Archana Tiwari: काली साड़ी, घूंघट और इस युवक के हाथों में हाथ, अर्चना तिवारी का ये वीडियो देख हर कोई रह गया हैरान

Archana Tiwari: काली साड़ी, घूंघट और इस युवक के हाथों में हाथ, अर्चना तिवारी का ये वीडियो देख हर कोई रह गया हैरान

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  • Publish Date - August 21, 2025 / 03:41 PM IST,
    Updated On - August 21, 2025 / 03:41 PM IST

Archana Tiwari/Image Source: IBC24

HIGHLIGHTS
  • अर्चना तिवारी का नया वीडियो वायरल
  • घूंघट और दोस्त संग दिखीं,
  • दोस्त का हाथ थामे अर्चना तिवारी,

भोपाल: Bhopal News: 29 वर्षीय अर्चना तिवारी की रहस्यमयी गुमशुदगी का मामला अब पूरी तरह से सुलझ चुका है। जज बनने की तैयारी कर रहीं अर्चना ने खुद ही एक पूरी कहानी रची थी और इस बार पुलिस जांच ने उसकी हर परत को उजागर कर दिया है। अब जो सीसीटीवी फुटेज सामने आया है उसने पूरे मामले की सच्चाई को दुनिया के सामने ला दिया है। एक वायरल वीडियो में अर्चना तिवारी काली साड़ी पहने, चेहरा घूंघट से ढके और अपने दोस्त तेजेंद्र का हाथ पकड़े हुए इटारसी रेलवे स्टेशन से बाहर निकलती नजर आ रही हैं। यह वीडियो इस बात की पुष्टि करता है कि गुमशुदगी की यह कहानी सोची-समझी और पहले से रची गई साजिश थी। Archana Tiwari

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Archana Tiwari: कटनी की रहने वाली अर्चना ने परिवार को बताया था कि वह राखी पर कटनी आ रही हैं, लेकिन असल में वह वहां पहुंची ही नहीं। इसके बाद उनका फोन बंद हो गया और परिवार ने गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस को शुरुआत में शक अपहरण या हादसे पर था लेकिन जल्द ही मामला दूसरा रूप लेने लगा। पुलिस अधीक्षक राहुल कुमार लोधा ने बताया कि जांच में अर्चना के दो दोस्तों शुजालपुर निवासी सारांश और नर्मदापुरम के ड्राइवर तेजेंद्र की भूमिका सामने आई है। सारांश से अर्चना की जान-पहचान इंदौर में पढ़ाई के दौरान हुई थी, जबकि तेजेंद्र अक्सर अर्चना को गाड़ियों में बाहर ले जाता था। योजना के अनुसार अर्चना को साड़ी और कपड़े दिए गए ताकि वह पहचान छुपा सके।

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Archana Tiwari: गुमशुदगी की जांच में जीआरपी की 70 सदस्यीय टीम ने 12 से अधिक दिनों तक 500 से ज्यादा सीसीटीवी फुटेज खंगाले। अहम सुराग तब मिला जब कॉल डिटेल रिकॉर्ड (CDR) से यह पता चला कि अर्चना की सारांश नामक युवक से लगातार बात हो रही थी। जब सारांश को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई, तो पूरी योजना उजागर हो गई। अर्चना ने इटारसी से निकलकर शुजालपुर फिर बुरहानपुर, हैदराबाद, जोधपुर होते हुए दिल्ली का रुख किया। दिल्ली से सारांश के साथ 14 अगस्त को नेपाल चली गईं। ताकि ट्रैकिंग से बचा जा सके अर्चना ने नया फोन और सिम कार्ड भी मध्यप्रदेश से नहीं लिया। सारांश की गिरफ्तारी के बाद जब अर्चना को पता चला कि पुलिस साजिश की तह तक पहुंच चुकी है तो वह नेपाल से भारत लौट आईं। उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी बॉर्डर से उन्हें सुरक्षित बरामद किया गया और भोपाल लाकर पूछताछ की गई।

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Archana Tiwari: पूछताछ में अर्चना ने खुलासा किया कि परिवार ने उनकी शादी एक पटवारी से तय कर दी थी और उन पर पढ़ाई छोड़कर शादी की तैयारी करने का दबाव था। लेकिन अर्चना इसके लिए तैयार नहीं थीं। इसलिए उन्होंने गुमशुदगी की झूठी कहानी रच डाली, ताकि शादी टल सके। पूरे मामले में एक पुलिसकर्मी राम तोमर का नाम भी सामने आया था लेकिन पुलिस ने स्पष्ट कर दिया कि उसका इस घटना से कोई संबंध नहीं है। साथ ही अर्चना ने यह भी साफ किया कि सारांश से उनके प्रेम संबंध नहीं हैं वह सिर्फ एक दोस्त है जिसने उसकी मदद की।

अर्चना तिवारी की गुमशुदगी की असली वजह क्या थी?

"अर्चना तिवारी गुमशुदगी की वजह" यह थी कि वह परिवार द्वारा तय की गई शादी से बचना चाहती थीं। इसलिए उन्होंने खुद ही गुमशुदगी की झूठी कहानी रची।

क्या अर्चना तिवारी नेपाल क्यों गई थीं?

"अर्चना तिवारी नेपाल क्यों गई" — ताकि पुलिस और परिवार की ट्रैकिंग से बच सकें। उन्होंने नेपाल जाकर खुद को छिपाने की कोशिश की थी।

क्या अर्चना तिवारी और सारांश के बीच प्रेम संबंध था?

"अर्चना तिवारी और सारांश संबंध" — अर्चना ने स्पष्ट किया है कि सारांश सिर्फ एक दोस्त है और उनके बीच कोई प्रेम संबंध नहीं है।

क्या इस मामले में कोई पुलिसकर्मी भी शामिल था?

"अर्चना तिवारी मामले में पुलिसकर्मी शामिल था?" — जांच में एक पुलिसकर्मी राम तोमर का नाम आया था, लेकिन पुलिस ने साफ कर दिया कि उसका इस साजिश से कोई संबंध नहीं है।

अर्चना तिवारी ने गुमशुदगी की योजना कैसे बनाई?

"अर्चना तिवारी ने गुमशुदगी कैसे रची" — उन्होंने अपने दोस्तों सारांश और तेजेंद्र की मदद से पहले से योजना बनाकर नई साड़ी, मोबाइल सिम और अलग-अलग शहरों का सहारा लिया ताकि कोई उन्हें पहचान न सके।