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भोपालः SarkarOnIBC24 कांग्रेस को मजबूत करने करने के लिए राहुल गांधी लगातार मंथन कर रहे हैं। इसी कड़ी में राहुल गांधी भोपाल आए। पार्टी नेताओं के साथ मंथन किया संदेश दिया और चले गए। राहुल संकेतों में बात करके गए। उन्हें 3 घोड़ों की याद आई। लोग ये तंज कर रहे हैं कि क्या काग्रेस को रेसकोर्स की तरह चलाने की प्लानिंग है। गुटबाजी की भी बात निकली..कुछ नेताओँ का दर्द भी बाहर आया। अब बात हो रही है कि उनके आने का मकसद क्या था और क्या वो पूरा हुआ?
SarkarOnIBC24 राहुल गांधी के घोड़ों के बयान के बाद अब एमपी कांग्रेस से दिग्गजों की सियासत का अंत नजदीक माना जा रहा है। राहुल गांधी ने ये साफ कर दिया कि उन्हें रेस वाले घोड़े चाहिए ना कि बारात वा राहुल गांधी ने कांग्रेस की राजनैतिक मामलों की समिति की बैठक के दौरान तल्ख लहजे में सभी क्षत्रपों के सामने ये तक कह दिया कि अब उन्हें गुटबाजी बर्दाश्त नहीं होगी। जीत का मूल मंत्र देते हुए राहुल ने कहा कि सभी क्षत्रप एक हो जाएं।
असल में राहुल गांधी एमपी में संगठन सृजन अभियान की शुरुआत करने आए थे। राहुल ने एमपी के बाहर के 61 ऑब्जर्वरों और एमपी के ऑब्जर्वरों की बैठक के दौरान ये कहा कि उन्हें 55 नेताओं की तलाश है जो कांग्रेस का भविष्य बनेंगे। ये वो नेता होंगे जिन्हें ऑब्जर्वर बतौर जिलाध्यक्ष चुनेंगे। फिलहाल राहुल गांधी का ये दौरा मध्यप्रदेश कांग्रेस की सेहत के लिहाज से बेहद महत्तवपूर्ण है, लेकिन बीजेपी राहुल गांधी के दौरे पर तंज कस रही है। जाहिर है राहुल गांधी ने 5 घंटों की मैराथन बैठकों के जरिए पूरी कांग्रेस को चार्ज करने की कोशिश की है। छोटा बड़ा हर कैटेगरी का कांग्रेस नेता राहुल गांधी को बड़ी उम्मीदों से देख रहा है, लेकिन सवाल ये है कि क्या राहुल गांधी की दी हुई संजीवनी का असर एमपी कांग्रेस पर कितने दिन होता है।