किसानों के आंदोलन की चेतावनी के बाद मप्र सरकार ने ‘लैंड पूलिंग’ योजना निरस्त की

किसानों के आंदोलन की चेतावनी के बाद मप्र सरकार ने ‘लैंड पूलिंग’ योजना निरस्त की

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  • Publish Date - December 16, 2025 / 11:46 PM IST,
    Updated On - December 16, 2025 / 11:46 PM IST

भोपाल, 16 दिसंबर (भाषा) मध्यप्रदेश सरकार ने सिंहस्थ के लिए लाई गई ‘लैंड पूलिंग’ योजना को मंगलवार को पूरी तरह निरस्त कर दिया और इस संबंध में एक आदेश जारी किया।

भारतीय किसान संघ (बीकेएस) ने सिंहस्थ लैंड पूलिंग योजना को पूरी तरह निरस्त करने की मांग को लेकर 26 दिसंबर से फिर से आंदोलन की चेतावनी दी थी।

इसके कुछ दिनों बाद सोमवार को उज्जैन उत्तर से सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक अनिल जैन कालूहेड़ा ने मुख्यमंत्री मोहन यादव को एक पत्र लिखकर कहा था कि किसान हित में लैंड पूलिंग योजना निरस्त होनी चाहिए।

उन्होंने यह भी कहा था कि अगर किसान 26 दिसंबर से आंदोलन शुरू करते हैं तो वह भी इसमें सम्मिलित होने के लिए विवश होंगे।

मध्यप्रदेश के राज्यपाल के आदेशानुसार, मध्यप्रदेश शासन के नगरीय विकास एवं आवास विभाग के उपसचिव सी के साधव द्वारा हस्ताक्षरित इस आदेश में राज्य शासन उज्जैन विकास प्राधिकरण द्वारा मध्यप्रदेश नगर तथा ग्राम निवेश अधिनियम 1973 के अंतर्गत प्रस्तावित नगर विकास योजना क्रमांक 8, 9, 10, 11 को संशोधित किया गया था।

आदेश में कहा कि लोकहित में इसे पूर्ण रूप से निरस्त किया जाता है।

मंदिरों के शहर उज्जैन में हर 12 साल में लगने वाला ‘सिंहस्थ कुंभ’ हिंदुओं का एक ऐसा बड़ा धार्मिक आयोजन है, जिसमें देश-विदेश के लाखों श्रद्धालु आते हैं।

अगला सिंहस्थ मेला 2028 में आयोजित किया जाएगा। इसे देखते हुए सरकार ने स्थायी निर्माण के लिए किसानों की जमीन हासिल करने की नीति शुरू की थी।

बीकेएस के आह्वान पर 18 नवंबर को ‘डेरा डालो, घेरा डालो’ आंदोलन की घोषणा के बाद मध्यप्रदेश सरकार ने विवादित लैंड पूलिंग अधिनियम को पूरी तरह निरस्त करने की घोषणा की‌ थी।

इसके बाद तत्काल ही भारतीय किसान संघ ने उज्जैन में जश्न रैली निकाल दी लेकिन बात तब बिगड़ी जब दो दिन बाद प्रदेश सरकार की ओर से एक पत्र जारी किया गया, जिसमें सिंहस्थ लैंड पूलिंग निरस्त करने की बजाय संशोधित की गई जबकि भारतीय किसान संघ की मांग थी कि लैंड पूलिंग अधिनियम पूरी तरह निरस्त किया जाए।

इसी बात से नाराज किसानों ने उज्जैन में एक बैठक कर नये सिरे से अनिश्चितकालीन आंदोलन की घोषणा की थी।

उज्जैन में इस बार सिंहस्थ 2028 में है और इसके मद्देनजर सरकार किसानों की जमीन अधिग्रहित कर स्थायी निर्माण के लिए ‘लैंड पूलिंग’ नीति लेकर आई थी जबकि पूर्व में किसानों से सिंहस्थ के लिए 5-6 महीनों के लिए जमीन ली जाती थी। तभी से किसान संगठन इसका जोरदार विरोध कर रहे थे।

भाषा ब्रजेन्द्र शफीक

शफीक

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