रिपोर्ट- नवीन सिंह, भोपाल: BJP’s intentions for 2023? मध्यप्रदेश के अगले विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी ने पूरा जोर लगा दिया है। पचमढ़ी, जबलपुर और ग्वालियर का ये माहौल बता रहा कि बीजेपी के इरादे क्या हैं? दिग्गजों ने तेवर भी साफ कर दिए हैं कि हर हाल में 2023 के सियासी दंगल को जीतना है। रास्ता ज़रुर कठिन है लेकिन बीजेपी नेताओं के हौंसले बुलंद हैं। पूरी सरकार पचमढ़ी के जंगलों में सत्ता के राह में आने वाले कांटों को चुन रही है, तो संगठन भी आहिस्ता आहिस्ता जीत का रास्ता तलाश रहा है। खबर है कि रविवार तक चलने वाले मंथन शिविर में मुख्यमंत्री शिवराज सरकार बड़े फैसले लेंगे, वो फैसले जो जीत की राह को आसान करेंगे। शुरुआत भी हो चुकी है सरकार ने फिर तीर्थदर्शन योजना शुरु करने का ऐलान कर दिया है। इधर जबलपुर में बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने भी साफ कर दिया है कि युवाओं को बीजेपी से जोड़ने के लिए पार्टी अब तक का सबसे बड़ा यूथ कनेक्ट अभियान शुरु करेगी।
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BJP’s intentions for 2023? मिशन 2023 के लिए पूरी बीजेपी एक्टिव और टाइट है, लेकिन कांग्रेस में फिलहाल जबरदस्त फाइट नजर आ रही है। कांग्रेस में असंतुष्ट नेताओं की बढ़ती संख्या ने आलाकमान को परेशानी में डाल दिया है। अरुण यादव, अजय सिंह, गोविंद सिंह,उमंग सिंघार सरीखे दिग्गज नाराज़ बताए जा रहे हैं। भोपाल में सुनवाई नहीं होने की वजह से असंतुष्ट नेता अब दिल्ली दरबार में दस्तक दे रहे हैं। पार्टी के फैसलों में तवज्जों न मिलने से दुखी भी हैं। जाहिर है जब बीजेपी एकजुट है तो ऐसे में कांग्रेस कैसे दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी से मुकाबला करेगी, वो भी तब जब सिंधिया भी बीजेपी के साथ चले गए हैं।आलाकमान इस कोशिश मे है कि वक्त रहते सभी असंतुष्ट नेताओं को मना लिया जाए ताकि अगले चुनावों में बीजेपी को तगड़ा झटका दिया जा सके।
बरहारल मध्यप्रदेश के अगले चुनावों में फिलहाल 18 महीनों का वक्त बचा है, लेकिन कांग्रेस में घमासान के हालात हैं। पार्टी के असंतुष्ट नेता खुलकर सामने हैं, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष चुप हैं। धीरे धीरे पार्टी को चुनावों की तरफ ले जा रहे हैं, लेकिन डर भी है कि कहीं असंतुष्ट नेता कांग्रेस को ऐन मौके पर बड़ी चोट न दे दें। फिर भी जानकार मानते हैं कि 2023 का दंगल दिलचस्प जरूर होगा।