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tiger state MP: भोपाल। (शिखिल ब्यौहार) टाइगर स्टेट मध्यप्रदेश के माथे पर देश में सर्वाधिक बाघों की मौत का कलंक भले ही लगा हो और बाघ संरक्षण को लेकर भी कई सवाल खड़े होते हों, लेकिन बाघों ने ही मध्यप्रदेश की आन, बान और शान बचाने का काम किया है। लगभग तय माना जा रहा है कि इस बार भी देश में टाइगर स्टेट का तमगा मध्यप्रदेश के पास ही रहेगा। कारण है कि मध्यप्रदेश के जंगलों की गोद में 124 बाघ शावक खेल रहे हैं।
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tiger state MP: 124 शावकों की एक-एक जानकारी न सिर्फ टाइगर स्टेट के लिए सर्वे की टीम ने बल्कि मध्यप्रदेश सरकार ने केंद्र की टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी को भी दी है। अब तक टाइगर स्टेट का दर्जा पाने के लिए मध्यप्रदेश और कर्नाटक के बीच प्रतिस्पर्धा रही है। बीते सर्वे में सिर्फ एक बाघ के अंतर से मध्यप्रदेश ने टाइगर स्टेट का दर्जा हासिल किया था। आंकड़े बताते हैं कि कर्नाटक में 525 बाघ तो मध्यप्रदेश में 526 बाघों की आमद दर्ज की गई थी। अब 124 नए शावकों की मौजूदगी दर्ज की गई है।
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tiger state MP: मध्य प्रदेश में अब टाइगर की संख्या भी 650 पहुंच गई है। मध्यप्रदेश के वन विभाग के प्रमुख सचिव अशोक बर्णवाल ने दावा किया कि बाघ संरक्षण के लिए मध्यप्रदेश ने कई प्रयोग किए। साथ ही बेहतर संरक्षण के कारण ही इनकी संख्या में इजाफा हुआ है। फिलहाल 650 कुल बाघों की मौजूदगी दर्ज की गई है। लेकिन इससे अधिक एमपी में बाघों की मौजूदगी की संभावना भी वन विभाग के मुखिया ने जताई है।