Anand Singh Thakur: ना आतंकी डिगा पाए, ना कोरोना रोक पाया! 29 साल से बिना रुके अमरनाथ पहुंच रहे आनंद सिंह ठाकुर, इस बार 1776 KM की पैदल यात्रा पर निकले
ना आतंकी डिगा पाए, ना कोरोना रोक पाया! 29 साल से बिना रुके अमरनाथ पहुंच रहे आनंद सिंह ठाकुर...Anand Singh Thakur: Neither terrorists
Anand Singh Thakur | Image Source | IBC24
- भोले के भक्त की अनोखी आस्था,
- 1776 किमी की पैदल अमरनाथ यात्रा पर निकले आनंद ठाकुर,
- 29 वर्षों से बिना रुके निभा रहे संकल्प
शाजापुर: Anand Singh Thakur: मध्य प्रदेश के देवास शहर से एक ऐसे शिवभक्त अमरनाथ यात्रा पर निकले हैं जो पिछले 29 वर्षों से हर साल बाबा बर्फानी के दर्शन करने पहुँचते हैं कभी मोटरसाइकिल से कभी साइकिल से और अबकी बार पैदल आइए मिलते हैं आनंद सिंह ठाकुर से जिनकी भक्ति को न आतंक रोक पाया न ही कोरोना।
Anand Singh Thakur: देवास शहर से निकले ठाकुर इस समय शाजापुर पहुँच चुके हैं और सड़क मार्ग से पैदल-पैदल बाबा के दरबार में पहुँचेंगे। वे हर साल अमरनाथ की कठिन यात्रा को अपने विश्वास, संकल्प और भक्ति के बल पर सरल बना देते हैं। नाम है आनंद सिंह ठाकुर एक सामाजिक, धार्मिक, सांस्कृतिक और राष्ट्रभक्ति की मिसाल। शिवभक्त ठाकुर वर्ष 1996 से निरंतर अमरनाथ यात्रा कर रहे हैं। उनका कहना है की जब तक सांस है बाबा के दर्शन करता रहूंगा चाहे हालात जैसे भी हों।
Anand Singh Thakur: 2000 के दशक की शुरुआत में जब अमरनाथ यात्रा पर आतंकी हमला हुआ, तब ठाकुर और उनके साथी वहीं मौजूद थे। सेना और आतंकियों के बीच मुठभेड़ हुई गोलियाँ चलीं लेकिन ठाकुर अडिग रहे। उनका कहना है की हम डरें नहीं हम बाबा के भक्त हैं यात्रा तो हर हाल में पूरी करनी ही थी। कोरोना काल में भी जब देश ठहर गया था तब भी ठाकुर 2020 में पठानकोट तक और 2021 में बालटाल तक पहुँचे। फिर 2022 में यात्रा पूरी की। अब 2025 की शुरुआत उन्होंने की है पैदल अमरनाथ यात्रा से। 21 जून की अलसुबह देवास से निकले भोले के भक्त ठाकुर अगस्त के अंत तक अमरनाथ गुफा पहुँचेंगे।
Anand Singh Thakur: अमरनाथ गुफा की दूरी पहलगाम रूट से 48 किलोमीटर और बालटाल रूट से 14 किलोमीटर है, लेकिन ठाकुर किसी भी संसाधन का उपयोग नहीं करते पूरी यात्रा पैदल ही तय करते हैं। अपनी इन तीन दशकों की यात्रा में भोले के इस भक्त ने हवाई जहाज़, ट्रेन, कार, बाइक और साइकिल सहित हर साधन से बाबा के दर्शन किए हैं। चार बार बाइक से, एक बार साइकिल से लेकिन इस बार उन्होंने चुना है सबसे कठिन मार्ग बिना किसी साधन के पैदल यात्रा।

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