Jabalpur News: सड़क हादसे के बाद अंगदान कर बना फरिश्ता! अब 4 लोगों को मिलेगी नई ज़िंदगी, हार्ट और लिवर ट्रांसप्लांट के लिए बने दो ग्रीन कॉरिडोर

Jabalpur News: सड़क हादसे के बाद अंगदान कर बना फरिश्ता! अब 4 लोगों को मिलेगी नई ज़िंदगी, हार्ट और लिवर ट्रांसप्लांट के लिए बने दो ग्रीन कॉरिडोर

  • Reported By: Vijendra Pandey

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  • Publish Date - August 7, 2025 / 12:38 PM IST,
    Updated On - August 7, 2025 / 12:38 PM IST

Jabalpur News/Image Source: IBC24

HIGHLIGHTS
  • सड़क हादसे के बाद अंगदान का संकल्प,
  • ब्रेन डेड सत्येंद्र यादव बचाएंगे 4 जानें,
  • हार्ट-लिवर ट्रांसप्लांट के लिए बने दो ग्रीन कॉरिडोर,

जबलपुर: Jabalpur News: जबलपुर में सड़क हादसे में घायल होने के बाद ब्रेन डेड घोषित किए गए 31 वर्षीय सत्येंद्र यादव चार लोगों की ज़िंदगी बचाने जा रहे हैं। मृतक सत्येंद्र यादव के परिजनों ने उनके अंग दान करने का फ़ैसला लिया है। सत्येंद्र यादव का हृदय हैदराबाद में एक मरीज को प्रत्यारोपित कर उसकी जान बचाई जानी है और उनका लिवर भोपाल के एक ज़रूरतमंद मरीज को ट्रांसप्लांट किया जाना है।

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Jabalpur News: मृतक सत्येंद्र यादव की दोनों किडनियाँ भी दो मरीजों के काम आ सकती हैं लेकिन फिलहाल उनके हृदय और यकृत प्रत्यारोपण के लिए मरीज तय कर लिए गए हैं। ऐसे में आज जबलपुर में अंग प्रत्यारोपण के लिए दो ग्रीन कॉरिडोर बनाए जा रहे हैं। पहला ग्रीन कॉरिडोर विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम को एयरपोर्ट से मेडिकल कॉलेज अस्पताल लाने के लिए बनाया जाएगा और दूसरा कॉरिडोर हृदय और यकृत को एयरपोर्ट तक पहुँचाने के लिए तैयार किया जा रहा है।

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Jabalpur News: मृतक के परिजनों का कहना है कि वे इस अंगदान से अपने सत्येंद्र को किसी के शरीर में जीवित महसूस करेंगे। वहीं नेताजी सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कॉलेज और सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल में इस ग्रीन कॉरिडोर के लिए पूरी तैयारी कर ली गई है। मेडिकल कॉलेज के डीन, डॉ. नवनीत सक्सेना, आज के दिन को शहर के लिए ऐतिहासिक मान रहे हैं।

"ब्रेन डेड सत्येंद्र यादव" कौन थे और उनका क्या हुआ?

"ब्रेन डेड सत्येंद्र यादव" जबलपुर निवासी 31 वर्षीय युवक थे, जो सड़क हादसे में घायल होने के बाद ब्रेन डेड हो गए थे।

"सत्येंद्र यादव का अंगदान" किन लोगों की मदद करेगा?

"सत्येंद्र यादव का अंगदान" से चार मरीजों को नई जिंदगी मिलेगी — हृदय हैदराबाद, लिवर भोपाल, और किडनियां अन्य दो मरीजों को दी जाएंगी।

"ग्रीन कॉरिडोर जबलपुर" किस लिए बनाया गया है?

"ग्रीन कॉरिडोर जबलपुर" अंग प्रत्यारोपण प्रक्रिया को समय पर और सुरक्षित रूप से पूरा करने के लिए बनाया गया है।

"अंगदान प्रक्रिया" में कौन-कौन से अंग दान किए गए हैं?

"अंगदान प्रक्रिया" में हृदय, लिवर और दोनों किडनियां शामिल हैं।

क्या "सत्येंद्र यादव के परिवार" का कोई बयान सामने आया है?

हां, "सत्येंद्र यादव के परिवार" ने कहा है कि वे अपने बेटे को किसी और के जीवन में जीवित महसूस करना चाहते हैं, यही कारण है कि उन्होंने अंगदान का निर्णय लिया।