भोपाल, एक दिसंबर (भाषा) मध्यप्रदेश विधानसभा का शीतकालीन सत्र सोमवार को शुरू हो गया, जिसकी शुरुआत दिग्गज फिल्म अभिनेता धर्मेंद्र, कांग्रेस के पूर्व केंद्रीय मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल, दिल्ली धमाके के पीड़ितों और राज्य पुलिस की ‘हॉक फोर्स’ के निरीक्षक आशीष शर्मा को श्रद्धांजलि अर्पित करने के साथ हुई।
सदन की कार्यवाही शुरू होते ही विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर ने दिवंगत लोगों के नाम लिए और उन्हें श्रद्धांजलि दी।
धर्मेंद्र को याद करते हुए मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि वह एक बेहद प्रसिद्ध कलाकार थे और फिल्म शोले में उनका अभिनय आज भी लोगों के मन में ताजा है।
मुख्यमंत्री ने नगालैंड के पूर्व राज्यपाल एव राज्यसभा सदस्य ला गणेशन तथा दिल्ली में लाल किले के पास हुए धमाके में मारे गए लोगों को भी श्रद्धांजलि अर्पित की।
निरीक्षक शर्मा की बहादुरी का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘वह एक साहसी अधिकारी थे। उन्हें दो बार राष्ट्रपति पदक और एक बार वीरता पदक मिला था। हम नरसिंहपुर जिले के इस वीर बेटे को सलाम करते हैं। बाबा महाकाल से प्रार्थना है कि वे उन्हें अपने चरणों में स्थान दें।’’
छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले के जंगलों में नक्सलियों से मुठभेड़ में शर्मा की मृत्यु हो गई थी।
विपक्ष के नेता उमंग सिंघार ने धर्मेंद्र को पंजाब के एक छोटे से गांव से निकलकर महान कलाकार बने व्यक्तित्व के रूप में याद किया।
उन्होंने कहा, ‘‘अपने गाने ‘मैं जट यमला पगला दीवाना’ से उन्होंने पूरे देश को दीवाना बना दिया। ऐसा जुनून बहुत कम कलाकारों में दिखा है।’’
दिल्ली धमाके का जिक्र करते हुए सिंघार ने कहा कि इसमें 15 लोगों की मौत हुई थी और राजधानी में हुई ऐसी घटना सुरक्षा व्यवस्था के लिए गंभीर चिंता का विषय है।
शर्मा को श्रद्धांजलि देते हुए उन्होंने कहा, ‘‘हम उनके अंतिम संस्कार में मुख्यमंत्री, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और कई मंत्रियों के साथ मौजूद थे। इस नौजवान ने देश के युवाओं को प्रेरणा दी है।’’
नेता प्रतिपक्ष ने छिंदवाड़ा में ‘‘मिलावटी’’ कफ सिरप पीने से बच्चों की मौत पर शोक व्यक्त किया और कहा कि दिवाली के दौरान हुई इस त्रासदी ने कई परिवारों के चिराग बुझा दिए।
उन्होंने इंदौर के एम.वाय. अस्पताल में चूहों के हमले के पीड़ितों तथा मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के दौरान जान गंवाने वाले बूथ लेवल अधिकारी (बीएलओ) को भी श्रद्धांजलि दी।
सिंघार ने कहा कि राज्य सरकार को सहानुभूति के रूप में इन घटनाओं को शोक सूची में शामिल करना चाहिए था। इस पर सत्तापक्ष ने आपत्ति जताई और सूची से बाहर की घटनाओं का उल्लेख करने पर विपक्ष से तीखी बहस हुई।
राज्य के खेल और युवा कल्याण मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि सदन का संचालन नियमों के मुताबिक होगा और यदि किसी सदस्य को लगता है कि कोई नाम छूट गया है तो वे अलग से उसका उल्लेख कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि शोक प्रस्ताव की गरिमा बनाए रखी जानी चाहिए।
इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने सदस्यों से नियमों के अनुसार मामलों को उठाने का आग्रह किया।
सदन में दिवंगतों के सम्मान में दो मिनट का मौन रखा गया और फिर कार्यवाही को दस मिनट के लिए स्थगित कर दिया गया।
सदन के पुनः शुरू होने पर कांग्रेस नेता भंवर सिंह शेखावत ने सत्र की कम अवधि पर सवाल उठाए और आरोप लगाया कि सरकार किसानों, युवाओं और महिलाओं के खिलाफ अपराध जैसे मुद्दों पर चर्चा से बच रही है।
उन्होंने कहा, ‘‘सदन की अवधि कम करना एक परंपरा बन गई है।’’ इस पर विपक्ष के अन्य सदस्य भी आसन के निकट आ गए और नारेबाजी करते हुए सत्र की अवधि बढ़ाने की मांग की।
अध्यक्ष ने कहा कि इस मुद्दे पर कार्यमंत्रणा समिति की बैठक में चर्चा की जाएगी।
भाषा दिमो खारी
खारी