शाजापुर। Ayodhya Yatra: सदियों के इंतजार के बाद अयोध्या के भव्य मंदिर में भगवान रामलला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह के ऐतिहासिक पलों का साक्षी बनने का हर किसी के मन में उल्लास है। देश ही नहीं विश्व के कोने-कोने से भी आम से लेकर खास इस अवसर पर अयोध्या पहुंचने की तैयारी कर रहे हैं या पहुंचने के लिए निकल पड़े हैं। ऐसा ही एक युवक भी लगभग 1000 किलोमीटर की अयोध्या यात्रा पर साइकिल से निकल पड़ा है। इसके हौंसले और जज्बे और उद्देश्य को हम सलाम करते हैं क्योंकि गणेश नाम का यह युवक दिव्यांग है और धार से भगवान श्री राम के प्राण प्रतिष्ठा आयोजन में शामिल होने का संकल्प लेकर साइकिल से निकला है और आज वह शाजापुर पहुंचा जहां पर लोग उनके हौंसले और संकल्प को देखकर अचंभित रह गए।
राम लला के विराजमान का सपना हुआ पूरा
युवक गणेश ने बताया कि वह 2 दिसंबर को धार से अयोध्या के लिए निकाला था और रोजाना 50 से 60 किलोमीटर की यात्रा करते हैं। युवक गणेश ने बताया कि सालों की प्रतिष्ठा के बाद लोगों की राम मंदिर बने और श्री राम लला की उसमें विराजित होने की उम्मीद पूरी हुई है। इस दिव्य पल का साक्षी बनने और सभी दिव्यांग साथियों को यह प्रेरणा देने निकला हूं कि वे अपने आप को कमजोर ना समझे जब मैं दिव्यांग साइकिल से 1000 किलोमीटर का लक्ष्य पूरा कर सकता हूं तो दिव्यांग लोग अपने आप को कमजोर ना समझे और अपने लिए और दूसरों के लिए लड़ते रहे।
खुद को बताया धर्म प्रेमी
Ayodhya Yatra: बता दें कि दिव्यांग गणेश ने बताया कि जहां कहीं भी रात होती है उस जगह मंदिर आश्रम जैसी जगहों पर रात गुजारता हूं। धर्म प्रेमी लोग मिल जाते हैं वह भी भोजन आदि कर रुकने की व्यवस्था कर देते हैं। शाजापुर पहुंचने पर भारतीय जनता युवा मोर्चा के श्याम टेलर से उनकी मुलाकात हुई। युवक गणेश के हौंसले को देख और उनकी आंखें भी नम हो गई और उन्होंने इनके हौंसले की जमकर हौंसला अफजाई की और उनके रुकने ठहरने की व्यवस्था भी की। युवक गणेश के मुताबिक लगभग 19 दिन में वह अयोध्या पहुंच जाएंग हम भी आईबीसी 24 की ओर से यह प्रार्थना करते हैं वे रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के ऐतिहासिक पलों के साक्षी तो बने ही साथ ही साथ अन्य दिव्यांगों के लिए प्रेरणा भी बने ताकि वह भी अपने हौंसले से खुद के और समाज के काम आए और समाज के लिए प्रेरणा बने।