Ambikapur News: मैनपाट की सुंदरता को लगी नजर, जांच में हुए कई चौंकाने वाले खुलासे

Land mafia encroached upon Mainpat मैनपाट में न सिर्फ गोचर बल्कि नर्सरी और शासकीय भूमि का फर्जी पट्टा बनाया गया

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  • Publish Date - July 11, 2023 / 03:20 PM IST,
    Updated On - July 11, 2023 / 03:26 PM IST

अंबिकापुर। प्राकृतिक सुंदरता के लिए जाना जाने वाले मैनपाट में भूमाफियाओं की नजर लग गई है। यहां न सिर्फ गोचर बल्कि नर्सरी और शासकीय भूमि का फर्जी पट्टा बनाया गया बल्कि सालों से घर बनाकर रह रहे लोगों की जमीन भी दूसरे के नाम पर दर्ज हो गई। शिकायत के बाद प्रशासन ने जांच तो शुरू की है, जिसमें कई चौकाने वाले खुलासे भी हो रहे हैं। सवाल यही है कि आखिर शासकीय भूमि का फर्जी पट्टा बना कैसे और इसमें किनकी-किनकी भूमिका संदिग्ध है।

पर्यटन विभाग के द्वारा मैनपाट को पर्यटन क्षेत्र के रूप में विकसित करने के लिए लगातार यहां विकास कार्य किये जा रहे हैं, जिससे इलाके के जमीनो के भाव में काफी उछाल आया है। यहां निजी भूमियों की कीमत आसमान छू रहे है। यही कारण है कि इस इलाके में भू माफियाओं और जमीन दलालो की नजर गड गई है। मैनपाट के कंडराजा, नर्मदापुर, उरंगा जैसे कई इलाके है जहां शासकीय जमीनों के बंदरबांट का मामला सामने आया है। इन इलाकों में 500 एकड़ से ज्यादा शासकीय भूमि जो पूर्व में नर्सरी और गोचर भूमि के रूप में दर्ज थी, जिसका फर्जी पट्टा बना दिया गया।

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हैरत की बात ये की इस इलाके में जो ग्रामीण सालो से रह रहे थे उनकी जमीन भी दूसरे के खाते में दर्ज हो गई। ऐसे में ग्रामीणों ने इसकी शिकायत प्रशासन से की है और इस मामले में दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। मैनपाट में जिन जमीनो के फर्जीवाड़े की शिकायत आई है उनमें वनभूमि के अलावा गोचर और राजस्व की भूमि शामिल है।

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ऐसे में सवाल ये है कि बिना राजस्व विभाग और वनविभाग की मिली भगत के बिना फर्जी पट्टा बना कैसे,,, प्रशासन ने इस मामले की जांच शुरू की है जिसमे प्रारंभिक जांच में ही करीब 300 एकड़ शासकीय भूमि के फर्जी पट्टे बनाने के गोरखधंधे का खुलासा हुआ है जिसने प्रशासनिक महकमे को भी सकते में ला दिया है,, हालांकि प्रशासन का कहना है कि इस मामले में जांच के बाद दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

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पट्टा बनाने के लिए एक आम इंसान को कई प्रक्रियाओं से गुजरना पड़ता है जिसके लिए कई विभाग की स्वीकृति भी लेनी पड़ती है मगर मैनपाट में जिस तरह से शासकीय जमीन के फर्जी पट्टे का मामला सामने आया है उससे साफ है कि ये काम बिना शासकीय कर्मचारियों के मिली भगत के नही हो सकता, मगर सवाल यही है कि इस मामले के खुलासे के बाद जिम्मेदारों के खिलाफ कब और क्या कार्रवाई होती है,, सवाल ये भी की क्या करोड़ो की भूमि को प्रशासन वापस शासकीय मद में ला पाता है या नही। IBC24 से अभिषेक सोनी की रिपोर्ट

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