Reported By: Vijay Kumar Verma
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Singrauli News: सिंगरौली: मध्यप्रदेश के सिंगरौली जिले के चितरंगी थाना क्षेत्र स्थित दरबारी गांव में एक चौंकाने वाली घटना उजागर हुई, जिसने न केवल ग्रामीणों में चिंता बढ़ाई बल्कि डाक विभाग की कार्यप्रणाली पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
Singrauli News: दरअसल, गांव के तालाब किनारे लावारिस हालत में 36 आधार कार्ड, 14 पैन कार्ड और 16 एटीएम कार्ड मिले हैं। ये सभी दस्तावेज दरबारी गांव के ही निवासियों के बताए जा रहे हैं। घटना उस समय सामने आई जब गांव के प्राथमिक स्कूल के बच्चों ने रोज की तरह तालाब के पास खेलते हुए कागजों का एक बड़ा ढेर देखा। बच्चों ने नजदीक जाकर देखा तो वे हैरान रह गए, ये कोई कागज नहीं बल्कि ग्रामीणों के महत्वपूर्ण पहचान संबंधी दस्तावेज थे।
बच्चों ने तुरंत इसकी सूचना गांव के उपसरपंच अरुण तिवारी को दी। उपसरपंच और ग्रामीण मौके पर पहुंचे और सभी दस्तावेजों को सावधानीपूर्वक इकट्ठा किया। चूंकि कुछ दस्तावेज तालाब के पानी और मिट्टी में भीग चुके थे, इसलिए ग्रामीणों ने उन्हें सुखाया और सुरक्षित रखने के लिए प्राथमिक स्कूल में जमा कर दिया। इसके बाद ग्रामजन और उपसरपंच ने पूरे मामले की सूचना चितरंगी प्रशासन और संबंधित विभागीय अधिकारियों को दी, ताकि आगे की कार्रवाई की जा सके।
Singrauli News: ग्रामीणों ने आशंका जताई है कि इन दस्तावेजों को डाकघर के किसी लापरवाह कर्मचारी ने लोगों तक पहुंचाने के बजाय तालाब किनारे फेंक दिया होगा। पहचान संबंधी दस्तावेजों को इस तरह फेंक देना ग्रामीणों की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा पैदा कर सकता है, क्योंकि आधार कार्ड, पैन कार्ड और एटीएम कार्ड का गलत इस्तेमाल अपराधियों द्वारा आसानी से किया जा सकता है। यह घटना न सिर्फ एक लापरवाही है बल्कि एक आपराधिक लापरवाही मानी जा रही है, क्योंकि यह सीधे-सीधे नागरिकों की निजी जानकारी एवं वित्तीय सुरक्षा से जुड़ी है।
गांव के निवासियों में इस घटना को लेकर काफी आक्रोश है। ग्रामीणों का कहना है कि यदि दस्तावेज बच्चों की नजर में नहीं आते, तो संभव था कि यह किसी गलत व्यक्ति के हाथ लग जाते और इसका दुरुपयोग होकर ग्रामीणों को भारी आर्थिक या कानूनी नुकसान झेलना पड़ता। ग्रामीणों ने मांग की है कि इस मामले में दोषी डाक कर्मियों की पहचान कर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।
इसके अलावा, ग्रामीणों का कहना है कि उनके दस्तावेजों को दोबारा सुरक्षित रूप से उनके घरों तक पहुंचाना भी प्रशासन की जिम्मेदारी है।
फिलहाल, चितरंगी प्रशासन द्वारा मामले की जांच की जा रही है।