Jabalpur News: ईडी कोर्ट का बड़ा फैसला, आय से अधिक संपत्ति मामले में फंसा मृतक कर्मचारी का परिवार, पत्नी, बेटे और बहू को इतने साल की सजा

Jabalpur News: ईडी कोर्ट का बड़ा फैसला, आय से अधिक संपत्ति मामले में फंसा मृतक कर्मचारी का परिवार, पत्नी, बेटे और बहू को इतने साल की सजा

  • Reported By: Vijendra Pandey

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  • Publish Date - August 21, 2025 / 05:50 PM IST,
    Updated On - August 21, 2025 / 05:53 PM IST

Jabalpur News/Image Source: IBC24

HIGHLIGHTS
  • जबलपुर ईडी कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला,
  • आय से अधिक संपत्ति केस में सुनाया फैसला,
  • मृतक कर्मचारी के परिवार को भी 3 साल कैद,

जबलपुर: Jabalpur News:  जबलपुर में ईडी की स्पेशल कोर्ट ने एक ऐसा फैसला सुनाया है जो भ्रष्टाचार के मामलों में नज़ीर बन सकता है। कोर्ट ने आय से अधिक संपत्ति मामले में दोषी मृतक कर्मचारी के परिजनों को भी भ्रष्टाचार का दोषी ठहराया है और उन्हें जेल भेज दिया है। ईडी कोर्ट ने मृतक कर्मचारी की पत्नी, बेटे और बहू को 3-3 साल कैद की सज़ा सुनाई है और उन पर 10-10 हज़ार रुपये का जुर्माना भी लगाया है।

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Jabalpur News:  कोर्ट ने पाया कि मृतक द्वारा सरकारी नौकरी में रहते हुए कमाई गई काली कमाई का उसके परिजनों ने भी उपभोग किया था। ऐसे में कोर्ट ने परिजनों को भी सह-आरोपी मानकर यह सज़ा सुनाई है। यह मामला साल 2010 का है जब सीबीआई ने जबलपुर में सीडीए यानी कंट्रोलर ऑफ डिफेंस अकाउंट्स दफ्तर में पदस्थ अकाउंटेंट सूर्यकांत गौर की शिकायत पर छापामार कार्रवाई की थी। जांच में सूर्यकांत गौर की आय से 90 लाख रुपये अधिक की संपत्ति मिली थी। मामला ईडी को ट्रांसफर किया गया था जिसके बाद ईडी ने जांच में पाया कि आरोपी कर्मचारी ने अपनी काली कमाई से अपनी पत्नी, बेटे और बहू के नाम पर निवेश किया था।

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Jabalpur News:  ईडी ने कर्मचारी के साथ उसके परिजनों को भी सह-आरोपी बनाया था। कोर्ट में मामला लंबित रहते हुए साल 2021 में कर्मचारी की मौत हो गई थी लेकिन केस चलता रहा। अब जबलपुर की ईडी कोर्ट ने अपना पहला फैसला इसी मामले में सुनाया है जिसमें मृतक कर्मचारी की पत्नी, बेटे और बहू को भी भ्रष्टाचार का दोषी पाते हुए 3-3 साल कैद की सज़ा सुनाई गई है। जबलपुर के जिला लोक अभियोजक अनिल तिवारी का कहना है कि जबलपुर ईडी कोर्ट का यह फैसला भ्रष्टाचार के मामलों में नज़ीर साबित होगा। उनसे इस मामले पर IBC24 से ख़ास बातचीत की।

जबलपुर ईडी कोर्ट का फैसला क्यों खास है?

जबलपुर ईडी कोर्ट का फैसला इसलिए खास है क्योंकि इसमें मृतक कर्मचारी के परिजनों को भी दोषी माना गया है, जो आमतौर पर नहीं होता।

क्या मृत व्यक्ति के खिलाफ चल रहे केस में सज़ा दी जा सकती है?

मृत व्यक्ति के खिलाफ केस समाप्त हो जाता है, लेकिन अगर उसके द्वारा अर्जित संपत्ति से अन्य परिजनों को लाभ हुआ हो, तो उन्हें दोषी ठहराया जा सकता है।

ईडी कोर्ट ने किन्हें दोषी माना है और क्या सज़ा दी है?

मृतक कर्मचारी की पत्नी, बेटे और बहू को दोषी मानते हुए 3-3 साल की सज़ा और 10-10 हजार रुपये जुर्माना लगाया गया है।

क्या यह फैसला भविष्य के मामलों को प्रभावित करेगा?

हाँ, यह फैसला भ्रष्टाचार के मामलों में नज़ीर बन सकता है और ऐसे मामलों में परिजनों की भी जांच की जा सकती है।

सूर्यकांत गौर केस में कितनी अवैध संपत्ति मिली थी?

इस मामले में सूर्यकांत गौर के पास 90 लाख रुपये से अधिक की आय से अधिक संपत्ति पाई गई थी।