Such a hospital where people are made patients

ऐसा अस्पताल जहां लोगों को बनाया जाता है मरीज, कारनामा सुनकर आप भी रह जाएंगे दंग

ऐसा अस्पताल जहां लोगों को बनाया जाता है मरीज, कारनामा सुनकर आप भी रह जाएंगे दंग Such a hospital where people are made patients

Edited By :   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:03 PM IST, Published Date : August 30, 2022/9:21 am IST

People are Made Patients: जबलपुर। मध्यप्रदेश के जबलपुर जिले में आयुष्मान योजना में फर्जीवाड़ा का बड़ा मामला सामने आया है। यह योजना जबलपुर के राईट टाउन में 27 साल से चल रहे सेंट्रल इंडिया किडनी हॉस्पिटल के पास स्थित में वेगा होटल में संचालित किया जा रहा था। >>*IBC24 News Channel के WHATSAPP  ग्रुप से जुड़ने के लिए  यहां CLICK करें*<<

इस हॉस्पिटल के संचालक पति पत्नी को फर्जीवाड़े मामले में पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। इसके साथ ही अस्पताल की लाइसेंस रद्द कर दिया गया है। पुलिस ने स्वास्थ्य विभाग से रिपोर्ट मिलने के बाद आरोपी डॉक्टर दंपति को गिरफ्तार कर लिया है। फिलहाल मामले में आगे की कार्रवाई की जा रही है।

Read more: महिलाओं के लिए असुरक्षित राजधानी! बच्चों के खिलाफ बढ़े अपराध, NCRB ने किये चौंकाने वाले खुलासे 

People are Made Patients: हॉस्पिटल पास स्थित वेगा होटल में आयुष्मान कार्ड धारियों को फर्जी तरीके से भर्ती कर करोड़ों की बिलिंग किए जाने के मामलें में एसपी सिद्धार्थ बहुगुणा एसआईटी का टीम गठित कर कार्रवाई की। एएसपी गोपाल खांडेल को इस एसआईटी का टीम का प्रभारी बनाया गया था।

स्वास्थ्य विभाग की टीम के छापे के बाद पुलिस ने हॉस्पिटल की संचालिका दुहिता पाठक और पति डॉ अश्वनी पाठक को फर्जीवाड़े में विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज करते हुए गिरफ्तार कर लिया है। एसआईटी में 2 सीएसपी, 3 थाना प्रभारी और 1 उपनिरीक्षक शामिल थे।

Read more: Ganesh Chaturthi 2022 : भगवान गणेश की मूर्ति घर लाने से पहले जान लें ये विशेष बातें, घर में आएगी सुख समृद्धि 

People are Made Patients: एसपी सिद्धार्थ बहुगुणा ने मामले की जानकारी देते हुए बताया की स्वास्थ्य विभाग ने सेंट्रल इंडिया किडनी अस्पताल में छापामार कार्यवाही जांच में सामने आया की अस्पताल के बाजू में होटल वेगा में बिना परमिशन के मरीजों को भर्ती किया गया है।

जांच में उजागर हुआ की सभी मरीज आयुष्मान कार्डधारी थे, जिन्हें किसी प्रकार की कोई गंभीर बीमारियां नहीं थी। मरीजों को रुपये का लालच देकर उन्हें भर्ती कर आयुषमान कार्ड योजना के तहत बिलिंग की जा रही थी।

और भी है बड़ी खबरें…