आंध्र प्रदेश के राज्यपाल, मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष ने क्रिसमस पर दीं शुभकामनाएं

आंध्र प्रदेश के राज्यपाल, मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष ने क्रिसमस पर दीं शुभकामनाएं

  •  
  • Publish Date - December 25, 2025 / 12:23 PM IST,
    Updated On - December 25, 2025 / 12:23 PM IST

अमरावती, 25 दिसंबर (भाषा) आंध्र प्रदेश के राज्यपाल एस. अब्दुल नजीर, मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू और नेता प्रतिपक्ष वाई.एस. जगन मोहन रेड्डी ने क्रिसमस के अवसर पर लोगों को शुभकामनाएं दीं।

मुख्यमंत्री नायडू ने कहा कि शांति के दूत ईसा मसीह के जन्म पर क्रिसमस दुनिया भर में खुशी, उम्मीद और आत्मिक चिंतन के साथ मनाया जाता है।

नायडू ने ‘एक्स’ पर पोस्ट कर कहा, ‘‘क्रिसमस के अवसर पर मैं दिल से कामना करता हूं कि यह त्योहार हम सभी के जीवन में नयी रोशनी भर दे।’’

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि क्रिसमस मानवता में विश्वास को फिर से मजबूत करता है।

उन्होंने कहा कि मसीह द्वारा दिखाए गए मूल्य-प्यार, माफी, धैर्य और सेवा,आज के समाज के लिए और भी अधिक आवश्यक हैं। उन्होंने इस बात पुष्टि की कि राज्य सरकार ईसाई धर्म को मानने वाले पादरियों के समर्थन में मजबूती से खड़ी है।

इससे पहले, आंध्र प्रदेश सरकार ने क्रिसमस के उपहार के रूप में 8,000 से अधिक पादरियों को 50 करोड़ रुपये से ज्यादा की सम्मान राशि वितरित की। इस योजना के तहत 8,000 से अधिक पादरियों को 12 महीनों तक हर महीने 6,000 रुपये दिए जाएंगे।

राज्यपाल नजीर ने कहा कि क्रिसमस ईसा मसीह की आनंदमय स्मृति का समय है और प्रेम, दया, करुणा तथा उदारता दिखाने का अवसर है।

लोक भवन से जारी एक आधिकारिक प्रेस विज्ञप्ति में उन्होंने कहा, ‘‘क्रिसमस के शुभ अवसर पर मैं आंध्र प्रदेश के सभी ईसाई भाइयों और बहनों को हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं।’’

उन्होंने कहा कि ईसा मसीह का जीवन सदाचार और विश्वास के साथ जीने की प्रेरणा देता है।

इसी तरह, पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष जगन मोहन रेड्डी ने आंध्र प्रदेश तथा दुनिया भर के ईसाई समुदाय को क्रिसमस की शुभकामनाएं दीं।

वाईएसआरसीपी की एक प्रेस विज्ञप्ति में उन्होंने कहा, “क्रिसमस ईसा मसीह के जन्म का प्रतीक है, जो मानवता को श्रेष्ठ मूल्यों और निस्वार्थ सेवा का मार्ग दिखाने के लिए इस दुनिया में आए।”

उन्होंने कहा कि करुणा, प्रेम, क्षमा, धैर्य, दान और त्याग ईसा मसीह द्वारा सिखाए गए शाश्वत मूल्य हैं और यह पर्व लोगों को जीवन में इन आदर्शों को अपनाए रखने की याद दिलाता है।

भाषा खारी शोभना

शोभना