Publish Date - July 23, 2025 / 03:49 PM IST,
Updated On - July 23, 2025 / 03:50 PM IST
Ujjain News/Image Source: IBC24
HIGHLIGHTS
नागदा में दिल का दौरा पड़ने से बेहोश हुआ युवक,
डॉक्टरों ने समय रहते बचाई जान,
पूरा घटनाक्रम CCTV में कैद,
उज्जैन: Ujjain News: नागदा शहर में एक डॉक्टर की सजगता और तत्परता ने एक युवक की जान बचा ली। घटना नागदा के वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. सुनील चौधरी के क्लीनिक की है, जहाँ 30 वर्षीय एक युवक सीने में दर्द की शिकायत लेकर पहुंचा था। डॉक्टर मरीज की जांच कर ही रहे थे कि तभी युवक अचानक जमीन पर गिर पड़ा और बेहोश हो गया।
Ujjain News: मरीज की न तो सांसें चल रही थीं और न ही धड़कनें उसकी हार्टबीट और ब्लड प्रेशर पूरी तरह शून्य हो चुके थे। डॉ. चौधरी और उनकी टीम ने बिना समय गंवाए तत्काल CPR (कार्डियो पल्मोनरी रिससिटेशन) और DC शॉक देना शुरू किया। करीब 30 मिनट तक चले इस अथक प्रयास के बाद युवक की धड़कनें वापस लौट आईं। प्राथमिक उपचार के बाद युवक को इंदौर रेफर किया गया, जहाँ उसकी स्थिति अब स्थिर बताई जा रही है।
Ujjain News: पूरी घटना क्लीनिक में लगे सीसीटीवी कैमरे में रिकॉर्ड हो गई जो इस जीवन रक्षक प्रयास का साक्षी बन गया। डॉ. सुनील चौधरी ने बताया कि यदि CPR और शॉक समय पर नहीं दिए जाते, तो युवक की जान बचाना मुश्किल था। यह मामला एक बार फिर यह साबित करता है कि समय पर इलाज और चिकित्सकीय तत्परता से जीवन बचाया जा सकता है।
CPR (कार्डियो पल्मोनरी रिससिटेशन) एक आपातकालीन चिकित्सा तकनीक है जो दिल और फेफड़ों की कार्यप्रणाली को अस्थायी रूप से बनाए रखती है जब दिल की धड़कन या सांस बंद हो जाती है।
DC शॉक देने का क्या मतलब है?
DC शॉक (डिफिब्रिलेशन) एक विद्युत शॉक है जो दिल को सही ताल पर वापस लाने के लिए दिया जाता है, खासकर जब दिल अनियमित रूप से धड़क रहा हो या बंद हो गया हो।
अचानक दिल का दौरा पड़ने पर क्या करना चाहिए?
सबसे पहले तुरंत मेडिकल सहायता बुलाएं, यदि CPR करना आता है तो तुरंत शुरू करें और मरीज को हृदय रोग विशेषज्ञ के पास ले जाएं।
डॉ. सुनील चौधरी की इस घटना से हमें क्या सीख मिलती है?
समय पर चिकित्सा मदद और सजगता से जीवन बचाना संभव है, इसलिए आपातकालीन स्थिति में तुरंत कार्रवाई करना आवश्यक है।
क्या हर किसी को CPR और DC शॉक देने की ट्रेनिंग लेनी चाहिए?
हाँ, CPR और डिफिब्रिलेशन की ट्रेनिंग आम लोगों को भी लेनी चाहिए ताकि वे आपातकालीन स्थिति में मदद कर सकें।