Reported By: Rajeev Rajeev Pandey
,Specialty of Sundaraja Mango : रीवा। रीवा के गोविंदगढ़ क्षेत्र अंतर्गत कुठुलिया में एक ऐसा बगीचा स्थित है जहां अलग-अलग प्रकार की आमों का झुंड मौजूद है और उस बगीचे में इन आमों के झुंड के बीच एक ऐसी आम की उपज होती है जो समूचे विश्व में अपनी सुंदरता को लेकर प्रख्यात है। जिसका नाम भी सुंदरजा ही रखा गया है। यह ऐसा आम है जिसकी ऊपर समूचे विश्व में केवल रीवा जिले के गोविंदगढ़ क्षेत्र में ही होती है तथा इस आम की मिठास के चलते वर्ष 1968 में इसका डाक टिकट भी जारी किया गया था।
Specialty of Sundaraja Mango : कोई आम इतना भी खास हो सकता है कि सरकार को बकायदा उसके लिए डाक टिकट जारी करनी पड़े तो आप इससे ही अंदाजा लगा सकते हैं कि उसकी मिठास और उसकी सुंदरता कि क्या मायने होंगे। जी हां आज हम आपको एक ऐसे ही आम से मिलाने जा रहे हैं जो आमों का राजा भी कहलाता है। आमतौर पर आम को ही फलों का राजा कहा जाता है परंतु इसकी सुंदरता के चलते इस सुंदरजा आम को आमों का राजा बना दिया गया।
सुंदरजा आम अपनी खासियत को लेकर समूचे विश्व में विख्यात है तथा उसकी मिठास कोयल की मीठी वाणी से भी ज्यादा मधुर होती है। जिसकी वजह से बाजारों में उसकी मांग भी लगातार रहती है। मध्यप्रदेश मे पाई जाने वाली आम की 213 प्रजातियों में सबसे प्रमुख सुदरजा है। यह मुख्यतः रीवा जिले के गोविन्दगढ की देन है जो अब पूरे देश की नर्सरियों में पाया जाता है। दिल्ली मुम्बई, चेन्नई कलकत्ता, पाकिस्तान, इंग्लैण्ड अमेरिका सहित अरब देशो में सुंदरजा अपनी खासियता के चलते आम प्रेमियों को लुभाता है।
इसकी खासियत है कि सुन्दरजा मे सेंट जैसी खुसबू होती है और जैसा इसका नाम है देखने मे भी उसी तरह सुन्दर दिखाई देता है आम मे मिठास तो इतनी है कि इसे आंख मूंद कर पहचाना जा सकता है जिसके चलते सभी सुन्दरजा को पंसद करते है। 1968 में इसके नाम से टिकट भी जारी हुआ था। सुन्दरजा मे कई तरह के गुण पाये जाते है इसलिए भी आम की प्रजातियो में सबसे बेहतर माना जाता है। डायबटीज के मरीज भी इस आम का स्वाद उठा सकते है और कई दिनो तक इसे रखा जा सकता है। सुन्दरजा के एक छोटे से पेड़ में 100 से 125 किलो की पैदावार होती है और एक आम का वजन कम से कम 2 सौ ग्राम होता है।