Reported By: Vijendra Pandey
,Jabalpur News/Image Source: IBC24
जबलपुर: Jabalpur News: जबलपुर में ईडी की स्पेशल कोर्ट ने एक ऐसा फैसला सुनाया है जो भ्रष्टाचार के मामलों में नज़ीर बन सकता है। कोर्ट ने आय से अधिक संपत्ति मामले में दोषी मृतक कर्मचारी के परिजनों को भी भ्रष्टाचार का दोषी ठहराया है और उन्हें जेल भेज दिया है। ईडी कोर्ट ने मृतक कर्मचारी की पत्नी, बेटे और बहू को 3-3 साल कैद की सज़ा सुनाई है और उन पर 10-10 हज़ार रुपये का जुर्माना भी लगाया है।
Jabalpur News: कोर्ट ने पाया कि मृतक द्वारा सरकारी नौकरी में रहते हुए कमाई गई काली कमाई का उसके परिजनों ने भी उपभोग किया था। ऐसे में कोर्ट ने परिजनों को भी सह-आरोपी मानकर यह सज़ा सुनाई है। यह मामला साल 2010 का है जब सीबीआई ने जबलपुर में सीडीए यानी कंट्रोलर ऑफ डिफेंस अकाउंट्स दफ्तर में पदस्थ अकाउंटेंट सूर्यकांत गौर की शिकायत पर छापामार कार्रवाई की थी। जांच में सूर्यकांत गौर की आय से 90 लाख रुपये अधिक की संपत्ति मिली थी। मामला ईडी को ट्रांसफर किया गया था जिसके बाद ईडी ने जांच में पाया कि आरोपी कर्मचारी ने अपनी काली कमाई से अपनी पत्नी, बेटे और बहू के नाम पर निवेश किया था।
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Jabalpur News: ईडी ने कर्मचारी के साथ उसके परिजनों को भी सह-आरोपी बनाया था। कोर्ट में मामला लंबित रहते हुए साल 2021 में कर्मचारी की मौत हो गई थी लेकिन केस चलता रहा। अब जबलपुर की ईडी कोर्ट ने अपना पहला फैसला इसी मामले में सुनाया है जिसमें मृतक कर्मचारी की पत्नी, बेटे और बहू को भी भ्रष्टाचार का दोषी पाते हुए 3-3 साल कैद की सज़ा सुनाई गई है। जबलपुर के जिला लोक अभियोजक अनिल तिवारी का कहना है कि जबलपुर ईडी कोर्ट का यह फैसला भ्रष्टाचार के मामलों में नज़ीर साबित होगा। उनसे इस मामले पर IBC24 से ख़ास बातचीत की।