप कम से कम एक पौधा अवश्य लगाएं। पेड़ लगाने के साथ ही हमें अपने प्राकृतिक संसाधनों के बारे में भी सोचना होगा।
बरुण सखाजीः आप कहते हैं बदमाशों को जमीन में गाड़ दूंगा, लेकिन यह करते हुए आपका तंत्र नहीं दिखा?
शिवराज सिंह चौहानः हमारी सरकार सख्त है. कोई बदमाशियां चलेंगी नहीं, आपने खरगोन में देखा, बुरहानपुर में देखा, आगे भी देखेंगे, जो कोई भी प्रदेश की शांति भंग करेगा वहीं भुगतेगा। जनता के हित में जो सही होगा वही करेंगे। एक संकल्प है हमारा, ये मध्यप्रदेश शांति का टापू है। यहां किसी ने अगर गड़बड़ करने की कोशिश की तो वो छोड़ा नहीं जाएगा। गुंडे, बदमाश, दादा, माफिया उनको एक तरफ से हमने ठिकाने लगाया है। मेरा साफ कहना है कि अगर किसी ने गलत नजर से किसी बहन और बेटी को देखा तो मामा का बुलडोजर चलेगा और उसको साफ और तबाह कर दिया जायेगा। बेईमान और बदमाश किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे।
बरुण सखाजीः आप खुद भी चुनावी मशीन बनते जा रहे हैं, पहले विधानसभा के उपचुनाव, राज्यसभा, फिर पंचायत, फिर निकाय, अभी राष्ट्रपति और आगे भी, क्या इससे सरकार के परफॉर्मेंस पर उल्टा असर नहीं पड़ता?
शिवराज सिंह चौहानः लोकतंत्र की रीढ़ चुनाव होते हैं, इसमे मशीन जैसी कोई बात नहीं, यह पारदर्शी प्रणाली है। चुनाव लोकतंत्र को सशक्त बनाते हैं। इसके माध्यम से जनता अपनी राय व्यक्त करती है। हमें प्रसन्नता है कि जनता ने हर चुनाव में हमें अपना समर्थन दिया है। देश हो, प्रदेश हो, शहर हों या फिर गांव हो, विकास केवल भाजपा ही कर सकती है, इसलिए सब जगह विकास के लिए भाजपा की सरकार बनी है।
बरुण सखाजीः इस समय देशभर में भाजपा का झंडा लहरा रहा है, यह लहराता रहे इसके लिए भाजपा को क्या सुझाव हैं?
शिवराज सिंह चौहानः भारतीय जनता पार्टी ने सत्ता को सेवा समझा है, एकात्म मानवतावाद औऱ अंत्योदय के सिद्धांत पर चलकर भाजपा आगे बढ़ी है, हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी, राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा जी और गृहमंत्री अमित शाह जी के नेतृत्व में पूरे देश में भारतीय जनता पार्टी को भारी जनसमर्थन मिल रहा है, उसका एक बड़ा कारण है, सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास। परिवारवादी राजनीति से इतर हम राष्ट्र प्रथम के सिद्धांत पर चल रहे हैं, इसलिए देश की करोड़ों, करोड़ जनता भाजपा को आशीर्वाद दे रही है, और देश के विकास का और भाजपा के विस्तार का क्रम लगातार जारी रहने वाला है।
बरुण सखाजीः 2014 से पहले एमपी में भाजपा के मुख्य चेहरों में सिर्फ शिवराज सिंह चौहान दिखाई देते थे, लेकिन अब कई और चेहरे दिखते हैं, यह क्या आपके सोलो नेतृत्व को डायल्यूट करने के लिए है?
शिवराज सिंह चौहानः मैं पार्टी का बहुत छोटा सा कार्यकर्ता हूं, जो आदेश जब-जब होता है, वही शिरोधार्य होता है, हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री जी कहते हैं कि कुछ बनने नहीं, कुछ करने का भाव रखो।
बरुण सखाजीः आपकी छवि देशभर में एक जमीनी मुख्यमंत्री की बनी है, तो क्या ये माना जाए कि आप समय के साथ राष्ट्रीय राजनीति में भी एंट्री करेंगे?
शिवराज सिंह चौहानः मुझे पार्टी और संगठन ने जो जिम्मेदारी सौंपी है, उसे मैं निभा रहा हूं, भाजपा में व्यक्ति नहीं संगठन सर्वोपरि होता है।
बरुण सखाजीः सरकार और संगठन के बीच कैसा तालमेल है, क्या है जो होना चाहिए और क्या है जो हो नहीं पा रहा?
शिवराज सिंह चौहानः सरकार का काम सरकार कर रहीं है, संगठन का काम संगठन। अब इसमें होना चाहिए या नहीं होना चाहिए वाला विषय ही नहीं है।
बरुण सखाजीः विधायकों के प्रदर्शन को लेकर कोई पैरामीटर बनाए हैं क्या, कितने लोग हैं जो सरकार की बात को गुणात्मक रूप से आगे बढ़ा रहे हैं और कितने हैं जो इसमें पिछड़ रहे हैं?
शिवराज सिंह चौहानः सभी विधायक जमीन से जुड़े हैं, अपने क्षेत्र में सरकार के कामकाज को पहुंचा रहे हैं। जनता को योजनाओं से लाभ दिला रहे हैं। सभी से मेरा लगातार संवाद होता है, व्यक्तिगत तौर पर भी हर विधायक से मैं बात करता हूं, हम सब संयुक्त शक्ति बनकर प्रदेश के विकास में लगे हैं।
बरुण सखाजीः क्या 2023 में व्यापक टिकट कटौती जैसे चुनावी राजनीतिक तरीकों पर काम करेंगे?
शिवराज सिंह चौहानः इतनी क्या जल्दी है, ये भाजपा संगठन तय करेगा, 2023 की बात 2023 में करेंगे।
बरुण सखाजीः कांग्रेस को राज्य में किस तरह के प्रतिद्वंदी के रूप में देखते हैं, क्या अबकी चोट और करारी होगी?
शिवराज सिंह चौहानः कांग्रेस पहले खुद से लड़ ले, प्रदेश में कांग्रेस का वजूद ही खतरे में है। उनकी आपसी खींचतान ही कांग्रेस का वजूद मिटा रही। कांग्रेस तो कोई पार्टी नहीं सर्कस हो गई है, कांग्रेस सर्कस हो गई है सर्कस। अभी कांग्रेस का कोई अध्यक्ष नहीं है, कार्यकारी अध्यक्ष हैं, मैडम सोनिया गांधी, राहुल गांधी जी कांग्रेस में कुछ नहीं हैं। दुनिया में ऐसा अजूबा देखा है कि पार्टी का अध्यक्ष ही नहीं हुआ। यहां मध्यप्रदेश में भी कांग्रेस को देखिए, कांग्रेस के नेता कमलनाथ, अध्यक्ष कमलनाथ, मुख्यमंत्री कमलनाथ, युवाओं के नेता नकुलनाथ और बाकी कांग्रेस अनाथ।
बरुण सखाजीः देश में 3 हिंदुत्व चर्चा में हैं, एक भाजपा का, दूसरा पुरी के शंकराचार्य का और तीसरा राहुल गांधी का, आपके हिसाब से ज्यादा सटीक परिभाषा किसकी है और क्यों? बाकी परिभाषाओं पर आपकी क्या राय है।
शिवराज सिंह चौहानः हिन्दुत्व हिन्दुत्व है, सर्वे भवन्तु सुखिना का भाव ही हिन्दुत्व है, सबके कल्याण की भावना ही हिन्दुत्व है। सबको लेकर चलना ही हिन्दुत्व है, भाजपा का हिन्दुत्व सबका साथ सबका विकास और सबका विश्वास है। राहुल जी जिन्होंने कभी जमीन देखी नहीं, वंशवाद के सबसे बड़े प्रतीक हैं वे क्या जानें हिन्दुत्व का मतलब, चुनावों में जनेऊ डालने से कोई हिन्दुत्व को परिभाषित नहीं कर सकते, जिनका कोई सरोकार नहीं रहा। वह भारत और भारतीय परंपराओं को परिभाषित न ही करें। पूज्य शंकराचार्य जी का हिन्दुत्व, भाजपा का हिन्दुत्व और वास्तविक हिन्दुत्व एक ही है। हमारा मूल एक ही है सबका कल्याण ।
बरुण सखाजीः नफरत फैलाने के लिए कौन ज्यादा जिम्मेदार है, कांग्रेस जिस पर हिंदुओं की उपेक्षा का आरोप है या भाजपा जिस पर मुसलमान की उपेक्षा का आरोप है?
शिवराज सिंह चौहानः नफरत फैलाने के लिए कांग्रेस की पक्षपात वाली राजनीति जिम्मेदार है। सबको आपस में लड़ा कर राजनीति का मंत्र कांग्रेस का रहा है। कांग्रेस हमेशा से तुष्टीकरण की राजनीति करती आई है। आजादी से लेकर अब तक का इतिहास उठाकर देख लीजिए भाजपा ने सदैव सर्वधर्म समभाव को अपनाया है।
बरुण सखाजीः कई मामलों में आप बड़े दयालु नजर आते हैं, कई में आक्रामक, कई मामलों में आप खुशमिजाजी से दिखते हैं, एक आदमी आपको कैसे जज करे?
शिवराज सिंह चौहानः मैं कई बार कहता हूं कि प्रदेश मेरा मंदिर है, जनता मेरी भगवान और मैं इस जनता रूपी भगवान का पुजारी हूं। मैं जनता का सेवक हूं, इसके अलावा कुछ नहीं। जनता की भलाई के लिये मुझे जो कुछ भी करना होता है, मैं उसमें पीछे नहीं हटता। उसे करके ही रहता हूं।
बरुण सखाजीः बतौर मुख्यमंत्री इतनी व्यस्तताओं के बीच घर, रिश्तेदार, परिवार की जिम्मेदारियों पर कैसे फोकस करते हैं?
शिवराज सिंह चौहानः वैसे तो पूरा मध्यप्रदेश मेरा परिवार है, सुबह आंख खुलने से लेकर रात्रि सोने तक हर समय बस प्रदेश की जनता की सेवा का लक्ष्य रहता है। जब हम पूरे मन से अपनी जिम्मेदारियों को निभाते हैं, तो हर कार्य संभव हो जाता है, एक सामान्य इंसान की तरह मैं भी अपनी पारिवारिक जिम्मेदारियों को पूरा करने की कोशिश करता हूं।
बरुण सखाजीः आध्यात्मिक चिंतन और विचार को कितना समय दे पाते हैं?
शिवराज सिंह चौहानः नियमित रूप से ईश्वर का स्मरण करता हूं, योग प्रणायाम करता हूं, मेरे प्रदेश के लोग सदा खुश रहें, सबका कल्याण हो। यही प्रार्थना प्रतिदिन ईश्वर से करता हूं।
बरुण सखाजीः किताबें पढ़ना, खेलना, कुछ कलात्मक कार्यों में संलग्न रहने के लिए भी समय निकाल पाते हैं?
शिवराज सिंह चौहानः जब जैसा समय होता है विद्वान लोगों के साथ बैठता हूं। विद्वानों के साथ चर्चा करना और पढ़ना अपने ज्ञान को बढ़ाने का सशक्त माध्यम है।
बरुण सखाजीः राजनीति को व्यक्तिगत तौर पर आप क्या मानते हैं, महत्वाकांक्षाओं का साधन, धन साधन, सेवा साधन या रुतबा साधन?
शिवराज सिंह चौहानः राजनीति सिर्फ सेवा का माध्यम है। राजनीति हमारे लिये साध्य नहीं साधन है। धरातल पर बदलाव लाने के लिए राजनीति सबसे सशक्त माध्यम है। मैं तो कहता हूं, यह मध्यप्रदेश मेरा मंदिर है, यहां की जनता मेरे लिए भगवान है, और उनका पुजारी यह शिवराज सिंह चौहान है।
बरुण सखाजीः जीवन के ऐसे पल कौन से हैं, जिनमें आप बहुत भावुक हुए हों?
शिवराज सिंह चौहानः मेरे लिए का जीवन का वह हर पल भावुक है, जब मैं अपने प्रदेश के लोगों के लिए कुछ अच्छा करता हूं और यही मेरी प्रसन्न्ता है।
बरुण सखाजीः ऐसे पल कौन से हैं जब आपको अनंत प्रसन्नता महसूस हुई हो?
शिवराज सिंह चौहानः सामान्य किसान परिवार से आया हूं, अपने लिए विशेष पसंद में कभी नहीं उलझता, जो ईश्वर ने दिया वही सबसे अच्छा होता है और प्रदेश की जनता का सुख ही मेरा सुख है।
प्रदेश के युवाओं को दूंगा एक लाख सरकारी नौकरियां, जिसके पास इनोवेटिव आइडिया हो वह आगे आए, पैसे मैं दूंगाः सीएम श्री @ChouhanShivrajhttps://t.co/UeHgwqbEZr
— Office of Shivraj (@OfficeofSSC) July 27, 2022
– Shivraj Singh Chouhan (@chouhanshivraj) 27 July 2022