Shubhanshu Shukla Return: शुभांशु शुक्ला धमाके के साथ धरती पर करेंगे एंट्री, अंतरिक्ष से वापसी पर अनोखा स्वागत, किसान ने अनाज से बनाए पोर्ट्रेट

Shubhanshu Shukla Return: शुभांशु शुक्ला धमाके के साथ धरती पर करेंगे एंट्री, अंतरिक्ष से वापसी पर अनोखा स्वागत, किसान ने अनाज से बनाए पोर्ट्रेट

  • Reported By: Atul Tiwari

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  • Publish Date - July 15, 2025 / 02:48 PM IST,
    Updated On - July 15, 2025 / 02:48 PM IST

Shubhanshu Shukla Return/image Source: IBC24

HIGHLIGHTS
  • अंतरिक्ष से वापसी पर अनोखा स्वागत,
  • किसान ने अनाज से बनाए शुभांशु शुक्ला का पोर्ट्रेट,
  • शुभांशु शुक्ला समेत चार अंतरिक्ष यात्रियों के पोर्ट्रेट,

नर्मदापुरम: Narmadapuram News: करीब तीन हफ्ते इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) में रहने के बाद भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला 15 जुलाई आज मंगलवार को पृथ्वी पर लौट रहे हैं। उनका स्पेस शटल अटलांटिक महासागर में उतरेगा। शुभांशु के सुरक्षित लौटने की खुशी पूरे देश में जताई जा रही है। इसी ख़ुसी में नर्मदापुरम जिले के ग्राम सुपल्ली के किसान योगेंद्र सोलंकी ने भी एक खास अंदाज में यह पल मनाया है। उन्होंने शुभांशु शुक्ला और उनके तीन अंतरराष्ट्रीय साथी यात्रियों के अनाज से पोट्रेट तैयार किए हैं। Shubhanshu Shukla Return

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Shubhanshu Shukla Return: किसान सोलंकी ने शुभांशु के अलावा अमेरिका की पैगी विलसन, पोलैंड के सवोस उज्जानवास्की, और हंगरी के टेगो कापूर के भी पोट्रेट बनाए हैं। इन पोट्रेट को उनके पृथ्वी पर लौटने से पहले जारी किया गया। योगेंद्र सोलंकी ने बताया कि उन्होंने इन अंतरिक्ष यात्रियों की अंतरिक्ष उड़ान के दिन से ही पोट्रेट बनाना शुरू कर दिया था। योगेंद्र सोलंकी का कहना है कि भारत एक कृषि प्रधान देश है। मेरा उद्देश्य यह है कि लोग अनाजों का महत्व समझें। इसलिए मैंने अंतरिक्ष से लौट रहे यात्रियों का स्वागत अनाजों से बनी तस्वीरों से किया है। पोट्रेट बनाने में किसान सोलंकी ने धान, तिल, बाजरा, रागी, अलसी, राजगिरा और खस-खस जैसे अनाजों का उपयोग किया है।

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Shubhanshu Shukla Return: योगेंद्र सोलंकी पिछले 5 वर्षों से अनाजों से पोट्रेट तैयार कर रहे हैं। वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय हस्तियों के पोट्रेट बना चुके हैं। योगेंद्र सोलंकी यह पोट्रेट स्वयं के खर्चे पर बनाते हैं। वे दिन-रात इस कला में लगे रहते हैं और अब प्रदेश में अपनी कलाकारी के लिए पहचाने जाने लगे हैं। उनके घर के आंगन में उन्होंने किसान देवता की प्रतिमा स्थापित कर मंदिर बनाया है, जहां वे रोज सुबह-शाम पूजा भी करते हैं।

"शुभांशु शुक्ला अंतरिक्ष यात्रा" कितने दिनों की थी?

शुभांशु शुक्ला ने लगभग तीन हफ्ते इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) में बिताए।

"योगेंद्र सोलंकी अनाज से पोट्रेट" क्यों बनाते हैं?

योगेंद्र सोलंकी का उद्देश्य कृषि और अनाजों के महत्व को उजागर करना है। वे भारत को कृषि प्रधान देश मानते हुए अपनी कला से संदेश देना चाहते हैं।

"अनाज से पोट्रेट कला" में कौन-कौन से अनाजों का उपयोग किया गया है?

धान, तिल, बाजरा, रागी, अलसी, राजगिरा और खस-खस जैसे पारंपरिक अनाजों का उपयोग किया गया।

क्या "योगेंद्र सोलंकी" पहले भी किसी हस्ती का पोट्रेट बना चुके हैं?

हाँ, उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय हस्तियों के पोट्रेट तैयार किए हैं।

"शुभांशु शुक्ला की वापसी" किस जगह पर हुई है?

शुभांशु शुक्ला का स्पेस शटल अटलांटिक महासागर में उतरा, जहाँ से उन्हें सुरक्षित पृथ्वी पर लाया गया।