Prahlad Patel can become the next CM of MP
Prahlad Patel can become the next CM of MP : भोपाल। मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव संपन्न हो चुके हैं। बीजेपी प्रचंड बहुमत से सरकार बनाने जा रही है लेकिन मतगणना दिन यानि 03 दिसंबर से ही सीएम किसे बनाया जाए इस बात पर सस्पेंस बना हुआ था। सीएम को लेकर लगातार दिल्ली में मंथन और बैठकों का दौर भी चला। हालांकि आज मध्यप्रदेश की प्रजा को अपना मुखिया मिल जाएगा। शाम 4 बजे भोपाल में विधायक दल की बैठक होनी है जिसके बाद नए सीएम का ऐलान होगा। बता दें कि बीजेपी ने तीन केंद्रीय पर्यवेक्षक बनाए हैं जो विधायक दल की बैठक लेंगे। बीजेपी के सभी विधायक भोपाल पहुंच रहे हैं। हालांकि बता दें कि शिवराज सिंह के अलावा सीएम पद के लिए प्रहलाद सिंह पटेल का नाम भी तेजी से चल रहा है।
Prahlad Patel can become the next CM of MP : बता दें कि आज शाम 4 बजे प्रदेश मुख्यालय में बीजेपी विधायक दल की बैठक होगी जिसमें नए सीएम का ऐलान होगा। सीएम पद की रेस में शिवराज सिंह चौहान, ज्योतिरादित्य सिंधिया, नरेंद्र तोमर, प्रहलाद पटेल, कैलाश विजयवर्गीय और बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा शामिल हैं।
मध्यप्रदेश में अगर भाजपा शिवराज सिंह चौहान की जगह किसी ने नए चेहरे को आगे करती है तो ओबीसी वर्ग से आने वाले प्रहलाद सिंह पटेल का नाम सबसे आगे है। लोधी समुदाय से आने वाले प्रहलाद पटेल एक अनुभवी राजनेता है और नरसिंहपुर विधानसभा सीट से विधायक चुने गए है, ऐसे में पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व प्रहलाद सिंह पटेल को मध्यप्रदेश में बड़ी जिम्मेदारी सौंप सकता है। इसके साथ ही प्रहलाद पटेल को हिंदुवादी नेता माना जाता है। मोदी सरकार में मंत्री रहे चुके है। विधानसभा चुनाव जीतने के बाद उन्होंने अपने सांसद पद से इस्तीफा दे दिया था।
प्रहलाद पटेल का राजनीतिक करियर काफी पुराना है। प्रहलाद पटेल 7 जुलाई 2021 से 3 दिसंबर 2023 तक भारत के पूर्व खाद्य प्रसंस्करण उद्योग और जल शक्ति राज्य मंत्री हैं। वह मध्य प्रदेश के दमोह लोकसभा क्षेत्र से सांसद हैं। एमपी विधानसभा चुनाव में विधायक बनने के बाद उन्होंने सांसदी से इस्तीफा दिया। वहीं 1982 में प्रहलाद सिंह पटेल ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत एक जिला अध्यक्ष, भारतीय जनता युवा मोर्चा (बीजेवाईएम) के रूप में की। 1986 से 1990 तक, उन्होंने युवा मोर्चा के सचिव, और भारतीय जनता पार्टी, मध्य प्रदेश के महासचिव के रूप में कार्य किया। 1989 वे मध्य प्रदेश के सिवनी से 9वीं लोकसभा के लिए चुने गए जहाँ उन्होंने कांग्रेस के गगरी शंकर मिश्रा को हराया। 1990 वे खाद्य और नागरिक आपूर्ति और सलाहकार समिति, कृषि मंत्रालय की स्थायी समिति के सदस्य चुने गए।
1996 उन्होंने सचेतक, भाजपा संसदीय दल लोकसभा और शहरी संबंधी स्थायी समिति के सदस्य और ग्रामीण विकास, विशेषाधिकार समिति और सलाहकार समिति, कृषि मंत्रालय के रूप में कार्य किया। 1996 कांग्रेस की विमला वर्मा को हराकर पटेल सिवनी से दूसरे कार्यकाल के लिए 11 वीं लोकसभा के लिए दोबारा चुने गए। उन्होंने विमला वर्मा को 1998 में आगामी चुनाव हार गए।
2014 वे सार्वजनिक उपक्रमों की समिति, सरकारी आश्वासनों पर समिति, ग्रामीण विकास पर स्थायी समिति, वीवी गिरि राष्ट्रीय श्रम संस्थान की कार्यकारी परिषद और श्रम और रोजगार मंत्रालय की सलाहकार समिति के सदस्य बने। 2014 वे दमोह से 16 वीं लोकसभा के लिए फिर से चुने गए जहां उन्होंने कांग्रेस के चौधरी महेंद्र प्रताप सिंह को हराया। 2011 वे तीन साल तक भारतीय जनता मजदूर महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष और भारतीय जनता मजदूर मोर्चा के अध्यक्ष रहे।
2004 वे छिंदवाड़ा से 2004 के चुनाव कांग्रेस के कमलनाथ से हार गए। 2003 उन्हें केंद्रीय राज्य मंत्री, कोयला मंत्रालय के रूप में कैबिनेट में शामिल किया गया। 2000 2000-2003: सदस्य, परामर्शदात्री समिति, खान और खनिज मंत्रालय। 1999 वे मध्य प्रदेश के बालाघाट निर्वाचन क्षेत्र से 13 वीं लोकसभा के लिए फिर से चुने गए। वर्ष 1999-2000 तक, वे निजी सदस्यों के विधेयकों और संकल्पों पर विज्ञान और प्रौद्योगिकी, पर्यावरण और वन और समिति संबंधी स्थायी समिति के सदस्य रहे।
बता दें कि रविवार को दमोह में पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री प्रहलाद पटेल ने पत्रकारों से मुलाक़ात करते हुए सभी पत्रकारों का धन्यवाद किया। साथ ही उन्होंने कहा कि मेरी राजनीती का सबसे ज्यादा समय दमोह मे बीता है, यहाँ कि जनता से मेरा लगाव है और मैं भलेही कहीं पहुंच जाऊ, पर दमोह से हमेशा जुड़ा रहूंगा। वहीं प्रहलाद पटेल ने प्रदेश मे मुख्यमंत्री के चेहरे पर संस्पेंस को लेकर कहा कि, यह पार्टी का कार्य हैं पार्टी जो फैसला करेगी वही सही होगा। उन्होंने यह भी स्पस्ट कहा कि, मुझे पार्टी जो जिम्मेदारी देगी वह मुझे स्वीकार है। ज्ञात हो कि प्रहलाद पटेल नरसिंहपुर से विधायक चुने गए हैं। साथ् ही यह कयास भी लगाए जा रहे है कि आगामी समय में उन्हें एक बड़ी जिम्मेदारी मिलने की संभावनाएं लगातार जताई जा रही है।