सरकार का लक्ष्य वर्ष 2047 तक मध्यप्रदेश को खेलों का प्रमुख केंद्र बनाना है: मंत्री सारंग

सरकार का लक्ष्य वर्ष 2047 तक मध्यप्रदेश को खेलों का प्रमुख केंद्र बनाना है: मंत्री सारंग

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  • Publish Date - December 24, 2025 / 07:44 PM IST,
    Updated On - December 24, 2025 / 07:44 PM IST

भोपाल, 24 दिसंबर (भाषा) मध्यप्रदेश के खेल एवं युवा कल्याण मंत्री विश्वास सारंग ने बुधवार को कहा कि मुख्यमंत्री मोहन यादव के नेतृत्व में सरकार का लक्ष्य वर्ष 2047 तक प्रदेश को भारत का प्रमुख खेल केंद्र (स्पोर्ट्स हब) बनाना है और इसके लिए प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में चरणबद्ध तरीके से आधुनिक खेल परिसरों का निर्माण किया जाएगा।

यहां आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में सारंग ने अपने दो वर्षों के कार्यकाल का लेखा-जोखा प्रस्तुत करते हुए कहा कि प्रदेश में खेल पर्यटन को बढ़ावा देने की दिशा में लगातार काम किया जा रहा है, ताकि अर्थव्यवस्था को नयी गति मिले और सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में उल्लेखनीय योगदान बढ़े।

उन्होंने बताया कि खेल आयोजनों, प्रशिक्षण शिविरों तथा राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के माध्यम से पर्यटकों की संख्या बढ़ेगी, जिससे होटल, परिवहन, स्थानीय व्यवसाय और रोजगार के अवसर सृजित होंगे।

सारंग ने कहा, “खेल अधोसंरचना के विकास से निवेश आकर्षित होगा और मध्यप्रदेश को खेल एवं पर्यटन के प्रमुख केंद्र के रूप में नयी पहचान मिलेगी।”

उन्होंने कहा कि प्रदेश के खिलाड़ी आज न केवल राष्ट्रीय बल्कि अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी पदक जीतकर देश व प्रदेश का नाम रोशन कर रहे हैं। प्रदेश के खिलाड़ियों ने अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में कुल 57 पदक और राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में 391 पदक अर्जित किए हैं।

खिलाड़ियों के सम्मान और भविष्य की सुरक्षा पर सरकार की प्रतिबद्धता को रेखांकित करते हुए मंत्री ने बताया कि प्रदेश के खिलाड़ियों को अर्जुन पुरस्कार, एकलव्य, विक्रम, विश्वामित्र और ‘लाइफटाइम अचीवमेंट’ जैसे प्रतिष्ठित पुरस्कार प्रदान किए गए हैं।

उन्होंने कहा कि विक्रम पुरस्कार प्राप्त 28 खिलाड़ियों को शासकीय सेवा में नियुक्ति दी गई है, जबकि ओलंपिक और एशियाई खेलों के पदक विजेताओं को राजपत्रित अधिकारी बनाए जाने का प्रावधान किया जा रहा है।

सारंग ने बताया कि प्रदेश में 18 खेलों की 11 खेल अकादमियां संचालित हैं, जहां 1,300 से अधिक खिलाड़ियों को अंतरराष्ट्रीय स्तर का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि खेल अधोसंरचना के क्षेत्र में मध्यप्रदेश अग्रणी राज्यों में शामिल है।

मंत्री ने बताया कि भोपाल के नाथू बरखेड़ा में लगभग 985 करोड़ रुपये की लागत से अंतरराष्ट्रीय स्तर का खेल परिसर निर्माणाधीन है। इसके अलावा प्रदेश में 20 अंतरराष्ट्रीय हॉकी सिंथेटिक टर्फ, 10 सिंथेटिक एथलेटिक ट्रैक तथा 120 से अधिक स्टेडियम और खेल परिसर विकसित किए जा चुके हैं।

उन्होंने कहा, “सरकार का लक्ष्य वर्ष 2047 तक मध्यप्रदेश को भारत का प्रमुख ‘स्पोर्ट्स हब’ बनाना है।”

सारंग ने बताया कि मध्यप्रदेश पुलिस में खेल कोटा लागू कर प्रतिवर्ष 10 उपनिरीक्षक और 50 कांस्टेबल की नियुक्ति का प्रावधान किया जाएगा। मुख्यमंत्री खेल अधोसंरचना विकास योजना के तहत प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में चरणबद्ध रूप से आधुनिक खेल परिसरों का निर्माण किया जाएगा।

उन्होंने बताया कि प्रदेश के खिलाड़ियों को अंतरराष्ट्रीय स्तर का प्रशिक्षण दिलाने के लिए विदेश भेजा जा रहा है और विदेशी प्रशिक्षकों की सेवाएं ली जा रही हैं।

मंत्री ने कहा कि 20वें एशियाई खेल 2026 और ओलंपिक 2036 की तैयारियों के तहत विशेष प्रशिक्षण शिविर, प्रतिभा खोज कार्यक्रम, नयी खेल अकादमियों और जिलावार खेल केंद्र स्थापित किए जा रहे हैं।

सहकारिता विभाग का भी कार्यभार संभाल रहे सारंग ने सहकारिता को ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ बताते हुए कहा कि शून्य प्रतिशत ब्याज पर फसल ऋण योजना के तहत वर्ष 2024-25 में 34.42 लाख किसानों को 21,493 करोड़ रुपये का ऋण वितरित किया गया।

उन्होंने बताया कि ‘सहकार से समृद्धि’ अभियान के अंतर्गत 656 नयी प्राथमिक कृषि ऋण समितियां (पैक्स), 758 दुग्ध सहकारी संस्थाएं और 203 मत्स्य सहकारी संस्थाओं का गठन किया गया है।

भाषा ब्रजेन्द्र खारी

खारी