Face To Face Madhya Pradesh | Photo Credit: IBC24
भोपाल: Face To Face Madhya Pradesh मध्य प्रदेश की राजनीति में इस वक्त एक एफआईआर ने उबाल ला दिया है। जिसके रडार में है कांग्रेस अध्यक्ष जीत पटवारी एंड ब्रदर मामला संगीन है। आरोप भी गंभीर हैं और कटघरे में हैं पटवारी परिवार कांग्रेस के लिए ये एक आपदा है और बीजेपी के लिए ये एक अवसर जाहिर है बयानों की बाढ़ आ रही है। एक तरफ हमला तो दूसरी ओर बचाव की कोशिशें जारी है, लेकिन असल मसला ये है कि इस वक्त कौन किस पर भारी है?
Face To Face Madhya Pradesh ये हैं जीतू पटवारी है इनका प्रमुख काम है, जनहित के मुद्दों को लेकर सरकार को घेरना क्योंकि इस समय ये मध्य प्रदेश कांग्रेस के चीफ है। असल में ये साढ़े 6 एकड़ ज़मीन नरेंद्र मेहता नाम के एक बुजुर्ग की है। जिसकी ज़मीन पर जीतू पटवारी के सगे भाई नाना पटवारी, भरत पटवारी और कांग्रेस के जिलाध्यक्ष महोदय सदाशिव यादव ने कब्जा कर लिया है और अब वहां टेम्परोरी घर बनाकर बकायदा मीटिंग-वीटिंग शुरू कर दिया है।
ज़मीन पर कब्जा करने के लिए कांग्रेस के जिला अध्यक्ष और जीतू पटवारी के दोनों भाईयों ने पूरी प्लानिंग की। ज़मीन पर पहले अखिल भारतीय यादव समाज पब्लिक ट्र्स्ट का बोर्ड लगवाया। जिसमें महू वाले किसी राधेश्याम यदव का नाम लिखावा दिया। जिससे लगे की यहां गौशाला बनाई जाएगी, लेकिन पोल पट्टी खुल गई। फिर क्या था बीजेपी वाले कांग्रेसियों को पानी पी पी कर कोस रहे हैं और कांग्रेसी कह रहे हैं कि ये तो निजी हमला है।
मतलब जीतू पटवारी के भाई है तो किसी की ज़मीन पर कब्जा करेंगे और कांग्रेस के जिलाध्यक्ष उनका साथ देंगे और कांग्रेसी कहेंगे कि ये निजी हमला है। एक सवाल हुक्मरानों से भी किसी की जमीन पर कब्जा किया जाता है और आप हाथ पर हाथ धरे देखते रहते हो ये कहां का न्याय है। सवाल माननीय पीसीसी चीफ जीतू पटवारी से भी कि आप किसके साथ खड़े हैं जमीन कब्जा करने वाले अपने भाईयों और जिलाध्यक्ष के साथ या बुजुर्ग किसान नरेंद्र मेहता के साथ?