भोपालः बीते 11 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जिस महाकाल लोक कॉरिडोर का लोकार्पण किया। जिसकी भव्यता की गूंज देश-विदेश तक सुनाई दी। वहां अब घोटाले का शोर सुनाई दे रहा है। कांग्रेस विधायक महेश परमार ने घोटाले से जुड़े तथ्य और शिकायती आवेदन लोकायुक्त संगठन को दिए। जिसके बाद घोटाले से जुड़े अफसरों को नोटिस भेजा गया है। शिकायत में कहा है कि उज्जैन स्मार्ट सिटी के अंर्तगत महाकाल लोक कॉरिडोर को लेकर पार्किंग बनाई गई, इसमें स्मार्ट सिटी उज्जैन द्वारा ठेकेदारों को फायदा पहुंचाया गया। महाकाल कॉरिडोर में घोटाले की खबर सामने आते ही सियासत भी तेज हो गई है। सत्तापक्ष जहां मामले जांच कर कार्रवाई की बात कर रही है। तो विपक्षी कांग्रेस कह रही है कि अगर वो सत्ता में लौटी तो सभी घोटालों की जांच करेगी।
बीते 11 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जिस महाकाल लोक कॉरीडोर का लोकार्पण किया..जिसकी भव्यता की गूंज देश-विदेश तक सुनाई दी। वहां अब घोटाले का शोर सुनाई दे रहा है.तराना के कांग्रेस विधायक महेश परमार ने घोटाले से जुड़े तथ्य और शिकायती आवेदन लोकायुक्त संगठन को दिए। जिसके बाद प्राथमिकी पर शिकायत नंबर सी/30 दर्ज कर घोटाले से जुड़े अफसरों को नोटिस भेजा गया है। शिकायत में कहा है कि उज्जैन स्मार्ट सिटी के अंर्तगत महाकाल लोक कॉरीडोर को लेकर पार्किंग बनाई गई, इसमें स्मार्ट सिटी उज्जैन द्वारा ठेकेदारों को फायदा पहुंचाया गया। महाकाल कॉरिडोर में घोटाले की खबर सामने आते ही सियासत भी तेज हो गई है। सत्तापक्ष जहां मामले जांच कर कार्रवाई की बात कर रही है। तो विपक्षी कांग्रेस कह रही है। अगर वो सत्ता में लौटी तो सभी घोटालों की जांच करेगी।
सी/30 शिकायती नोटिस का ये वो नंबर है, जिसे लोकायुक्त संगठन की टेक्नीकल विंग मुख्य अभियंता एसएन जौहरी के द्वारा उज्जैन जिले के तीन IAS अफसरों के साथ स्मार्ट सिटी के साथ 15 अधिकारियों को जारी किया गया है। बहरहाल प्रधानमंत्री द्वारा किए गए महाकाल लोक के लोर्कापण में हुए घोटाले को लेकर सबकी सांसे अटक गई हैं। शिकायत की प्राथमिक स्तर पर जांच में महाकाल कॉरीडोर के लिए बनाई गई पार्किंग में अननियमिताएं मिली हैं, नोटिस के बाद से खलबली मच गई है। अब जांच के बाद ही यह सामने आ सकेगा कि किस स्तर पर क्या घोटाला किया गया है?