Ratlam College Students Protest: पेपर बने अच्छे, फिर भी 100 से ज्यादा छात्राओं को मिले 0 नंबर! यूनिवर्सिटी की लापरवाही पर फूटा स्टूडेंट्स का गुस्सा

पेपर बने अच्छे, फिर भी 100 से ज्यादा छात्राओं को मिले 0 नंबर..Ratlam College Students Protest: The papers were good, yet more than 100 studen

  • Reported By: Vinod Wadhwa

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  • Publish Date - June 20, 2025 / 02:01 PM IST,
    Updated On - June 20, 2025 / 02:02 PM IST

Ratlam College Students Protest | Image Source | IBC24

HIGHLIGHTS
  • विक्रम यूनिवर्सिटी की लापरवाही,
  • बीकॉम सेकंड ईयर की 100 से अधिक छात्राओं के साथ गोलमाल,
  • छात्राओं को फाउंडेशन और इलेक्टिव सब्जेक्ट में शून्य अंक,

रतलाम: Ratlam College Students Protest: उज्जैन की विक्रम यूनिवर्सिटी एक बार फिर चर्चा में है। इस बार आरोप है कि विश्वविद्यालय ने बीकॉम सेकंड ईयर की 100 से अधिक छात्राओं को फाउंडेशन और इलेक्टिव विषयों में शून्य अंक दे दिए हैं। रतलाम शहर के तीन कॉलेजों की छात्राएं इस परिणाम से बेहद परेशान हैं और अब आंदोलन की राह पर हैं।

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Ratlam College Students Protest: छात्राओं का कहना है कि उनके पेपर अच्छे गए थे, इसके बावजूद उन्हें शून्य अंक मिले, जो समझ से परे है। उनका आरोप है कि यह विश्वविद्यालय की लापरवाही का परिणाम है। छात्राओं ने यह भी स्पष्ट किया है कि वे रीवैल्यूएशन का फॉर्म नहीं भरेंगी और विश्वविद्यालय से अपनी गलती सुधारने की मांग कर रही हैं। इस बीच कॉलेज की प्राचार्या का कहना है कि पासिंग मार्क्स 35 होते हैं। यदि किसी छात्र को 35 से कम अंक मिलते हैं इवन यदि वह एक अंक कम होतो ग्रेडिंग सिस्टम में उसे शून्य अंक ही दर्शाए जाते हैं।

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Ratlam College Students Protest: गौरतलब है कि एक माह पूर्व भी गर्ल्स कॉलेज की बीकॉम फाइनल ईयर की 25 से अधिक छात्राओं को इकॉनॉमिक्स के पेपर में अनुपस्थित बताकर शून्य अंक दे दिए गए थे। तब भारी विरोध के बाद विश्वविद्यालय प्रबंधन को अपना निर्णय बदलना पड़ा था और सभी छात्राओं को पास की अंकसूची जारी करनी पड़ी थी। इस बार भी यूनिवर्सिटी प्रबंधन ने कॉलेजों से संबंधित छात्राओं की जानकारी मंगाई है जिसके बाद कोई निर्णय लिए जाने की संभावना है। फिलहाल छात्राएं उज्जैन जाकर विश्वविद्यालय के चक्कर काट रही हैं।

विक्रम यूनिवर्सिटी शून्य अंक मामला क्या है?

यह विक्रम यूनिवर्सिटी शून्य अंक मामला बीकॉम सेकंड ईयर की छात्राओं से जुड़ा है, जिन्हें फाउंडेशन और इलेक्टिव विषयों में शून्य अंक दिए गए हैं।

छात्राओं को शून्य अंक क्यों दिए गए?

कॉलेज प्रशासन का कहना है कि यदि किसी छात्रा को 35 से कम अंक मिलते हैं, तो ग्रेडिंग सिस्टम के अनुसार विक्रम यूनिवर्सिटी शून्य अंक दर्शाती है, भले ही उसे 34 अंक ही क्यों न मिले हों।

क्या छात्राएं रीवैल्यूएशन फॉर्म भर रही हैं?

नहीं, छात्राओं ने साफ कहा है कि वे विक्रम यूनिवर्सिटी शून्य अंक मामला में रीवैल्यूएशन फॉर्म नहीं भरेंगी और सीधे यूनिवर्सिटी से गलती सुधारने की मांग कर रही हैं।

क्या पहले भी विक्रम यूनिवर्सिटी में ऐसा मामला सामने आया है?

हाँ, एक माह पूर्व बीकॉम फाइनल ईयर की छात्राओं को इकॉनॉमिक्स पेपर में अनुपस्थित बताकर विक्रम यूनिवर्सिटी शून्य अंक दिए गए थे, जिसे विरोध के बाद वापस लिया गया।

क्या यूनिवर्सिटी कोई कदम उठा रही है?

जी हाँ, विक्रम यूनिवर्सिटी शून्य अंक मामला को लेकर यूनिवर्सिटी ने कॉलेजों से छात्राओं की जानकारी मांगी है और संभावित रूप से निर्णय लिया जाएगा।