Gwalior News: नदी में कचरा डालने वालों की अब खैर नहीं, देना होगा भारी भरकम जुर्माना, हाईकोर्ट में निगम आयुक्त ने दी जानकारी |

Gwalior News: नदी में कचरा डालने वालों की अब खैर नहीं, देना होगा भारी भरकम जुर्माना, हाईकोर्ट में निगम आयुक्त ने दी जानकारी

नदी में कचरा डालने वालों की अब खैर नहीं, देना होगा भारी भरकम जुर्माना, Now those who throw garbage in the river will be in trouble, they will have to pay a hefty fine

Gwalior News: नदी में कचरा डालने वालों की अब खैर नहीं, देना होगा भारी भरकम जुर्माना, हाईकोर्ट में निगम आयुक्त ने दी जानकारी

High Court's decision : image Source- symbolic

Modified Date: February 18, 2025 / 03:16 pm IST
Published Date: February 18, 2025 3:13 pm IST

ग्वालियरः Gwalior News मध्य प्रदेश के ग्वालियर की जीवनदायिनी कही जाने वाली स्वर्ण रेखा नदी को पुर्नीजीवित करने वाली जनहित याचिका पर आज हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच में सुनवाई हुई है। इस दौरान हाईकोर्ट की डिविजन बेंच में नगर निगम आयुक्त संघ प्रिय ने अब तक की कार्ययोजना की रिपोर्ट पेश की है। साथ ही कोर्ट को बताया है कि स्वर्ण रेखा नदी को स्वच्छ बनाने के लिए कई बिंदुओं पर काम किया जा रहा है, कोई कचड़ा डालेगा, तो उस पर एक हजार रुपए की जुर्माने की कार्रवाई की जाएगी। साथ ही सीसीटीवी कैमरे लगाए जा रहे है, जिससे कोई नदी को गंदा न कर सकें।

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Gwalior News सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा है कि इतने भर से कुछ नही होगा। जिसके बाद हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने एक कमेटी बनाने के आदेश दिए है, जो दस दिन में स्वर्ण रेखा की वस्तु स्थिति पर अपनी रिपोर्ट कोर्ट में सौपेगीं। कमेटी में न्याय मित्रों के साथ, जल संसाधन विभाग, पीएचई, नगर निगम,वन विभाग, पुलिस ओर एसडीएम को शामिल किया गया है। जो स्वर्ण रेखा का फिजिकल वेरिफिकेशन करेगें। नदी में स्वच्छ पानी बहें, इस पर क्या हो सकता है? नदी में क्या कमियां है? उस पर क्या काम किया जा सकता है। उस पर कमेटी अपनी रिपोर्ट एक महीने में कोर्ट में पेश करेगी। अब अगली सुनवाई 17 मार्च होगी।

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कोर्ट ने निगम आयुक्त को कहा है कि आप शहर के प्रबुद्ध लोगों को भी इससे नदी से जोड़े, क्योंकि शहर उनका है। अधिकारी आते ओर जाते रहते है। इसके साथ हाईकोर्ट ने मध्य प्रदेश के चीफ सेक्रेटरी को आदेश दिया है कि वे स्वर्ण रेखा की डीपीआर के लिए 547 करोड़ से मांगे गए है, उस डीपीआर का अध्ययन करें। क्योंकि ये स्वर्णरेखा नदी का मुद्दा जनहित का मुद्दा है।

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