MP Betul News | Photo Credit: IBC24
बैतूल: MP Betul News मध्यप्रदेश के बैतूल में वेस्टर्न कोल फील्ड की छतरपुर 1 खदान में बड़ा हादसा हो गया। यहां खदान के मुहाने से साढ़े तीन किलोमीटर अंदर एक फेज़ की छत गिरने से तीन कोयला खदान कर्मियों की दर्दनाक मौत हो गई। स्लैब गिरने के बाद ये खबर फैली थी कि हादसे में 10 से ज्यादा मजदूर दबे हुए हैं लेकिन दो घण्टे तक चले रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद तीन कर्मियों के शव बरामद हुए हैं । इस मामले में वेस्टर्न कोल फील्ड प्रबंधन के अधिकारी बयान देने से लगातार बच रहे हैं जिससे ये सन्देह गहरा रहा है कि खदान में कोई बड़ी लापरवाही हुई है।
MP Betul News बैतूल में वेस्टर्न कोल फील्ड की छतरपुर 1 खदान की 16 लेवल फेज़ में 10 मीटर लंबा छज्जा गिरने से तीन कर्मचारी दब गए। पहले ये खबर थी कि मलबे में आठ से दस मजदूर और कर्मचारी दबे हैं लेकिन लगभग तीन घण्टे तक चले रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद मलबे से केवल तीन लोगों के शव बाहर आए जिनमे दो माइनिंग स्टाफ थे और एक इंजीनियर था। बताया जा रहा है कि ये तीनो साढ़े तीन किलोमीटर अंदर कुछ जांच करने गए हुए थे। तीनों के शव कोल फील्ड के पाथाखेड़ा एरिया हॉस्पिटल लाए गए जहां खदान कर्मचारियो का हुजूम उमड़ पड़ा।
माइनिंग सेफ्टी के पदाधिकारियों के मुताबिक खदान के हर फेज़ में कंटीन्यू माइनिंग मशीन से एक बार मे 14 मीटर खुदाई होती है जिसके बाद माइनिंग दल मशीन सहित वहां से वापस लौट जाता है । इसके बाद खुदाई वाले हिस्से में एक्सपर्ट टीम छत को मजबूती देने के लिए बोल्टिंग करती है और इसके बाद ही कोई वहां वापस जा सकता है लेकिन यहां ऐसा नहीं हुआ और तीनों कर्मचारी बोल्टिंग से पहले ही बिना सेफ्टी के वापस अंदर गए और इसी दौरान ये घटना हुई । मजदूर संगठन मृतकों के लिए न्याय और जांच की माँग कर रहे हैं ।
इस घटना की जांच करने वेस्टर्न कोल फील्ड के उच्च अधिकारी छतरपुर 1 कोयला खदान पहुंच चुके हैं और जांच शुरू कर दी गई है। लेकिन इतनी बड़ी दुर्घटना होने के बावजूद डब्ल्यू सी एल के जिम्मेदार अधिकारी मामले को लेकर ना तो ब्रीफिंग करने सामने आए और ना घटना की कोई वजह बताई गई जिससे साफ है कि किसी ना किसी स्तर पर यहां कोई बड़ी लापरवाही हुई है जिसे उजागर करने से अधिकारी बच रहे है।