Jabalpur High Court Order: 20 KM दूर से आती थी डॉक्टर की चाय, 30 लाख के घोटाले का खुलासा करने वाले कर्मचारी को मिला ट्रांसफर, अब हाईकोर्ट ने कह दी ये बड़ी बात

20 KM दूर से आती थी डॉक्टर की चाय, 30 लाख के घोटाले का खुलासा...Jabalpur High Court Order: Doctor's tea used to come from 20 KM away

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  • Publish Date - June 25, 2025 / 07:28 PM IST,
    Updated On - June 25, 2025 / 07:28 PM IST

Jabalpur High Court Order | Image Source | IBC24

HIGHLIGHTS
  • जबलपुर: 30 लाख के चाय घोटाले का खुलासा,
  • खुलासा करने वाले स्वास्थ्य कर्मी का तबादला,
  • स्वास्थ्य कर्मी के ट्रांसफर को हाईकोर्ट ने रोका,

जबलपुर: Jabalpur High Court Order: आइए अब आपको अजब एमपी में हुआ एक और ग़ज़ब कारनामा दिखाते हैं जबलपुर में स्वास्थ्य विभाग में लाखों का भ्रष्टाचार पकड़ने वाले कर्मचारी का 600 किलोमीटर दूर मुरैना तबादला कर दिया गया। भ्रष्टाचार भी ऐसा जिसमें डॉक्टर साहब की चाय सरकारी खर्च पर 20 किलोमीटर दूर से आती थी! लेकिन कहते हैं न देर है अंधेर नहीं। जबलपुर हाईकोर्ट ने मामले पर संज्ञान लेकर पीड़ित कर्मचारी के तबादले पर रोक लगा दी है और सरकार से जवाब भी माँगा है।

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Jabalpur High Court Order: जबलपुर जिले के मंझौली सिविल अस्पताल के मेन गेट पर ही चाय की एक नहीं दो-दो दुकानें सजी हुई हैं लेकिन यहाँ पदस्थ रहे बीएमओ यानी ब्लॉक मेडिकल ऑफ़िसर की चाय मंझौली से 20 किलोमीटर दूर सिहोरा से वह भी सरकारी खर्च पर मंगाई जाती थी। लगभग 30 लाख रुपये की ऐसी फर्जी बिलिंग ब्लॉक प्रोग्राम मैनेजर अमित चंद्रा ने पकड़ ली थी। कर्मचारी ने जब दबाव के बावजूद बिल पास नहीं किए तो उसे ही झूठी शिकायतों से परेशान किया जाने लगा और हाल ही में उसका तबादला जबलपुर से मुरैना कर दिया गया। परेशान होकर पीड़ित कर्मचारी ने हाईकोर्ट की शरण ली और अपने तबादले को चुनौती दे दी।

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Jabalpur High Court Order: उधर हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई करते ही तबादले की मंशा समझ ली। जबलपुर हाईकोर्ट ने न केवल अमित चंद्रा के तबादले पर रोक लगा दी बल्कि राज्य सरकार और स्वास्थ्य विभाग को नोटिस जारी कर दो हफ़्तों में जवाब भी माँग लिया। भ्रष्टाचार की शिकायत करने पर इसी मामले में पहले भी चंद्रा का तबादला नरसिंहपुर किया गया था लेकिन तब भी हाईकोर्ट ने तबादले पर रोक लगा दी थी। अब फिर सिस्टम ने और लंबा तबादला करते हुए वही।

"जबलपुर स्वास्थ्य विभाग में भ्रष्टाचार" से जुड़ा मामला क्या है?

जबलपुर के मंझौली सिविल अस्पताल में बीएमओ की सरकारी खर्च पर 20 किमी दूर से चाय मंगाने जैसी फर्जी बिलिंग पकड़ी गई थी, जिसमें लगभग ₹30 लाख की गड़बड़ी का खुलासा ब्लॉक प्रोग्राम मैनेजर अमित चंद्रा ने किया।

"भ्रष्टाचार उजागर करने वाले कर्मचारी का तबादला" क्यों हुआ?

कर्मचारी ने फर्जी बिल पास करने से मना किया और भ्रष्टाचार उजागर किया, जिसके बाद उस पर झूठी शिकायतें की गईं और उसे जबलपुर से 600 किमी दूर मुरैना ट्रांसफर कर दिया गया।

"जबलपुर हाईकोर्ट का आदेश तबादले पर" क्या है?

जबलपुर हाईकोर्ट ने कर्मचारी अमित चंद्रा के तबादले पर अंतरिम रोक लगाते हुए राज्य सरकार और स्वास्थ्य विभाग से दो सप्ताह में जवाब मांगा है।

क्या पहले भी "अमित चंद्रा का तबादला" हुआ था?

हाँ, पहले भी भ्रष्टाचार उजागर करने पर उनका तबादला नरसिंहपुर किया गया था, लेकिन तब भी हाईकोर्ट ने रोक लगा दी थी।

"सरकारी खर्च पर चाय मंगाने का मामला" कितना बड़ा है?

इसमें लगभग ₹30 लाख की फर्जी बिलिंग की बात सामने आई है, जिसमें बीएमओ की चाय 20 किमी दूर सिहोरा से सरकारी पैसे से मंगाई जा रही थी।