Ravana used to worship Lord Shiva by staying in Mada caves of Singrauli
सिंगरौली। जिले के माडा इलाके में आज भी गुफाओं का भंडार है। यहां पर दो दर्जन से ज्यादा गुफाएं हैं। बताया जाता है कि यह गुफा छठवीं सातवीं शताब्दी की हैं। हालांकि अब इन गुफाओं की देख-रेख न होने के कारण यह खंडहर में बदलती जा रही है। यहां एक रावण गुफा भी है। माना जाता है कि रावण स्वयं आकर यहां पर भगवान शंकर की पूजा आराधना की थी।
सिंगरौली जिला मुख्यालय से लगभग 50 किलोमीटर की दूरी पर बसा पहाड़ माडा की गुफाओं के नाम से जाना जाता है। यहां पर लगभग दो दर्जन से ज्यादा गुफा आज भी मौजूद है । इसके अलावा हर गुफा का एक अपना अलग नाम है। प्राकृतिक सुंदरता से सराबोर माडा में पर्यटक दूर-दूर से दीदार करने आते हैं। इन्हीं में से एक गुफा है रावण की गुफा। जहां 300 सीढ़ियां चढ़कर आप गुफा में पहुंच पाएंगे। स्थानीय जानकार लोग बताते हैं कि रावण यहां रहा करता था एवं भगवान शिव की पूजा आराधना की है। इसके अलावा कई किलोमीटर दूर से रहस्यमय जल से आज भी भगवान शिव का जलाभिषेक होता है।
यहां जल जलिया मां का मंदिर भी है। हालांकि यह पानी पहाड़ की गहराई से कहां से आता है इस बात का अब तक इसका पता नहीं चल सका है, लेकिन 12 महीने भगवान शंकर का जलाभिषेक इसी जल से होता है। इसके अलावा यहां के पर्यटन को देखने के लिए मध्यप्रदेश के अलावा छत्तीसगढ़ बिहार झारखंड से भी लोग आते हैं एवं भगवान शिव का आशीर्वाद भी लेते हैं। स्थानीय लोगों ने बताया कि यह गुफाएं छठवीं सातवीं शताब्दी की है लेकिन जिला प्रशासन की अनदेखी के कारण आज गुफा खंडहर में बदलती जा रही है हालांकि अगर जिला प्रशासन देखरेख करे तो इन चीजों का संरक्षण किया जा सकता है। IBC24 से विजय कुमार वर्मा की रिपोर्ट