बीएमसी ने मुंबई में वायु गुणवत्ता में सुधार का दावा किया, कहा- ‘जीआरएपी’ का चौथा चरण अभी लागू नहीं
बीएमसी ने मुंबई में वायु गुणवत्ता में सुधार का दावा किया, कहा- ‘जीआरएपी’ का चौथा चरण अभी लागू नहीं
मुंबई, एक दिसंबर (भाषा) बृहन्मुंबई महानगर पालिका (बीएमसी) ने सोमवार को दावा किया कि शहर और उसके उपनगरों में किए गए कई प्रदूषण नियंत्रक उपायों के कारण 26 नवंबर के बाद से आर्थिक राजधानी की वायु गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार हुआ है।
बीएमसी ने यहां एक विज्ञप्ति में यह भी स्पष्ट किया कि वायु प्रदूषण पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से कड़े प्रतिबंधों वाले ‘चरणबद्ध प्रतिक्रिया कार्ययोजना’ (जीआरएपी) का चौथा चरण वर्तमान में मुंबई में लागू नहीं है, लेकिन गहन निगरानी के निर्देश दिए गए हैं।
नगर आयुक्त और बीएमसी प्रशासक भूषण गगरानी ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे उन निजी निर्माण स्थलों के साथ-साथ सरकारी व गैर-सरकारी परियोजनाओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई जारी रखें, जो महानगर पालिका के 28-सूत्रीय दिशानिर्देशों का उल्लंघन करते हैं।
बीएमसी ने कहा कि हवा की गति में सुधार के साथ-साथ अनियमित निर्माण परियोजनाओं को नोटिस, धुंध, पानी का छिड़काव, सड़क की धुलाई, जागरूकता अभियान और बेकरी व श्मशान घाटों द्वारा स्वच्छ ईंधन अपनाने जैसे उपायों ने पिछले 48 घंटे में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) में सुधार लाने में योगदान दिया है।
बीएमसी के मुताबिक, 28 नवंबर से पहले उच्च आर्द्रता के साथ हवा की गति तीन से चार किलोमीटर (किमी) प्रति घंटा थी, जो अब बढ़कर 10 से 18 किमी प्रति घंटा हो गई है जिससे मुंबई में प्रदूषण कम करने में मदद मिली है।
बीएमसी ने प्रदूषण कम करने के उपायों के कार्यान्वयन की निगरानी के लिए 94 वार्ड-स्तरीय उड़न दस्ते बनाए हैं।
ये टीम निजी स्थलों के साथ-साथ सड़क व मेट्रो परियोजना के खंडों का निरीक्षण कर रही हैं और जहां भी उल्लंघन पाया जाता है, वहां काम रोकने के नोटिस जारी कर रही हैं।
सीपीसीबी मानकों के अनुसार, 0 से 50 के बीच एक्यूआई को ‘अच्छा’, 51-100 को ‘संतोषजनक’, 101-200 को ‘मध्यम’, 201-300 को ‘खराब’, 301-400 को ‘बेहद खराब’ और 401-500 को ‘गंभीर’ माना जाता है।
भाषा जितेंद्र संतोष
संतोष

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