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रीवा: MP News: जिले में शिक्षा विभाग के फर्जी अनुकम्पा नियुक्ति मामले में सिविल लाइन थाना अंतर्गत 10 जून 2025 को पाँच लोगों के विरुद्ध FIR दर्ज की गई है। जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा आवेदन और जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया जिसमें यह पाया गया कि आरोपितों ने कूटरचित दस्तावेज तैयार कर भृत्य के पद पर अनुकम्पा नियुक्ति प्राप्त की है।
MP News: इस आवेदन में जो घटना दर्शाई गई है वह 10 दिसंबर 2024 से 09 अप्रैल 2025 के बीच की है। इसी अवधि में यह फर्जीवाड़ा किया गया। मामले का खुलासा तब हुआ जब बृजेश कोल को स्कूल प्राचार्य द्वारा वेतन देने से मना कर दिया गया क्योंकि बृजेश कोल ने आवश्यक दस्तावेज स्कूल कार्यालय को उपलब्ध नहीं कराए थे। इसके बाद अन्य अनुकम्पा नियुक्ति प्राप्त लोगों के दस्तावेजों की भी जांच की गई जिससे पूरे फर्जीवाड़े का पर्दाफाश हुआ।
MP News: इस मामले में हीरा मणि रावत, ओम प्रकाश कोल,सुषमा कोल, विनय रावत एवं राम प्रसन्न धर द्विवेदी जो कि लिपिक के पद पर DEO ऑफिस में पदस्थ थे और इन्हीं के सहयोग से इन लोगों ने गलत दस्तावेज प्रस्तुत किए। अभी इस मामले में किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। सबसे बड़ी बात इस पूरे फर्जीवाड़े का मास्टर माइंड कौन है। इतने बड़े फर्जीवाड़े में एक व्यक्ति का काम नहीं हो सकता जो अकेले अंजाम दे सके। क्योंकि की किसी भी अनुकम्पा नियुक्ति में एक व्यक्ति की सहमति से नहीं होती अनुकम्पा नियुक्ति पाने के लिए कई चरणों से गुजरना पड़ता है और कई लोगों की अनुशंसा लगती है लेकिन उन सभी को अभी तक इस मामले से दूर रखा गया जब की इसमें पूरी कमेटी बनाई जाती है। वह कमेटी भी दोषी हो सकती है।
MP News: हालांकि अभी पूरे मामले की जांच की जा रही है। पुलिस का कहना है जल्द गिरफ्तारी की जाएगी। पूरे मामले की जानकारी देते हुए अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक आरती सिंह ने बताया कि 5 लोगों पर कूट रचित दस्तावेज तैयार कर भृत्त के पद पर अनुकम्पा नियुक्ति प्राप्त की थी जिनके ऊपर FIR दर्ज की गई है। जिसमें आगे की जांच की जा रही है। IBC 24 ने इस खबर को प्रमुखता से दिखाया था जिसके बाद से शिक्षा विभाग में फर्जीवाड़ा करने वालों में हड़कंप मच हुआ है।