Ratlam News: देहदान करने वाले कनकमल कांठेड़ को मिला राजकीय सम्मान, गार्ड ऑफ ऑनर के साथ अंतिम विदाई, मेडिकल कॉलेज को सौंपी गई देह

Ratlam News: देहदान करने वाले कनकमल कांठेड़ को मिला राजकीय सम्मान, गार्ड ऑफ ऑनर के साथ अंतिम विदाई, मेडिकल कॉलेज को सौंपी गई देह

  • Reported By: Vinod Wadhwa

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  • Publish Date - September 2, 2025 / 11:54 AM IST,
    Updated On - September 2, 2025 / 11:54 AM IST

Ratlam News/Image Source: IBC24

HIGHLIGHTS
  • गार्ड ऑफ ऑनर के साथ देहदान,
  • पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम बिदाई,
  • कनकमल कांठेड़ की देह मेडिकल कॉलेज को सौंपी गई,

रतलाम: Ratlam News:  प्रदेश में अब मेडिकल कॉलेज में अध्ययनरत छात्रों के लिए देहदान करने वाले व्यक्तियों को पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम बिदाई दी जा रही है। रतलाम के जावरा में भी ऐसा ही दृश्य देखने को मिला जब 88 वर्षीय कनकमल कांठेड़ जी की देह को राजकीय सम्मान के साथ मेडिकल कॉलेज को सुपुर्द किया गया।

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Ratlam News: उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर देकर विदाई दी गई। यह मेडिकल कॉलेज में 31वाँ देहदान था जो कि मध्य प्रदेश में सर्वाधिक है। दरअसल मेडिकल छात्रों की पढ़ाई के लिए देह अत्यंत आवश्यक होती है।

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Ratlam News:  ऐसे में प्रदेश सरकार, देहदान करने वाले व्यक्तियों और उनके परिजनों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करते हुए उन्हें पूरा सम्मान दे रही है और देह को पूरे राजकीय सम्मान के साथ विदा किया जा रहा है।

रतलाम में "देहदान" करने वालों को राजकीय सम्मान क्यों दिया जा रहा है?

रतलाम में देहदान करने वालों को इसलिए राजकीय सम्मान दिया जाता है क्योंकि वे मेडिकल शिक्षा के लिए अपना शरीर समर्पित करते हैं, जो समाज सेवा का महान कार्य है।

क्या "देहदान" रतलाम मेडिकल कॉलेज में पहले भी हुआ है?

जी हां, रतलाम मेडिकल कॉलेज में अब तक 31 बार देहदान हो चुका है, जो कि मध्यप्रदेश में सर्वाधिक है।

"देहदान" करने के लिए प्रक्रिया क्या है?

देहदान करने के लिए इच्छुक व्यक्ति या परिजन नजदीकी मेडिकल कॉलेज या एनाटॉमी विभाग में रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं। लिखित सहमति आवश्यक होती है।

क्या रतलाम में देहदान के लिए विशेष कार्यक्रम होते हैं?

जी हां, रतलाम में देहदान के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए समय-समय पर समारोह और सेमिनार आयोजित किए जाते हैं।

"देहदान" किस प्रकार मेडिकल छात्रों के लिए उपयोगी होता है?

देहदान से मेडिकल छात्रों को ह्यूमन एनाटॉमी समझने में वास्तविक अनुभव मिलता है, जिससे उनकी शिक्षा अधिक व्यावहारिक और प्रभावी बनती है।