महाराष्ट्र: हिंसा की ताजा घटनाओं के बाद अमरावती में कर्फ्यू, इंटरनेट सेवा बंद

महाराष्ट्र: हिंसा की ताजा घटनाओं के बाद अमरावती में कर्फ्यू, इंटरनेट सेवा बंद

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  • Publish Date - November 13, 2021 / 06:55 PM IST,
    Updated On - November 13, 2021 / 06:55 PM IST

अमरावती, 13 नवंबर (भाषा) महाराष्ट्र के अमरावती में ‘बंद’ के दौरान हिंसा की ताजा घटनाओं के बाद शनिवार को कर्फ्यू लगा दिया गया और इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गईं। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी।

पुलिस ने बताया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की ओर से कथित तौर पर बुलाए गए बंद के दौरान शनिवार सुबह उग्र भीड़ ने दुकानों पर पथराव किया।

त्रिपुरा में हुई सांप्रदायिक घटना के विरोध में अमरावती में मुस्लिम संगठनों द्वारा शुक्रवार को आयोजित रैली के दौरान हुए पथराव के विरोध में शनिवार को बंद का आह्वान किया गया था।

शहर की पुलिस आयुक्त आरती सिंह ने कहा कि इंटरनेट सेवाएं तीन दिन तक निलंबित रहेंगी जिससे कि हिंसा भड़काने वाली अफवाहों को फैलने से रोका जा सके।

शनिवार सुबह, अमरावती में सैकड़ों लोग राजकमल चौक क्षेत्र में निकल आए और उनमें से कई के हाथ में भगवा झंडे थे।

पुलिस अधिकारी ने बताया कि भीड़ में मौजूद कुछ लोगों ने राजमकल चौक और अन्य जगहों पर पथराव किया जिसके बाद स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा। शुक्रवार और शनिवार को पथराव की घटनाएं होने के बाद किसी अप्रिय घटना को टालने के लिए, अतिरिक्त पुलिस आयुक्त संदीप पाटिल ने दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 144 (1), (2), (3) के तहत शहर में कर्फ्यू लगा दिया।

आदेश के अनुसार, चिकित्सा संबंधी आपात स्थिति को छोड़कर लोगों को अपने घरों से बाहर निकलने की अनुमति नहीं है तथा किसी एक जगह पर पांच से ज्यादा लोगों के एकत्र होने की भी इजाजत नहीं है।

त्रिपुरा में हुई घटनाओं के विरोध में शुक्रवार को मुस्लिम संगठनों ने अमरावती, नांदेड़, मालेगांव, वाशिम और यवतमाल में रैलियां निकाली थीं और इस दौरान पथराव की घटनाएं हुई थीं।

शुक्रवार को हुई घटनाओं के संबंध में पुलिस ने अब तक 20 लोगों को गिरफ्तार किया है और चार अन्य को हिरासत में लिया है।

अधिकारियों ने बताया कि शुक्रवार को आठ हजार से अधिक लोग ज्ञापन सौंपने के लिए अमरावती के जिलाधिकारी कार्यालय के बाहर जमा हुए थे, जिसमें अल्पसंख्यक समुदाय के खिलाफ कथित ज्यादती को रोकने की मांग की गई थी।

उन्होंने कहा कि ज्ञापन सौंपकर जब लोग निकल रहे थे तो कोतवाली थाना क्षेत्र के अंतर्गत चित्रा चौक और कपास बाजार के बीच तीन स्थानों पर पथराव हुआ।

इस बीच, विपक्षी दल भाजपा पर निशाना साधते हुए शिवसेना सांसद संजय राउत ने शनिवार को कहा कि अमरावती और अन्य स्थानों पर हुई हिंसा का उद्देश्य राज्य की महा विकास आघाडी सरकार को अस्थिर करने का है।

राउत ने औरंगाबाद में पत्रकारों से कहा कि राज्य सरकार गिरने वाली नहीं है और हिंसा फैलाने वालों के असली चेहरे जल्द ही बेनकाब होंगे।

भाषा यश नेत्रपाल

नेत्रपाल