Face To Face Madhya Pradesh | Photo Credit: IBC24
भोपाल: Face To Face Madhya Pradesh ग्वालियर हाईकोर्ट खंडपीठ के परिसर में बाबा साहब की प्रतिमा स्थापना को लेकर विवाद बढ़ गया है। वकीलों का एक गुट प्रतिमा स्थापना के विरोध में है..जबकि भीम आर्मी हर हाल में प्रतिमा स्थापित करना चाहती है। विवाद मारपीट तक पहुंच गया है। सवाल है ये मामला दलित वर्सेस सवर्ण का है या फिर कोर्ट परिसर में जातिवादी राजनीति करने का? क्या इसके पीछे कोई सियासी चेहरा है और इस विवाद को सुलझाने के लिए क्या करने की जरूरत है?
Face To Face Madhya Pradesh मध्य प्रदेश हाइकोर्ट की ग्वालियर बेंच के परिसर में प्रस्तावित डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा का विवाद गहराता जा रहा है। आज भीम आर्मी के कुछ कार्यकर्ता ने हाईकोर्ट के बाहर नारेबाजी की। जिसके बाद वकीलों ओर भीम आर्मी के बीच झड़प हो गयी है। आनन-फानन में भारी पुलिस फोर्स तैनात कर दिया गया है, तो वहीं मूर्ति विवाद को सुलझाने के लिए चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत 19 मई को बार एसोसिएशन के साथ दोनों पक्षों को जबलपुर बुलाया है।
हाइकोर्ट की ग्वालियर बेंच के परिसर में प्रस्तावित डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा का विवाद गहराता जा रहा है। विवाद का तीसरा दिन है। जब दोनों पक्षों के वकील आक्रोशित है। वहीं सोशल मीडिया पर एक दूसरे खिलाफ लिखा जा रहा है। जिससे लगातार तनाव की स्थिति पैदा हो रही है। सबसे पहला विवाद। गुरूवार से शुरू हुआ। जब डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा को लगाने के लिए लाया गया। जिसके बाद से हाईकोर्ट में तनाव की स्थिति बनी हुई है। बार एसोसिएशन के अध्यक्ष पवन पाठक का कहना है कि सोशल मीडिया पर भड़काउ पोस्ट नहीं डाले।
वही दूसरे पक्ष का कहना है कि यह सीधे तौर पर नियमों को ताक पर रखकर अंबेडकर जी की मूर्ति को लगाए जाने का विरोध किया जा रहा है। जबकि मूर्ति आ चुकी है वकीलों ने अपने पास से मूर्ति को लगवाने के लिए पैसा इकट्ठा किया था। जो पक्ष मूर्ति को नहीं लगने दे रहा है, वह संविधान विरोधी है। वहीं आज भीम आर्मी के कार्यकर्ताओं के साथ मारपीट हुई है, उसका भी विरोध कर रहे है।
बहरहाल मामला हाईकोर्ट से जुड़ा हुआ है, तो ऐसे में कोई पक्ष आक्रोशित होकर कोई बड़ा कदम न उठा ले इसलिए हाईकोर्ट के बाहर भारी सुरक्षा व्यवस्था है। वही दूसरी ओर सबकी निगाहें, 19 मई पर टिकी हुई है, जब चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत के साथ दोनों पक्षों के वकील ओर बार एसोसिएशन के मेंबर्स के साथ मीटिंग होनी है। उसमें फैसला लिया जाएंगा मूर्ति लगनी है, या नही।