Reported By: Naveen Singh
,भोपालः MP Love Jihad: मध्यप्रदेश में लव जिहाद फिर सुर्खियों में है। सुर्खियों में इसलिए क्योंकि भाजपा सरकार के ही एक विधायक ने लव जिहाद को लेकर अपनी ही सरकार से सवाल पूछ दिया है। जाहिर है मध्यप्रदेश में विधानसभा का मानसून सत्र चल रहा है और लव जिहाद यानी धार्मिक स्वातंत्र्य कानून के तहत दर्ज हुए पिछले 5 सालों का लेखा जोखा जवाब में सरकार ने दिया है। आप ताज्जुब करेंगे साल 2020 से लेकर 2025 तक आंकड़ों को देखकर लव जिहाद के ये आंकड़े बता रहे हैं कि पुलिस महकमे ने कितनी जल्दबाजी की मामले दर्ज करने में। इसे ऐसे समझिए साल 2020 से 2025 तक MP में लव जिहाद या धर्मांतरण या फिर सरकारी डिक्शनरी के मुताबिक धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम के तहत कुल 283 मामले दर्ज हुए, लेकिन इन 283 मामलों में से 70% यानी 197 मामले आज भी कोर्ट में ट्रायल पर हैं। जवाब में ये बताया गया है कि 86 मामलों में जांच पूरी हो चुकी है, लेकिन इन 86 मामलों में से 50 मामलों में आरोपी बरी भी हो चुके हैं। बावजूद पुलिस महकमे की जल्दबाजी को देखे भाजपा विधायक कह रहे हैं कि लव जिहाद पर अंकुश लग चुका है।
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MP Love Jihad: MP में दर्ज हुए लव जिहाद के 283 मामलों में 71 लड़कियां नाबालिग थीं। यानी 18 साल से कम की थी। कई फरियादियों ने आरोपियों पर न सिर्फ धर्मान्तरण के आरोप लगाए बल्कि बलात्कार,जान से मारने की धमकी, ब्लैकमेलिंग सरीखे आरोप भी लगाए थे। जाहिर ये धर्मान्तरण को छोड़कर बाकी धाराएं गम्भीर थी जो कोर्ट में भी साबित हुईं तो कोर्ट ने आरोपियों को 7 से 10 साल तक सज़ा भी सुना दी। सरकारी जवाब में एक तथ्य ये भी है सबसे ज्यादा मामले में भोपाल और इंदौर में दर्ज हुए। दरअसल पिछले 5 साल में जो 283 मामले दर्ज हुए उनमें से इंदौर में 74 मामले और भोपाल में 33 मामले दर्ज हुए। उधर मध्यप्रदेश में लव जिहाद के मामलों में तेज़ी आने पर पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह कह रहे हैं कि सरकार के हाथ से सब कुछ बाहर जा चुका है। कोई नियंत्रण नहीं है BJP सरकार का।
विधानसभा के मानसून सत्र में सरकार का लव जिहाद पर जवाब हैरान करने वाला है। 5 सालों के पुलिसिया आंकड़े देखकर समझना भी आसान है कि पुलिस ने किन के दबाव में धार्मिक स्वतंत्रता कानून का इस्तेमाल किया। अगर नहीं तो पुलिस को बाकी के 197 पेंडिंग मामलों में खुद को कोर्ट के सामने बेगुनाह साबित करना होगा।