ग्वालियरः Gwalior News मध्य प्रदेश के ग्वालियर की जीवनदायिनी कही जाने वाली स्वर्ण रेखा नदी को पुर्नीजीवित करने वाली जनहित याचिका पर आज हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच में सुनवाई हुई है। इस दौरान हाईकोर्ट की डिविजन बेंच में नगर निगम आयुक्त संघ प्रिय ने अब तक की कार्ययोजना की रिपोर्ट पेश की है। साथ ही कोर्ट को बताया है कि स्वर्ण रेखा नदी को स्वच्छ बनाने के लिए कई बिंदुओं पर काम किया जा रहा है, कोई कचड़ा डालेगा, तो उस पर एक हजार रुपए की जुर्माने की कार्रवाई की जाएगी। साथ ही सीसीटीवी कैमरे लगाए जा रहे है, जिससे कोई नदी को गंदा न कर सकें।
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Gwalior News सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा है कि इतने भर से कुछ नही होगा। जिसके बाद हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने एक कमेटी बनाने के आदेश दिए है, जो दस दिन में स्वर्ण रेखा की वस्तु स्थिति पर अपनी रिपोर्ट कोर्ट में सौपेगीं। कमेटी में न्याय मित्रों के साथ, जल संसाधन विभाग, पीएचई, नगर निगम,वन विभाग, पुलिस ओर एसडीएम को शामिल किया गया है। जो स्वर्ण रेखा का फिजिकल वेरिफिकेशन करेगें। नदी में स्वच्छ पानी बहें, इस पर क्या हो सकता है? नदी में क्या कमियां है? उस पर क्या काम किया जा सकता है। उस पर कमेटी अपनी रिपोर्ट एक महीने में कोर्ट में पेश करेगी। अब अगली सुनवाई 17 मार्च होगी।
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कोर्ट ने निगम आयुक्त को कहा है कि आप शहर के प्रबुद्ध लोगों को भी इससे नदी से जोड़े, क्योंकि शहर उनका है। अधिकारी आते ओर जाते रहते है। इसके साथ हाईकोर्ट ने मध्य प्रदेश के चीफ सेक्रेटरी को आदेश दिया है कि वे स्वर्ण रेखा की डीपीआर के लिए 547 करोड़ से मांगे गए है, उस डीपीआर का अध्ययन करें। क्योंकि ये स्वर्णरेखा नदी का मुद्दा जनहित का मुद्दा है।
स्वर्ण रेखा नदी को पुर्नजीवित करने के लिए हाईकोर्ट ने क्या आदेश दिया है?
हाईकोर्ट ने स्वर्ण रेखा नदी को स्वच्छ बनाने और उसे पुर्नजीवित करने के लिए एक कमेटी बनाने का आदेश दिया है। कमेटी में जल संसाधन विभाग, नगर निगम, वन विभाग, पुलिस, और एसडीएम को शामिल किया गया है, जो नदी की वस्तुस्थिति का मूल्यांकन करेंगे और रिपोर्ट देंगे।
स्वर्ण रेखा नदी में स्वच्छता सुनिश्चित करने के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं?
नगर निगम आयुक्त ने बताया कि नदी को स्वच्छ बनाने के लिए कचरा डालने वालों पर एक हजार रुपए जुर्माना लगाया जाएगा और सीसीटीवी कैमरे लगाए जा रहे हैं ताकि कोई नदी को गंदा न कर सके।
स्वर्ण रेखा नदी को स्वच्छ बनाने के लिए कितनी समय सीमा दी गई है?
हाईकोर्ट ने कमेटी को नदी की स्थिति का फिजिकल वेरिफिकेशन करने और एक महीने में रिपोर्ट प्रस्तुत करने का आदेश दिया है। अगली सुनवाई 17 मार्च को होगी।
स्वर्ण रेखा नदी के डीपीआर के लिए कितने पैसे मांगे गए हैं?
स्वर्ण रेखा नदी के विकास के लिए 547 करोड़ रुपये की डीपीआर (डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट) के लिए फंड मांगे गए हैं। कोर्ट ने मध्य प्रदेश के चीफ सेक्रेटरी को इन फंड्स का अध्ययन करने का आदेश दिया है।
हाईकोर्ट ने नदी को स्वच्छ बनाने के लिए किसे जिम्मेदार ठहराया है?
हाईकोर्ट ने निगम आयुक्त को आदेश दिया है कि वे शहर के प्रबुद्ध लोगों को नदी की सफाई में शामिल करें, क्योंकि यह मुद्दा शहरवासियों से जुड़ा हुआ है और नदी का संरक्षण सबकी जिम्मेदारी है।