Indore News: गरबा पंडाल और कपड़ा बाजार में धार्मिक विवाद! दुकानों और झूलों को हटवाया गया, जानिए किस बात को लेकर बन रही तनातनी की स्थिति

गरबा पंडाल और कपड़ा बाजार में धार्मिक विवाद! Indore News: Religious disputes erupted at both Garba Festival and the cloth market in Indore city

Indore News: गरबा पंडाल और कपड़ा बाजार में धार्मिक विवाद! दुकानों और झूलों को हटवाया गया, जानिए किस बात को लेकर बन रही तनातनी की स्थिति

Reported By: Anshul Mukati,
Modified Date: September 26, 2025 / 12:02 am IST
Published Date: September 25, 2025 6:13 pm IST

इंदौरः Indore News: मध्यप्रदेश के इंदौर शहर में गरबा महोत्सव और कपड़ा बाजार दोनों जगहों पर धार्मिक विवाद ने तूल पकड़ लिया है। एक ओर गरबा पंडाल से दुकानों और झूलों को हटवा दिया गया, तो दूसरी ओर कपड़ा बाजार में जिहादी मानसिकता से जुड़े लोगों को बाहर करने का अभियान चलाया गया। दोनों घटनाओं ने शहर का माहौल गरमा दिया है और अब यह मुद्दा राजनीतिक रंग ले रहा है।

परदेशीपुरा क्षेत्र में होने वाले मां कनकेश्वरी गरबा महोत्सव में इस बार बड़ा विवाद खड़ा हो गया। आरोप है कि मेले में बड़ी संख्या में मुस्लिम समुदाय से जुड़े लोगों ने दुकान और झूले लगाए। विरोध के बाद बीजेपी विधायक रमेश मैंदोला के समर्थक और पार्टी से निष्कासित पार्षद जीतू यादव मौके पर पहुंचे। उन्होंने दुकानदारों से नाम पूछते हुए झूले और दुकानें तुरंत हटाने की चेतावनी दी। वहीं जब मौके पर पहुंच कर दोनों ही पक्षों के लोगों से बातचीत की तो उनका कहना है की व्यापार पूरी तरह चौपट हो चुका है। पिछले 10 सालों से यह मेले में दुकान लगा रहे हैं, लेकिन इस तरह के निर्देश से बाजार मैं कमाई पूरी खत्म हो चुकी है।

वहीं, शहर के शीतला माता बाजार में हिंद रक्षक संगठन ने एक और अभियान छेड़ दिया। संगठन के अध्यक्ष और भाजपा विधायक मालिनी गौड़ के बेटे एकलव्य सिंह गौड़ ने व्यापारियों को कहा कि लव जिहाद करने वाले जिहादी मानसिकताओं के लोगों को बाजार से बाहर किया जाए। व्यापारियों ने एकलव्य सिंह गौड़ के इस अभियान को समर्थन किया है। वहीं इसके विरोध में मुस्लिम समाज के लोगों ने हाथों में झंडे और पोस्टर लेकर जमकर प्रदर्शन किया और इस फैसले को भेदभावपूर्ण बताया।

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गर्म हुई शहर की सियासत

Indore News: कुलमिलाकर इन दोनों ही घटनाओं ने शहर की सियासत को गरमा दिया है। एक तरफ हिंदू संगठनों को स्थानीय भाजपा नेताओं का समर्थन मिल रहा है, तो दूसरी तरफ विरोध करने वाले इसे समाज में दरार डालने की कोशिश बता रहे हैं। कांग्रेस का कहना है कि ये शहर में हुई ये दोनों घटनाएं शर्मनाक है दोनों संविधान के विपरीत है ये समाज को बांटने, दरार डालने का प्रयास किया जा रहा है । वही बीजेपी का कहना है कि सनातन धर्म मां के आस्था का विषय है और जो सनातन धर्म नहीं मानते हैं उन्हें इस आयोजनों से दूर रहना चाहिए । कांग्रेस तुष्टिकरण की राजनीति करती है। बहरहाल, इन दोनों ही घटनाओं ने राजनीतिक गलियारों में एक नई बहस को छोड़ दिया है।

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