सामने आया धर्मांतरण का एक और मामला, संस्थाओं में मिले धर्म परिवर्तित मासूम बच्चे, पिता ने खोले सारे राज

मिले धर्म परिवर्तित मासूम बच्चे, पिता ने खोले सारे राज Innocent children converted to religion in institutions

  •  
  • Publish Date - November 14, 2022 / 07:39 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 07:46 PM IST

Innocent children converted to religion

Innocent children converted to religion : दमोह। भोपाल के नजदीकी जिले रायसेन में दो दिन पहले घटे धर्म परिवर्तन के मामले के बाद अब दमोह में मासूम बच्चों के धर्मांतरण का मामला सामने आया है। यहां राष्ट्रीय बाल सरंक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने ईसाई मिशनरी के खिलाफ थाने में एफआईआर दर्ज कराई है। प्रियांक कानूनगो ने कहा कि यह बच्चों की धार्मिक स्वतंत्रता का हनन का मामला है। हमनें पुलिस में एक प्राथमिकी दर्ज कराई है और पुलिस को इसकी जांच करने के लिए कहा है। यहां महिला एवं बाल विकास विभाग लापरवाह है और स्थानीय अधिकारियों की मिलीभगत का संदेह है। प्रियांक ने रविवार को दमोह में एक छात्रावास और बाल गृह का औचक निरीक्षण किया। इसके बाद धर्मांतरण का आरोप लगाया।

Read more: हैवानियत की हदें पार! दरिंदे ने बंजारा लड़की को बनाया हवस का शिकार, प्राइवेट पार्ट को भी किया जख्मी 

बाल उपक्रमों का औचक निरीक्षण
इस मामले का खुलासा तब हुआ जब एक दिन पहले रविवार को राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो दमोह जिले के दौरे पर आये थे। कानूनगो ने अपने दौरे की सूचना सिर्फ यहां के अफसरों को दी थी। वह यहां चल रहे कुछ बाल उपक्रमों का औचक निरीक्षण करना चाहते थे। औचक निरीक्षण करना चाहा तो यहां खासा बवाल हो गया। अध्यक्ष द्वारा निरीक्षण करने पर बच्चों से पूछा गया तो उन्होंने अपना हिंदू नाम बताया गया, जिसके बाद मौके पर जांच पड़ताल की गई, जिसमें पाया गया कि 3 तीन बच्चे कोरोना काल में माता-पिता से बिछड़ गए थे, जिनको गोहरगंज के शिशु बाल गृह में रखा गया था।

Read more: India news today in hindi 14 November : फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़, 5 करोड़ रुपये से अधिक के लेनदेन वाले 25 बैंक खातों का हुआ खुलासा 

पिता ने खोले सारे राज
Innocent children converted to religion : जानकारी के अनुसार, रायसेन में दमोह जिले के धर्म परिवर्तित बच्चे मिले हैं। कोरोना काल में माता-पिता से तीनों बच्चे बिछड़ गए थे। जहां तीनों आपस में भाई बहन बताए जा रहे हैं। तीनों की उम्र लगभग पांच से आठ साल के बीच होना बताया जा रहा है। माता-पिता के मिलने पर नियमानुसार बच्चों को सौंप दिया गया। तब बच्चों के पिता ने इनके मिलने का खुलासा किया। उन्होंने कहा कि 2019 में भोपाल में बाल आयोग के कर्मी बच्चों को अपने साथ ले गए थे। बच्चों की जानकारी लेने कई बार बाल आयोग के दफ्तर गए, लेकिन वहां के अधिकारियों ने मिलने नहीं दिया। अब राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग के औचक निरीक्षण के बाद इन बच्चों का पता चल पाया है।

IBC24 की अन्य बड़ी खबरों के लिए यहां क्लिक करें