दलित छात्रा को स्कूल जाने से रोकने की खबर निकली झूठी, ये थी असली वजह

news turned out to be false: दलित छात्रा को स्कूल जाने से रोकने की खबर निकली झूठी, ये थी असली वजह, 2 साल से था आपसी विवाद

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  • Publish Date - July 30, 2022 / 02:29 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:39 PM IST

news turned out to be false

news turned out to be false: शाजापुर। शाजापुर के बावलिया खेड़ी में बीते दिनों मीडिया की सुर्खियां बनी दलित छात्रा को स्कूल जाने से रोकने शिकायत पूरी तरह से झूठी निकली। पूरा विवाद सरकारी कुएं के रास्ते को बंद करने को लेकर हुआ था। जिला प्रशासन की ओर से इस मामले में एसडीएम शैली कनाज ने जांच दल गठित कर जांच करवाई थी। जिसमें सामने आया कि छात्रा के साथ ना किसी प्रकार की बदसलूकी हुई और ना ही छात्रा को किसी ने स्कूल जाने से रोका गया है। छात्रा कक्षा 12 वीं में पढ़ती है और किसी भी वर्ग भेदभाव के बिना गांव में पढ़ाई कर रही है।

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दो पक्षों में हुआ था विवाद

news turned out to be false: दरअसल विवाद की मुख्य वजह रास्ता था, जो बीते 2 सालों से चला रहा था। जिसके चलते बीते दिनों दोनों पक्षों में जमकर विवाद हुआ था। पुलिस और प्रशासनिक अमले ने मौके पर पहुंचकर विवादित रास्ता खुलवा दिया लेकिन मारपीट का वीडियो वायरल होने के बाद मामले ने इतना तूल पकड़ा कि पीड़ित दलित छात्रा और उसके परिजनों ने समाज के लोगों ने मिलकर दबाव बनाया। यह पुलिस ने बिना कोई जांच किए उनके बयानों के आधार पर दोषियों के खिलाफ एफआइआर तक दर्ज कर ली उसके बाद भी छात्रा और उसके परिजन के साथ समाज के लोग दोषियों की गिरफ्तारी पर लड़ गए।

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करणी सेना ने सौंपे थे सबूत

news turned out to be false: इस मामले में करणी सेना ने भी मोर्चा संभाला और बड़ी संख्या में करणी सेना के कार्यकर्ता एसपी ऑफिस पहुंचे और बताया कि छात्रा द्वारा लगाए गए स्कूल जाने से रोकने के आरोप बिल्कुल झूठे हैं। उन्होंने घटना वाले दिन छात्रा के पड़ोस के गांव में कलश यात्रा में शामिल होने के सबूत भी एसपी को सौंपा। साथ ही निष्पक्ष जांच की मांग की थी।

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राजस्व विभाग की टीम ने किया खुलासा

news turned out to be false: जिला प्रशासन ने जांच के लिए टीमें गठित राजस्व विभाग की टीम भी जांच करने पहुंची और जांच में पाया गया कि छात्रा द्वारा की गई शिकायत सरासर झूठी है। दरअसल पूरा विवाद रास्ते और कुएं बावड़ी को लेकर हुआ था। मामले को लेकर तहसीलदार सुनील जायसवाल द्वार अलग से जांच की गई। इनके प्रतिवेदन में बताया गया कि राजस्व से संबंधित ग्राम बावलिया खेड़ी के आवेदक ने शासकीय कुए पर कुंडली पर जाने का रास्ता एक महिला और उनके पुत्र ने बंद कर कुएं से पानी भरने में बाधा पहुंचाने पर विवाह करने की शिकायत करते हुए आवेदक ने अवैध रास्ते के अतिक्रमण को खुलवाने के लिए आवेदन दिया था।

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